भोपाल। कांग्रेस ने भी मध्यप्रदेश से राज्यसभा प्रत्याशी घोषित कर दिया है. अशोक सिंह मूलरूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं. वह अभी प्रदेश कांग्रेस में कोषाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं. इससे पहल अशोक सिंह ग्वालियर से दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार फिर वह लोकसभा चुनाव के तगड़े दावेदार के रूप में उभर रहे थे. बता दें कि अशोक सिंह यादव समाज से आते हैं. ग्वालियर-चंबल में उनका जनाधार माना जाता है. इस सीट के लिए प्रदेश कांग्रेस के कई दावेदार थे लेकिन अशोक सिंह सब पर भारी पड़े.
ऐसा रहा है अशोक सिंह का पॉलिटिकल करियर
अशोक सिंह के पॉलिटिकल करियर की बात करें तो अशोक सिंह प्रदेश कांग्रेस का ओबीसी चेहरा हैं. वे दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं और कांग्रेस पार्टी में अहम पदों पर रहे हैं. अशोक सिंह ग्वालियर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली और वर्तमान में कोषाध्यक्ष हैं. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भी कई बार उन पर भरोसा जताया है. कांग्रेस ने अशोक सिंह को साल 2007, 2009, 2014 और फिर 2019 में भी ग्वालियर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, हालांकि उनकी किस्मत उस दौरान साथ नहीं दे सकी.
ग्वालियर अंचल में कांग्रेस को मिलेगी मजबूती
अशोक सिंह को कट्टर कांग्रेसी माना जाता है. कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीवार अशोक सिंह के पिता राजेंद्र सिंह भी विधायक और मध्य प्रदेश के मंत्री रहे हैं. इनके बाबा डोंगर सिंह भी स्वतंत्रता सेनानी रहे थे. ऐसे में अब जब उन्हें राज्यसभा के उम्मीदवार के रूप में मनोनीत कर दिया गया है तो इससे ग्वालियर चंबल अंचल में भी कांग्रेस को जमीनी तौर पर मजबूती मिलेगी. माना जा रहा है कि वे गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे.
कमलनाथ के साथ ही जीतू पटवारी भी थे दावेदार
भोपाल कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में चौंकाने वाला नाम सामने आया है. पार्टी के कई सीनियर नेताओं के नाम को दरकिनार करते हुए कांग्रेस ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में उपाध्यक्ष अशोक सिंह को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. अशोक सिंह पिछले करीब 25 सालों से कांग्रेस में सकरी रूप से काम करते रहे हैं. मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस को राज्यसभा की एक सीट पर जीत मिल सकती है. इस सीट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ ही प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी व वरिष्ठ नेता अरुण यादव दावेदार थे. माना जा रहा है गुटबाजी से बचने के लिए इन तीनों नामों पर कांग्रेस आलाकमान ने विचार नहीं किया और अशोक सिंह के नाम पर मुहर लगी
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काम न आई कमलनाथ की डिनर पॉलीटिक्स
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अनुशासन समिति का गठन कर अशोक सिंह को समिति का अध्यक्ष बनाया था. अशोक सिंह गुरुवार को राज्यसभा का अपना नामांकन दाखिल करेंगे. उनके नामांकन दाखिल करने के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह सहित तमाम कांग्रेस के नेता उपस्थित रहेंगे. बता दें कि कमलनाथ ने एक दिन पहले ही प्रदेश के सभी कांग्रेस विधायकों को डिनर पर बुलाया था. कमलनाथ द्वारा दिए गए भोज को उनकी डिनर पॉलिटिक्स से जोड़कर देखा जा रहा था.