भोपाल। लोकसभा चुनाव के नतीजों के पहले एग्जिट पोल के परिणामों से कांग्रेस में खलबली मची हुई है. एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश की 29 में से एक बार फिर 28 सीटें बीजेपी के खाते में जाती दिखाई दे रही है, हालांकि कांग्रेस एग्जिट पोल से इत्तेफाक नहीं रखती. कांग्रेस का दावा है कि 4 जून के नतीजे एग्जिट पोल को नकार देंगे. प्रदेश में दो अंकों में कांग्रेस की सीटें आने जा रही हैं. 6 सीटों पर तो कांग्रेस अपनी जीत पक्की मानकर चल रही है.
इन 6 सीटों पर कांग्रेस की जीत पक्की ?
एग्जिट पोल के नतीजे कांग्रेस के बिलकुल भी गले नहीं उतर रहे. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि यह नतीजे सिर्फ बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए हैं. इस बार मध्य प्रदेश में नतीजे बेहद चौंकाने वाले आने वाले हैं. उनका दावा है कि मध्य प्रदेश की 29 में से 6 सीटों पर कांग्रेस की जीत पक्की है. कांग्रेस प्रदेश मीडिया प्रभारी मुकेश नायक का कहना है कि मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा, राजगढ़, रतलाम, मंडला, मुरैना, ग्वालियर लोकसभा सीट पर कांग्रेस जीत दर्ज करने जा रही है. इसके अलावा कई और सीटों पर कांग्रेस बेहद मजबूत हैं और जीत सकती है. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पूरा जोर लगाया. इसके बाद भी बीजेपी को इस सीट से हार का ही सामना करना पड़ेगा. यही स्थिति दूसरी 6 सीटों पर भी देखने को मिलेंगी.
क्या लक्ष्मण बूटी मिलेगी कांग्रेस को ?
राजनीतिक जानकारों की मानें तो मध्य प्रदेश में इंडिया अलायंस की स्थिति मजबूत नहीं रही. एक माह सीट खजुराहो पर इंडिया गठबंधन ने उम्मीदवार उतारा था, लेकिन उसका नामांकन भी निरस्त हो गया था. राजनीतिक जानकार अजय बोकिल कहते हैं कि 'प्रदेश में बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस संगठनात्मक रूप से कमजोर रही है, लेकिन कई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार से व्यक्तिगत रूप से बहुत मजबूती से चुनाव लड़ा है. इसलिए प्रदेश में कांग्रेस की सीट बढ़ जाएं तो आश्चर्य नहीं होगा, लेकिन यह इतनी भी नहीं हो सकती, जितना दावा किया जा रहा है, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की एक भी सीट बढ़ती है तो यह कांग्रेस के लिए लक्ष्मण बूटी से कम नहीं होगी. कांग्रेस भी कहीं न कहीं इस बात से संतुष्ट होगी कि कई सीटों पर कांग्रेस ने मजबूत टक्कर दी है.
इसलिए इन 6 सीटों पर दिख रही उम्मीद
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ माना जाता रहा है. इस बार इस सीट से कांग्रेस ने कमलनाथ के सांसद बेटे नकुलनाथ से सीट हथियाने पूरा जोर लगाया. चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में छिंदवाड़ा के असंतुष्ट कांग्रेसियों ने बीजेपी का दामन दामा, लेकिन कमलनाथ और नकुलनाथ पूरी मजबूती के साथ मैदान में डटे रहे. उधर बीजेपी के तमाम दिग्गज इस सीट पर प्रचार के लिए पहुंचे. देखना होगा कि मतदाताओं के मन को आखिर कौन छू पाया.
राजगढ़ लोकसभा सीट पर भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की साख दांव पर लगी है. करीब 30 साल बाद दिग्विजय सिंह इस सीट पर चुनाव लड़ने मैदान में उतरे. उन्होंने इस चुनाव को अपना आखिरी चुनाव बताकर लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ने की कोशिश की है. उधर बीजेपी से इस सीट से दो बार के सांसद रोडमल नागर ने चुनाव लड़ा है.
रतलाम लोकसभा सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांग्रेस उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया और प्रदेश सरकार में मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता नागर सिंह के बीच मुकाबला है. दोनों ही उम्मीदवारों ने इस सीट पर अपना पूरा जोर लगाया है. इस सीट में आने वाली आदिवासी विधानसभा सीटों से कांग्रेस को खासी उम्मीदें हैं और यही वजह है कि कांग्रेस को यहां जीत की पूरी उम्मीद है.
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मंडला लोकसभा सीट पर केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस उम्मीदवार ओमकार सिंह मरकार में बीच मुकाबला बेहद चुनौतीपूर्ण है. दोनों ही आदिवासी नेता है. कुलस्ते ने भी पिछले दिनों बयान दिया था कि क्षेत्र में कुछ स्थानों पर मेरी स्थिति टाइट है, लेकिन हर बार मैं चुनाव जीत जाता हूं और इस बार भी ऐसा ही होगा. उधर मरकार का कहना है कि इस बार नतीजे पलटने वाले हैं.
मुरैना और ग्वालियर लोकसभा सीट त्रिकोणीय मुकाबले से उलझी हुई दिखाई दे रही है. कांग्रेस इन दोनों सीटों पर अपनी स्थिति बेहद मजबूत मानकर चल रही है, हालांकि बीजेपी का दावा है यह दोनों ही सीटें पार्टी के खाते में ही आएंगी. ऐसे ही जीत के दावे कांग्रेस ग्वालियर लोकसभा सीट को लेकर भी कर रही है.