भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में मची भगदड़ और बीजेपी ज्वाइन करने के सिलसिले के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच हुई मुकालात से सियासी पारा फिर चढ़ गया है. दोनों नेताओं ने बंद कमरे में मुलाकात की. इसके बाद मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए गोविंद सिंह ने इसे शिष्टाचार की मुलाकात बताया. उन्होंने साफ किया "इसका कोई राजनीनितक मतलब न निकालें. वह कांग्रेस में ही रहेंगे. नरोत्तम मिश्रा से तो वह लगातार मुलाकात करते रहते हैं."
गोविंद सिंह ने मुरैना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से किया इंकार
बता दें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं. अभी तक गोविंद सिंह कह रहे थे कि वह मुरैना से चुनाव लडेंगे, लेकिन अब वे पलट गए. गोविंद सिंह का कहना है "वह मुरैना से चुनाव नहीं लड़ेंगे. मेरा मुरैना से चुनाव लड़ने का विचार था लेकिन अब त्याग दिया है." जब डॉ. गोविंद सिंह से पूछा गया कि क्या वह भी भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा "वह कांग्रेस में थे और कांग्रेस में रहेंगे. किसी नेता से मिलने का ये मतलब नहीं कि पार्टी छोड़ रहे हैं. विचारधारा अपनी जगह है और पार्टी अपनी जगह."
कांग्रेस नेताओं के बीजेपी ज्वाइन करने की मुख्य वजह बताई
गोविंद सिंह ने कहा "नरोत्तम मिश्रा हमारे पुराने मित्र हैं. मुलाकात चलती रहती है." पार्टी छोड़ रहे नेताओं पर बोले गोविंद सिंह ने कहा "किसी को मान-सम्मान उतना नहीं मिला जितना वे चाहते हैं तो पार्टी छोड़ रहे. इसके साथ ही नेताओं की महत्त्वाकांक्षा भी ज्यादा जिससे वे पार्टी छोड़ रहे हैं. ये तो कांग्रेस नेतृत्व को देखना चाहिए." गौरतलब है कि नरोत्तम मिश्रा को बीजेपी ने न्यू ज्वाइनिंग टोली का संयोजक बनाया है. इसके बाद लगातार कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.
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कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने शायराना अंदाज में कसा तंज
कांग्रेस नेताओं द्वारा बीजेपी ज्वाइन करने पर कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने शायराना अंदाज में कमेंट किया "यह सच है कि आज यह दरख़्त सूखा दिखाई दे रहा है, कल इसमें नई कोपलें भी आएंगी, सुंदर पत्ते भी होंगे और हरियाली और शीतल छांव भी देगा, पतझड़ हुए बिना पेड़ पर नए पत्ते नहीं आते हैं. परेशानी और कठिनाई सहे बिना परिवर्तन भी नहीं आते हैं." गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस अभी तक लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर पाई है. इसकी बड़ी वजह कांग्रेस नेताओं का चुनाव लड़ने से मना करना है.