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MP में कांग्रेस को एक और झटका, रीवा में त्रियुगी नारायण शुक्ला ने समर्थकों के साथ दिया इस्तीफा - Rewa congress men resign - REWA CONGRESS MEN RESIGN

मध्यप्रदेश कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं. रीवा कांग्रेस के पूर्व ग्रामीण जिला अध्यक्ष समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओ ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. सभी ने कांग्रेस में परिवारवाद का आरोप लगाया है.

Rewa congress men resign
मध्यप्रदेश कांग्रेस त्रियुगी नारायण शुक्ला ने समर्थकों के साथ दिया इस्तीफा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 1, 2024, 7:39 PM IST

एमपी कांग्रेस को रीवा में एक और झटका त्रियुगी नारायण शुक्ला का इस्तीफा

रीवा। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में भगदड़ जैसे हालात हैं. कांग्रेस नेता लगातार बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं. रीवा जिले में अब तक 600 से अधिक कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो चुके है. सोमवार को कांग्रेस के पूर्व जिला ग्रामीण अध्यक्ष ने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. अटकले हैं कि ये कांग्रेसी अब मंगलवार को रीवा में सीएम मोहन यादव के सामने बीजेपी की सदस्यता ले सकते हैं.

सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा

रीवा कांग्रेस के पूर्व ग्रामीण जिला अध्यक्ष त्रियुगी नारायण शुक्ला ने सोमवार को सैकड़ों कार्यकर्ताओ के साथ पद से इस्तीफा दे दिया. त्रियुगी नारायण ने पत्रकारवार्ता में कांग्रेस पार्टी के रीति नीति पर सवालिया निशान लगाए. पार्टी के नेताओ पर भी गंभीर आरोप लगाए. पत्रकारवार्ता के दौरान 100 अधिक कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने पार्टी से सामूहिक स्तीफा दिया है. त्रियुगी नारायण शुक्ला ने अभी ये खुलासा नहीं किया कि वह अपने समर्थको के साथ किस दल का दामन थामेंगे. शुक्ला ने कहा "1985 से वह कांग्रेस में रहे. पार्टी में काम करते लगभग 39 साल बीत गए. दो बार पार्टी ने उन्हे विधानसभा चुनाव में टिकट दी और उन्होंने चुनाव लड़ा."

कांग्रेस नेतृत्व ने रीवा को प्रयोगशाला बना दिया

त्रियुगी ने कहा "रीवा जिले में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी और ब्लाक के जो भी अध्यक्ष रहे, इन सबकी मेहनत से ही संगठन जिले में खड़ा हुआ. विषम परिस्थिति यह है कि हर बार रीवा जिले को प्रयोगशाला बना दिया जाता है. हमारे साथी जो जिले में हैं, जमीनी स्तर पर मेहनत करते हैं और अपनी पूंजी खर्च करके अपना जी जान लगा देते हैं, पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. जब टिकट देने की बारी आती है तो हर बार दो तीन टिकट ऐसी दे दी जाती हैं, जिसका असर चुनाव में देखने को मिलता है और हमे हार का सामना करना पड़ता है."

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लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर विरोध जताया

"रीवा लोकसभा की टिकट के लिए जिले में सेमरिया विधायक अभय मिश्रा के अलावा 7 विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी थे जिन्हें 65 हजार और 63 हजार वोट प्राप्त हुए. पार्टी ने ऐसा क्या मापदंड चलाया कि जो हमारे पार्टी के प्रारंभिक मेंबर नही थे, उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दे दी गई और अब लोकसभा चुनाव में उन्हीं की पत्नी को टिकट दे दी गई. त्रियुगी नारायण ने कहा "मेरा व्यक्तिगत विरोध अभय मिश्रा और नीलम मिश्रा से नही है. इनकी जगह अगर किसी अन्य नेता को टिकट दी जाती तो हम इसका समर्थन करते."

एमपी कांग्रेस को रीवा में एक और झटका त्रियुगी नारायण शुक्ला का इस्तीफा

रीवा। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में भगदड़ जैसे हालात हैं. कांग्रेस नेता लगातार बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं. रीवा जिले में अब तक 600 से अधिक कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो चुके है. सोमवार को कांग्रेस के पूर्व जिला ग्रामीण अध्यक्ष ने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. अटकले हैं कि ये कांग्रेसी अब मंगलवार को रीवा में सीएम मोहन यादव के सामने बीजेपी की सदस्यता ले सकते हैं.

सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा

रीवा कांग्रेस के पूर्व ग्रामीण जिला अध्यक्ष त्रियुगी नारायण शुक्ला ने सोमवार को सैकड़ों कार्यकर्ताओ के साथ पद से इस्तीफा दे दिया. त्रियुगी नारायण ने पत्रकारवार्ता में कांग्रेस पार्टी के रीति नीति पर सवालिया निशान लगाए. पार्टी के नेताओ पर भी गंभीर आरोप लगाए. पत्रकारवार्ता के दौरान 100 अधिक कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने पार्टी से सामूहिक स्तीफा दिया है. त्रियुगी नारायण शुक्ला ने अभी ये खुलासा नहीं किया कि वह अपने समर्थको के साथ किस दल का दामन थामेंगे. शुक्ला ने कहा "1985 से वह कांग्रेस में रहे. पार्टी में काम करते लगभग 39 साल बीत गए. दो बार पार्टी ने उन्हे विधानसभा चुनाव में टिकट दी और उन्होंने चुनाव लड़ा."

कांग्रेस नेतृत्व ने रीवा को प्रयोगशाला बना दिया

त्रियुगी ने कहा "रीवा जिले में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी और ब्लाक के जो भी अध्यक्ष रहे, इन सबकी मेहनत से ही संगठन जिले में खड़ा हुआ. विषम परिस्थिति यह है कि हर बार रीवा जिले को प्रयोगशाला बना दिया जाता है. हमारे साथी जो जिले में हैं, जमीनी स्तर पर मेहनत करते हैं और अपनी पूंजी खर्च करके अपना जी जान लगा देते हैं, पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. जब टिकट देने की बारी आती है तो हर बार दो तीन टिकट ऐसी दे दी जाती हैं, जिसका असर चुनाव में देखने को मिलता है और हमे हार का सामना करना पड़ता है."

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"रीवा लोकसभा की टिकट के लिए जिले में सेमरिया विधायक अभय मिश्रा के अलावा 7 विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी थे जिन्हें 65 हजार और 63 हजार वोट प्राप्त हुए. पार्टी ने ऐसा क्या मापदंड चलाया कि जो हमारे पार्टी के प्रारंभिक मेंबर नही थे, उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दे दी गई और अब लोकसभा चुनाव में उन्हीं की पत्नी को टिकट दे दी गई. त्रियुगी नारायण ने कहा "मेरा व्यक्तिगत विरोध अभय मिश्रा और नीलम मिश्रा से नही है. इनकी जगह अगर किसी अन्य नेता को टिकट दी जाती तो हम इसका समर्थन करते."

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