छिंदवाड़ा। लोकसभा चुनाव में सबसे मजेदार राजनीति इस वक्त मध्य प्रदेश में देखने मिल रही है. एक तरफ प्रदेश में कांग्रेस खाली होती जा रही है. एक-एक करके सभी नेता-कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के लिए छिंदवाड़ा किसी युद्ध के मैदान से कम साबित नहीं हो रहा है. जहां वह इस मजबूत किले में सेंध लगाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. आलम यह है कि पूरी मोहन सरकार पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना के घर पहुंच गई. हालांकि इतने सबके बाद भी दीपक सक्सेना ने बीजेपी का गमछा पहनने से इंकार कर दिया. जबकि उनके छोटे बेटे ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
2019 में कमलनाथ के लिए छोड़ी थी छिंदवाड़ा सीट
हमेशा से बीजेपी के लिए चुनौती साबित हो रही छिंदवाड़ा सीट कमलनाथ से छीनने के लिए बीजेपी जोर आजमाइश कर रही है. इसी के चलते छिंदवाड़ा में कई कांग्रेसियों को बीजेपी में शामिल कराया जा रहा है. इसी के चलते कमलनाथ के सबसे नजदीकी राजनीतिक सलाहकार दीपक सक्सेना के छोटे बेटे अजय सक्सेना ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है. दीपक सक्सेना कांग्रेस के जनाधार वाले नेता हैं. दो बार मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रहे. इसके साथ ही कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के दौरान उन्होंने छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया था और फिर कमलनाथ छिंदवाड़ा से विधानसभा का चुनाव जीते थे. कमलनाथ ने उन्हें प्रोटेम स्पीकर भी बनाया था. फिलहाल बेटे के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद दीपक सक्सेना ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
दीपक के द्वार पहुंची मोहन सरकार
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रभारी महेंद्र सिंह, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल सभी दीपक सक्सेना के घर पहुंचे. जहां सभी ने उनके घर पर भोजन भी किया. दीपक सक्सेना ने सभी नेताओं का बैंड-बाजे के साथ स्वागत किया. भाजपा के नेताओं ने बाद में कहा कि 'उनके गले में बीजेपी का गमछा डाल दिया जाए. इस पर तुरंत दीपक सक्सेना ने कहा कि उनका अभी भाजपा में जाने का कोई विचार नहीं है.' उन्होंने भाजपा की सदस्यता लेने से मना कर दिया. दरअसल, एक दिन पहले ही दीपक सक्सेना ने कमलनाथ के बंगले पहुंचकर मुलाकात की थी. मीडिया से चर्चा के दौरान नकुलनाथ के लिए काम करने की बात भी कही थी.
कैलाश विजयवर्गीय के सोशल मीडिया में डाली थी पोस्ट
पूरे घटनाक्रम के बाद महाकौशल संभाग के बीजेपी क्लस्टर प्रभारी कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक पर एक तस्वीर पोस्ट करते हुए दीपक सक्सेना के बीजेपी ज्वाइन करने की जानकारी दी. इसमें कैलाश विजयवर्गीय और दीपक सक्सेना गले मिल रहे हैं, लेकिन जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई और दीपक सक्सेना ने इसका खंडन किया, तो कैलाश विजयवर्गीय के सोशल अकाउंट से पोस्ट हटा दी गई.
2004 के चुनाव में इसी गांव में चली थी गोलियां
साल 2004 में जब छिंदवाड़ा से भाजपा के टिकट पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. इस दौरान रोहनाकला में एक विवाद हुआ और इस विवाद के दौरान बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे. आरोप भी लगाए गए थे कि दीपक सक्सेना के बंगले को भाजपा के लोगों ने घेर लिया है और गुंडागर्दी की गई. इसी बात को चुनावी मुद्दा बनाया गया. कहा गया कि प्रहलाद पटेल का परिवार और प्रहलाद पटेल गुंडागर्दी करते हैं. पूरे जिले में प्रचार किया गया और नतीजा प्रहलाद पटेल चुनाव हार गए थे. एक बार फिर पूरी बीजेपी अब इस दीपक सक्सेना के घर से खाली हाथ लौट आई है.