भोपाल/इंदौर। मध्य प्रदेश में 5 फरवरी से शरू हुई माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं की परीक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन ने इस बार काफी सख्त तैयारियां की थी. उसके बाद भी सुबह 4 बजे सोशल मीडिया साइट टेलीग्राम पर कुछ पेपर पोस्ट किए गए हैं. जिसके चलते एक बार फिर से पेपर आउट होने की बात की जा रही है. वहीं ऐसे सभी मामलों की माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार पूर्व में ही सायबर क्राइम और क्राइम ब्रांच को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नजर रखने के लिए पहले से ही सूचना दी गई थी.
10वीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू
मध्य प्रदेश में आज से माध्यमिक शिक्षा मंडल के दसवीं बोर्ड की परीक्षा शुरू हो गई है. पूरे प्रदेश में आज हिंदी का पहला पेपर था. पेपर सुबह 9:00 बजे से शुरू हुआ, लेकिन बच्चों को आधे घंटे पहले ही परीक्षा हॉल में पूरी जांच करने के बाद एंट्री दी गई थी. बोर्ड द्वारा इस बार कॉपियों का भी पैटर्न बदला गया है. 32 पेज की कॉपी प्रदान की गई थी, ताकि बच्चों को सप्लीमेंट्री कॉपी के अलग से जरूरत ना पड़े. इसके अलावा प्रवेश पत्रों की भी क्यूआर कोड स्कैन के द्वारा वेरिफिकेशन होने के बाद ही विद्यार्थियों को परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया गया.
इस बार नहीं मिलेगी सप्लीमेंट्री कॉपी
आज पहले दिन विद्यार्थियों को 15 मिनट पहले ही कॉपी प्रदान की गई थी. इसके अलावा उन्हें परीक्षा कक्षा में मौजूद पर्यवेक्षक ने पहले पूरी तरह से इस बात की समझाइश दी कि परीक्षार्थी OMRSHEET सही से भरें. सीट भरते समय केवल नीले या काले रंग के बॉल पॉइंट पेन का ही प्रयोग किया जाए. इसके अलावा विद्यार्थियों को यह भी बता दिया गया था कि OMR SHEET वाली उत्तर पुस्तिका मिलेगी एवं उन्हें पूरक उत्तर पुस्तिका( सप्लीमेंट्री कॉपी) नहीं दी जायेगी. साथ ही कटी फटी धागा उखड़ी या कम पेज की कॉपी प्रयोग नहीं करना हैं.
परीक्षा कक्ष में मौजूद पर्यवेक्षक ने OMR SHEET की जानकारी भरने में परीक्षार्थी की सहायता की व इसके बाद सही रोल नंबर व अन्य जानकारी प्रवेश पत्र के अनुसार जांच करने के बाद ही पर्यवेक्षक ने अपने हस्ताक्षर करे.
आसान रहा पहला पेपर
परीक्षा कक्षा से बाहर निकले विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें स्कूल द्वारा पहले से ही गाइड कर दिया गया था, लेकिन उसके बाद में पर्यवेक्षकों की मदद से उन्होंने आसानी से आवश्यक जानकारी से पेपर को हल किया. उन्हें सप्लीमेंट्री कॉपी की जरूरत नहीं पड़ी. परीक्षा देकर बाहर जाते वक्त छात्रों ने बताया कि उन्हें प्रश्न पत्र में कोई बहुत अधिक कठिनाई नहीं आई. जो भी सिलेबस उनके द्वारा पढ़ा गया था. पेपर उसी के अनुसार आया था और उन लोगों ने आसानी से पेपर को हल किया.
छात्रों से किसी भी झांसे में न आने की अपील
वहीं माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव डॉ कृष्णदेव त्रिपाठी ने बताया कि मैं बार-बार बच्चों से अपील करना चाहता हूं. वह अपनी पढ़ाई और सिलेबस ध्यान केंद्रित करें. जो लोग ग्रुप बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और टेलीग्राम पर दूसरे विचार शेयर कर रहे हैं. उससे बचने का प्रयास करें और उनके किसी भी प्रलोभन या उनकी किसी भी झांसे में ना आएं. ऐसी चीजों में पैसे तो बर्बाद होते ही हैं, साथ ही ध्यान भी भटकता है. उससे उनकी परफॉर्मेंस भी प्रभावित होती है.
जिला प्रशासन प्रशासन एवं मंडल के अधिकारियों ने आपस में ताल मिलाकर प्रश्न पत्रों की गोपनीयता को मॉनिटरिंग में रखी गई है. इसके अलावा अन्य व्यवस्थाएं भी काफी सख्त रखी गई है. परीक्षा केंद्र पर मोबाइल का इस्तेमाल ना हो, इसके अलावा अन्य व्यवस्थाएं भी सुचारू रूप से की गई है. मध्य प्रदेश में शिकायत मिलने के मामले में उन्होंने कहा कि पहले से ही सोशल मीडिया पर जो प्रचार और दुष्प्रचार चल रहा है, तो उसे लेकर पहले से ही उसको मॉनिटरिंग और सर्चिंग जारी है.
इंदौर के 137 केंद्रों पर हुई परीक्षा
वहीं इंदौर के 137 परीक्षा केंद्रों पर करीब 49500 विद्यार्थी 10वीं कक्षा की परीक्षा में सम्मिलित हुए. हिंदी विषय का पहला पेपर हुआ. परीक्षा में शामिल हुए बच्चों के अनुसार पेपर काफी आसान रहा. 28 फरवरी तक चलने वाली 10वीं बोर्ड की इन परीक्षाओं के लिए बोर्ड ने 137 परीक्षा केंद्र बनाए हैं. विभाग ने 20 से अधिक परीक्षा केंद्र संवेदनशील श्रेणी में रखे, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे.
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सोशल मीडिया पर वायरल हुई प्रश्न पत्र लीक होने की खबर
वहीं दसवीं बोर्ड की परीक्षा के पहले दिन सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र लीक होने की खबरें इंदौर से भी सामने आई. सोशल मीडिया पर कुछ पेपर से मिलते-जुलते फोटो भी वायरल हुए. मामले में जिला प्रशासन और स्कूली शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रश्न पत्र असल प्रश्न पत्र नहीं है. पेपर लीक होने जैसी कोई भी स्थितियां नहीं हुई है. प्रश्न पत्र सुचारू और सही रूप से संपन्न हुआ है.