MP BEAUTIFUL TOURIST PLACES: बरसात में अगर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो कम बजट में सुकून देने वाली ऐसी खूबसूरत जगह है, जहां जाकर आप बड़े-बड़े हिल स्टेशनों को भी भूल जाएंगे. इतना ही नहीं आपका यहां से लौटने का मन भी नहीं करेगा. आपको बताते हैं मध्य प्रदेश की वह हसीन वादियां जो मानसून में घूमने के लिए बेहतर हैं. मॉनसून में घूमने वाले मध्य प्रदेश के ये खास प्लेस आपके मन को खुश कर देगी. इतना ही नहीं यहां आकर आप खुद को प्रकृति के बीच महसूस करेंगे. आइये जानते हैं एमपी की खास जगह...
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आंखों को सुकून देती है तामिया की हरी वादियां
शहर का शोर शराबा और भागम भरी जिंदगी के बीच सुकून की जगह की तलाश कर रहे हैं, जो मन को शांत रखकर आंखों को सुकून दे. ऐसा नजारा आपको तामिया में आने पर मिलेगा. सतपुड़ा की पहाड़ियों में बसे तामिया के आसपास की हरी भरी वादियां मानसून में घूमने का मजा दोगुना कर देती हैं, बारिश शुरू होते ही यहां की पहाड़ियां हरियाली की चादर ओढ़ लेती हैं, जो घूमने के लिए बेहतर होता है. तामिया का छोटा महादेव तुलतुला की पहाड़ी रेस्ट हाउस से व्यू प्वाइंट और यहां की आदिवासी संस्कृति पर्यटकों को यहां पर ठहरने के लिए मजबूर कर देती है.
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पातालकोट की रहस्यमयी दुनिया का ले सकते हैं आनंद
तामिया आने के बाद दुनिया भर में मशहूर पातालकोट के रहस्य की जानकारी लेने के लिए पातालकोट घूमना अद्भुत एहसास कराता है. यहां रहने वाली भारिया जनजाति का रहन-सहन पातालकोट की आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां आपके लिए किसी अजूबे से कम नहीं होगी. धरातल से करीब 3000 फीट नीचे बसी पातालकोट की अनोखी दुनिया में संसाधन असीमित है, लेकिन यहां के रहने वाली जनजाति उन संसाधनों का सीमित उपयोग करती है. यह भी दुनिया के लिए सीखने वाली चीज है.
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सतपुड़ा के पहाड़ों के बीच चौरागढ़ के दर्शन
सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच बसे तामिया की वादियों की चौरागढ़ पहाड़ी में भगवान शंकर विराजित हैं. प्राकृतिक सुंदरता को निहारने के बाद भगवान के दर्शन आपकी यात्रा को सार्थक बनाते हैं. चौरागढ़ के दर्शन के लिए तीन दुर्गम पहाड़ियों को पार कर पैदल पहुंचना पड़ता है. जहां पर पहुंचने के लिए करीब 5 घंटे का समय लगता है. यहां पर पहुंचने के लिए छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव तामिया के कुआंबादला और नर्मदापुरम के पचमढ़ी से होकर पहुंच सकते हैं.
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होम स्टे दुनिया में रखते हैं अलग पहचान
पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए प्रशासन ने होम स्टे बनाया है. होमस्टे में ग्रामीण अपने घरों में ही पर्यटकों को होटल जैसी पारंपरिक और ग्रामीण परिवेश की व्यवस्थाओं से रूबरू कराते हैं. आदिवासी संस्कृति के भोजन भी परोसते हैं. इसका फायदा लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने का मिलता है और ग्रामीणों को उनके गांव और घरों में ही रोजगार भी मिल रहा है.
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आसानी से पहुंच सकते हैं तामिया पातालकोट
तामिया घूमने का मन बना रहे हैं तो रेलमार्ग के जरिए छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन जुन्नारदेव रेलवे स्टेशन परासिया रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक है. इसके साथ ही भोपाल और नागपुर एयरपोर्ट सबसे नजदीक है. सड़क मार्ग से आने वाले पर्यटकों के लिए यह भोपाल से छिंदवाड़ा मार्ग पर है. यहां ठहरने के लिए मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के होटल के साथ ही कई निजी रिसोर्ट रेस्ट हाउस और होटल भी कम दामों पर उपलब्ध हो जाते हैं.