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बुधनी से मैदान में रमाकांत किस सीढ़ी की बदौलत बने शिवराज के राइट च्वाइस, राजेन्द्र सिंह पर पड़े भारी - MADHYA PRADESH BY ELECTION 2024

बुधनी विधानसभा में उपचुनाव होना है. यहां से रमाकांत भार्गव को मौका दिया गया है. जानिये क्यों शिवराज सिंह चौहान की राइट च्वाइस बने भार्गव.

BUDHNI CANDIDATE RAMAKANT BHARGAVA
बुधनी उपचुनाव 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 25, 2024, 5:20 PM IST

Updated : Oct 25, 2024, 5:39 PM IST

भोपाल: बुधनी सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार रमाकांत भार्गव की राजनीतिक वल्दीयत तलाशी जाए, तो ये वल्दीयत शिवराज सिंह चौहान के नाम पर आकर खत्म होती है. शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबियों में गिने जाने वाले रमाकांत का सांसद से लेकर बुधनी सीट पर उम्मीदवारी तक रमाकांत की राजनीति का हर बड़ा टर्निंगं पाइंट शिवराज की बदौलत ही आया है. लेकिन रमाकांत भार्गव में ऐसा क्या है कि जब अपने दो करीबियों में से एक को चुनने की बारी आई तो शिवराज का हाथ राजेन्द्र सिंह के बजाए रमाकांत के कंधे पर आया.

किस सीढ़ी की बदौलत रमाकांत ने देखा राजनीति का आसमान
रमाकांत भार्गव की राजनीति को देखिए तो 'एकै साधे सब साधे' पर सटीक बैठती है उनकी सियासत. उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में केवल सहारा थामा वो शिवराज सिंह चौहान का था और उन्हीं के भरोसे अपनी पतवार छोड़ दी. नतीजा सामने है कि जिस बुधनी सीट पर शिवराज के अपने बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान दावेदार हों, जहां से राजेन्द्र सिंह जैसे नेता दावेदारी कर रहे हों, जिनके सीट छोड़ने के बाद शिवराज बुधनी सीट से चुनाव जीतकर एमपी में सत्ता की लंबी पारी खेल सके.

Ramakant Bhargava filed nomination
रोड शो के दौरान रमाकांत भार्गव और भाजपा नेता (ETV Bharat)

उन सबके बावजूद शिवराज ने रमाकांत भार्गव के नाम पर ही मुहर लगाई. क्या ये शिवराज के प्रति उनकी एकनिष्ठ आस्था का असर है. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, ''रमाकांत भार्गव की गिनती शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबियों में होती है. बुधनी सीट पर उनका नाम इसलिए भी तय माना जा रहा था क्योंकि इस सीट पर वोट शिवराज सिंह चौहान का ही है.''

शिवराज की चुनावी पारी में थामी थी कमान
रमाकांत भार्गव खुद भले 2024 में बुधनी सीट से खुद उम्मीदवार बनकर मैदान में उतरे हों. लेकिन बीते 6 चुनाव में उन्होंने ही बुधनी में शिवराज सिंह चौहान के पूरे चुनाव कैम्पेन की बागडोर अपने हाथ में रखी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में रमाकांत भार्गव विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे. फिर 2024 में रमाकांत भार्गव का टिकट काटने के बाद शिवराज सिंह चौहान को इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया था.

Ramakant Bhargava filed nomination
रमाकांत भार्गव ने दाखिल किया नामांकन (ETV Bharat)

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सांसद के रुप में शुरु हुई सियासी पारी
रमाकांत भार्गव उन नेताओं में से हैं जिन्होंने अपेक्स बैंक के चैयरमेन के बाद पहला चुनाव सीधे सांसद का लड़ा. जाहिर है विदिशा के उम्मीदवार के लिए उनके चयन से लेकर चुनाव में जीत तक शिवराज सिंह चौहान ही फैक्टर रहे. 2019 में अपनी चुनावी राजीति कि शुरुआत रमाकांत भार्गव ने सांसद का चुनाव जीतने के साथ की. बुधनी के ही शाहगंज के रहने वाले भार्गव का विदिशा से टिकट कटा तो बुधनी उपचुनाव से वे पार्टी के उम्मीदवार बन गए.

मालदार नेता हैं रमाकांत भार्गव
रमाकांत भार्गव की सियासी पारी बहुत लंबी भले ना रही हो लेकिन उनकी गिनती विदिशा इलाके के मालदार नेता के तौर पर होती है. करोड़पति के दायरे में आने वाले भार्गव के पास एक करोड़ 22 लाख 6 हजार से ज्यादा की चल संपत्ति है. वहीं, उनकी पत्नी के पास आठ लाख 61 हजार की चल संपत्ति है. जिसमें जेवरात प्रमुख रुप से हैं. रमाकांत भार्गव की अचल संपत्ति एक करोड़ सत्तर लाख के करीब बताई गई है.

भोपाल: बुधनी सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार रमाकांत भार्गव की राजनीतिक वल्दीयत तलाशी जाए, तो ये वल्दीयत शिवराज सिंह चौहान के नाम पर आकर खत्म होती है. शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबियों में गिने जाने वाले रमाकांत का सांसद से लेकर बुधनी सीट पर उम्मीदवारी तक रमाकांत की राजनीति का हर बड़ा टर्निंगं पाइंट शिवराज की बदौलत ही आया है. लेकिन रमाकांत भार्गव में ऐसा क्या है कि जब अपने दो करीबियों में से एक को चुनने की बारी आई तो शिवराज का हाथ राजेन्द्र सिंह के बजाए रमाकांत के कंधे पर आया.

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रमाकांत भार्गव की राजनीति को देखिए तो 'एकै साधे सब साधे' पर सटीक बैठती है उनकी सियासत. उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में केवल सहारा थामा वो शिवराज सिंह चौहान का था और उन्हीं के भरोसे अपनी पतवार छोड़ दी. नतीजा सामने है कि जिस बुधनी सीट पर शिवराज के अपने बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान दावेदार हों, जहां से राजेन्द्र सिंह जैसे नेता दावेदारी कर रहे हों, जिनके सीट छोड़ने के बाद शिवराज बुधनी सीट से चुनाव जीतकर एमपी में सत्ता की लंबी पारी खेल सके.

Ramakant Bhargava filed nomination
रोड शो के दौरान रमाकांत भार्गव और भाजपा नेता (ETV Bharat)

उन सबके बावजूद शिवराज ने रमाकांत भार्गव के नाम पर ही मुहर लगाई. क्या ये शिवराज के प्रति उनकी एकनिष्ठ आस्था का असर है. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, ''रमाकांत भार्गव की गिनती शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबियों में होती है. बुधनी सीट पर उनका नाम इसलिए भी तय माना जा रहा था क्योंकि इस सीट पर वोट शिवराज सिंह चौहान का ही है.''

शिवराज की चुनावी पारी में थामी थी कमान
रमाकांत भार्गव खुद भले 2024 में बुधनी सीट से खुद उम्मीदवार बनकर मैदान में उतरे हों. लेकिन बीते 6 चुनाव में उन्होंने ही बुधनी में शिवराज सिंह चौहान के पूरे चुनाव कैम्पेन की बागडोर अपने हाथ में रखी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में रमाकांत भार्गव विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे. फिर 2024 में रमाकांत भार्गव का टिकट काटने के बाद शिवराज सिंह चौहान को इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया था.

Ramakant Bhargava filed nomination
रमाकांत भार्गव ने दाखिल किया नामांकन (ETV Bharat)

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रमाकांत भार्गव उन नेताओं में से हैं जिन्होंने अपेक्स बैंक के चैयरमेन के बाद पहला चुनाव सीधे सांसद का लड़ा. जाहिर है विदिशा के उम्मीदवार के लिए उनके चयन से लेकर चुनाव में जीत तक शिवराज सिंह चौहान ही फैक्टर रहे. 2019 में अपनी चुनावी राजीति कि शुरुआत रमाकांत भार्गव ने सांसद का चुनाव जीतने के साथ की. बुधनी के ही शाहगंज के रहने वाले भार्गव का विदिशा से टिकट कटा तो बुधनी उपचुनाव से वे पार्टी के उम्मीदवार बन गए.

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रमाकांत भार्गव की सियासी पारी बहुत लंबी भले ना रही हो लेकिन उनकी गिनती विदिशा इलाके के मालदार नेता के तौर पर होती है. करोड़पति के दायरे में आने वाले भार्गव के पास एक करोड़ 22 लाख 6 हजार से ज्यादा की चल संपत्ति है. वहीं, उनकी पत्नी के पास आठ लाख 61 हजार की चल संपत्ति है. जिसमें जेवरात प्रमुख रुप से हैं. रमाकांत भार्गव की अचल संपत्ति एक करोड़ सत्तर लाख के करीब बताई गई है.

Last Updated : Oct 25, 2024, 5:39 PM IST
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