पटना: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के सांसद अरुण भारती ने केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वक्त के साथ उनकी भाषा तो बदल गई, लेकिन उसके साथ अगर दिल बदलते तो अच्छा होता. अगर कोई भी बात कहना है तो वह चिराग पासवान और अपनी भाभी मां से जाकर कहें तो कुछ हो सकता है. उसमें हम कहीं नहीं हैं.
तेजस्वी को लेकर क्या बोले अरुण भारती?: सांसद अरुण भारती ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी जमकर हमला बोला और कहा कि वह आज नौकरी की बात कर रहे हैं, जबकि जो भी सरकारी नौकरी बिहार में दिया गया, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा दिया गया है. उनके पिताजी के राज में किस तरह का जंगलराज था या कितनी नौकरियां दी गई थीं, इसके बारे में वह चर्चा नहीं करते हैं.
"लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति कुमार पारस बिहार में होने वाले उपचुनाव को लेकर अपने उम्मीदवार को मैदान में खड़ा करना चाहते थे. लेकिन जिस उम्मीदवार को वह खड़ा करना चाहते थे वह भारतीय जनता पार्टी के साथ आ गया. बिहार में एनडीए गठबंधन में हम पांच दल हैं. बिहार में चार सीट पर उपचुनाव होने वाला है. एनडीए गठबंधन के जो भी उम्मीदवार होंगे उसके लिए हम लोग प्रचार प्रसार करेंगे."- अरुण भारती, सांसद, लोजपा आर
पशुपति पारस को अरुण भारती की सलाह: एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वक्त के साथ पशुपति कुमार पारस जी की भाषा जरूर बदली है, लेकिन दिल बदलने की जरूरत है. अगर उन्हें यह मन में है कि परिवार में एकता हो तो उन्हें सबसे पहले जाकर चिराग पासवान और अपनी भाभी मां से बात करनी चाहिए थी. उनसे जब पूछा गया कि आप भी परिवार के सदस्य हैं आप चाहते हैं परिवार में एकता हो चाचा भतीजा सभी एक साथ हो जाए, तो उन्होंने कहा कि देखिए मैं इस पारिवारिक झगड़ा में कहीं भी नहीं हूं. मैं तीसरी पीढ़ी का आदमी हूं और हमें उनसे इससे लेना देना नहीं है. इसको लेकर निर्णय चिराग पासवान और उनकी मां को करना है.
पार्टी कार्यालय को लेकर अरुण भारती ने तोड़ी चुप्पी: वहीं जब सवाल किया गया कि लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास को सरकार ने जो कार्यालय आवंटित किया है, उस कार्यालय में पशुपति कुमार पारस हैं और वह कह रहे हैं कि मैं कार्यालय नहीं छोडूंगा कानूनी लड़ाई लड़ूंगा. इसपर अरुण भारती ने कहा कि देखिए बिहार सरकार ने हमारी पार्टी को वह कार्यालय दिया है. अब उसमें जो भी मामले हैं वह बिहार सरकार देखेगी. हमें उससे कोई लेना-देना नहीं है. हम तो कहेंगे कि हमारी पार्टी के लिए कार्यालय की व्यवस्था बिहार सरकार कहीं अन्य जगह पर कर दे तो बेहतर होता.
कई मौकों पर बदले पारस के सुर: पिछले कुछ समय से पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के तेवर में चिराग को लेकर नरमी देखने को मिल रही है. लोकसभा चुनाव के पहले पशुपति पारस ने कहा था कि अगर उन्हें चिराग बुलाएंगे तो वह हाजीपुर में चुनाव प्रचार करने जरूर जाएंगे. वहीं चिराग पासवान के चुनाव जीतने के बाद चाचा पारस ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बधाई भी दी थी.
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