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एमपी में ढाई लाख पदों पर सीधी भर्ती, 74 हजार कर्मचारियों के भविष्य पर तलवार ! - MP 74000 EMPLOYEE PROTEST

मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों ने मोहन यादव सरकार की सीधी भर्ती फैसले का विरोध जताया है. कर्मचारियों ने भर्ती आदेश की प्रतियां जलाई.

MP 74000 EMPLOYEE PROTEST
एमपी में ढाई लाख पदों पर सीधी भर्ती (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 20, 2024, 4:40 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार के ढाई लाख खाली पदों पर सीधी भर्ती आदेश के 72 घंटे के भीतर प्रदेश के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतर आए. एमपी सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 74 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है. ऐसा कर्मचारी संगठनों का आरोप है. कर्मचारियों का आरोप है कि 'ढाई लाख पदों पर सीधी भर्ती और आउट सोर्स भर्ती का आदेश स्थाई कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के अधिकारों का हनन है.

कर्मचारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट आदेश का हवाला देते हुए कहा कि ये पहले से स्पष्ट है कि सरकारी विभाग के रिक्त पदों पर पहले स्थाई कर्मी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए. नाराज कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सीधी भर्ती के आदेश की प्रतियां जला डालीं. कर्मचारियों ने अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन करने को मजबूर होंगे. कर्मचारी संगठन इस आदेश के खिलाफ कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहा है. एमपी में स्थाई कर्मी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी मिलाकर कुल 74 हजार कर्मचारी हैं, जो सीधी भर्ती का विरोध कर रहे हैं.

कर्मचारियों ने जताया विरोध (ETV Bharat)

ढाई लाख पदों पर भर्ती के फैसले से क्यों नाराज कर्मचारी

मोहन सरकार के ढाई लाख सरकारी पदों पर होने जा रही भर्ती के आदेश के साथ ही मध्य प्रदेश में कर्मचारी वर्ग की नाराजगी सामने आ गई है. मध्य प्रदेश कर्मचारी संघ की अगुवाई में राज्य सरकार के स्थाई कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगियों ने सरकार के सीधी भर्ती और आउटसोर्स भर्ती करने के निर्णय के विरोध में मंत्रालय वल्लभ भवन के सामने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार के सीधी भर्ती करने के आदेश की प्रतियां भी जलाई.

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया है कि 'सरकार ने कर्मचारी विरोधी निर्णय लेते हुए सरकारी विभागों में खाली ढाई लाख पदों पर सीधी भर्ती करने एवं आउटसोर्स भर्ती करने का जो आदेश किया है, यह आदेश स्थाई कर्मी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के अधिकारों का हनन करता है. उनका कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया है कि सरकारी विभागों के रिक्त पदों पर पहले स्थाई कर्मी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए, लेकिन सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रही है.

MP EMPLOYEE PROTEST MOHAN GOVT
कर्मचारियों ने विरोध जताते हुए जलाई प्रतियां (ETV Bharat)

कर्मचारियों ने दी अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी

मध्य प्रदेश कर्मचारी संघ के मुताबिक कर्मचारियों ने आज मंत्रालय पर प्रदर्शन करके आदेश की प्रतियां जलाकर सरकार को चेताया है कि सरकार कर्मचारी विरोधी नीति लागू करना बंद करें. पहले स्थाई कर्मी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमित करें. उसके बाद सीधी भर्ती और आउटसोर्स भर्ती पर विचार हो. कर्मचारी संगठन के मुताबिक यदि सरकार ने इस पर गौर नहीं किया तो कर्मचारी मंच के नेतृत्व में स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन, सत्याग्रह एवं हड़ताल करेंगे, लेकिन अपने अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे. कर्मचारी मंच ने निर्णय लिया है कि सरकार के सीधी भर्ती आदेश के विरोध में कर्मचारी मंच सरकार के विरोध में सड़क के साथ जरूरत पड़ी तो कानूनी लड़ाई भी लड़ेगा.

एमपी में 74 हजार कर्मचारियों पर सीधी भर्ती का असर

एमपी में कुल 74 हजार कर्मचारी हैं. जिन पर सरकार के इस आदेश का सीधा असर पड़ेगा. इसमें स्थाई कर्मियों की संख्या 42 हजार के करीब है. बाकी प्रदेश में दैनिक वेतन भोगी के तौर पर काम कर रहे 32 हजार कर्मचारी हैं. सीधी भर्ती और आउटसोर्स पर भर्ती किए जाने से जिनका मानना है कि उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा.

भोपाल: मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार के ढाई लाख खाली पदों पर सीधी भर्ती आदेश के 72 घंटे के भीतर प्रदेश के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतर आए. एमपी सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 74 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है. ऐसा कर्मचारी संगठनों का आरोप है. कर्मचारियों का आरोप है कि 'ढाई लाख पदों पर सीधी भर्ती और आउट सोर्स भर्ती का आदेश स्थाई कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के अधिकारों का हनन है.

कर्मचारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट आदेश का हवाला देते हुए कहा कि ये पहले से स्पष्ट है कि सरकारी विभाग के रिक्त पदों पर पहले स्थाई कर्मी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए. नाराज कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सीधी भर्ती के आदेश की प्रतियां जला डालीं. कर्मचारियों ने अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन करने को मजबूर होंगे. कर्मचारी संगठन इस आदेश के खिलाफ कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहा है. एमपी में स्थाई कर्मी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी मिलाकर कुल 74 हजार कर्मचारी हैं, जो सीधी भर्ती का विरोध कर रहे हैं.

कर्मचारियों ने जताया विरोध (ETV Bharat)

ढाई लाख पदों पर भर्ती के फैसले से क्यों नाराज कर्मचारी

मोहन सरकार के ढाई लाख सरकारी पदों पर होने जा रही भर्ती के आदेश के साथ ही मध्य प्रदेश में कर्मचारी वर्ग की नाराजगी सामने आ गई है. मध्य प्रदेश कर्मचारी संघ की अगुवाई में राज्य सरकार के स्थाई कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगियों ने सरकार के सीधी भर्ती और आउटसोर्स भर्ती करने के निर्णय के विरोध में मंत्रालय वल्लभ भवन के सामने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार के सीधी भर्ती करने के आदेश की प्रतियां भी जलाई.

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया है कि 'सरकार ने कर्मचारी विरोधी निर्णय लेते हुए सरकारी विभागों में खाली ढाई लाख पदों पर सीधी भर्ती करने एवं आउटसोर्स भर्ती करने का जो आदेश किया है, यह आदेश स्थाई कर्मी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के अधिकारों का हनन करता है. उनका कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया है कि सरकारी विभागों के रिक्त पदों पर पहले स्थाई कर्मी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए, लेकिन सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रही है.

MP EMPLOYEE PROTEST MOHAN GOVT
कर्मचारियों ने विरोध जताते हुए जलाई प्रतियां (ETV Bharat)

कर्मचारियों ने दी अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी

मध्य प्रदेश कर्मचारी संघ के मुताबिक कर्मचारियों ने आज मंत्रालय पर प्रदर्शन करके आदेश की प्रतियां जलाकर सरकार को चेताया है कि सरकार कर्मचारी विरोधी नीति लागू करना बंद करें. पहले स्थाई कर्मी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमित करें. उसके बाद सीधी भर्ती और आउटसोर्स भर्ती पर विचार हो. कर्मचारी संगठन के मुताबिक यदि सरकार ने इस पर गौर नहीं किया तो कर्मचारी मंच के नेतृत्व में स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन, सत्याग्रह एवं हड़ताल करेंगे, लेकिन अपने अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे. कर्मचारी मंच ने निर्णय लिया है कि सरकार के सीधी भर्ती आदेश के विरोध में कर्मचारी मंच सरकार के विरोध में सड़क के साथ जरूरत पड़ी तो कानूनी लड़ाई भी लड़ेगा.

एमपी में 74 हजार कर्मचारियों पर सीधी भर्ती का असर

एमपी में कुल 74 हजार कर्मचारी हैं. जिन पर सरकार के इस आदेश का सीधा असर पड़ेगा. इसमें स्थाई कर्मियों की संख्या 42 हजार के करीब है. बाकी प्रदेश में दैनिक वेतन भोगी के तौर पर काम कर रहे 32 हजार कर्मचारी हैं. सीधी भर्ती और आउटसोर्स पर भर्ती किए जाने से जिनका मानना है कि उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा.

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