रांची: राज्य के आंदोलित पंचायत स्वयं सेवकों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन की कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले पर खुशी जताई है. 253 दिन से रांची के राजभवन पर धरना प्रदर्शन के अलावा झामुमो, राजद और कांग्रेस के प्रदेश कार्यालयों पर प्रदर्शन, नंग धड़ंग प्रदर्शन, विधानसभा घेराव के बाद मंगलवार को सरकार ने झारखंड स्टेट पंचायत स्वयंसेवक संघ की कई मांगों को मान लिया और इसका प्रस्ताव भी कैबिनेट से पारित हो गया. कैबिनेट में लिए गए फैसले से खुश पंचायत स्वयं सेवकों ने मुख्यमंत्री आवास जाकर सीएम चम्पाई सोरेन का स्वागत किया. उन्हें मिठाई खिलाई और एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर खुशियों का इजहार किया. पंचायत स्वयं सेवकों ने अपने 253 दिन लंबा चले धरना प्रदर्शन को वापस ले लिया.
कैबिनेट की बैठक में यह लिया गया फैसला
राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा पंचायत सचिवालय स्वयं सेवक का नामकरण भविष्य में पंचायत सहायक करने, उन्हें हर महीने 2500 रुपए मानदेय देने के साथ साथ पूर्व की भांति अन्य विभागों की तरह प्रोत्साहन राशि जारी रखने का निर्णय लिया गया है. चम्पाई सरकार के द्वारा लिए गये फैसले से खुश झारखंड राज्य पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन से सीएम आवास जाकर मुलाकात की और उनका अभिवादन, स्वागत और आभार जताया.
इस दौरान मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि झारखंड की महागठबंधन सरकार की प्राथमिकता में राज्य का विकास और हर युवाओं के चेहरे पर खुशी लाना है. मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि आप सभी अपने-अपने पंचायत में सरकार की विकास योजनाओं को पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ धरातल पर उतारने का काम करें ताकि उसका लाभ हर पंचायत के ग्रामीणों को मिल सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास प्रदेश के हर गांव को मजबूत बनाना है क्योंकि गांव से ही राज्य को मजबूती मिलती है. इस अवसर पर पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ, झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार, सचिव युगल किशोर प्रसाद, कोषाध्यक्ष बाल गोविंद महतो, संरक्षक प्रभात भूषण, राजेश्वर बैठा और संजीव प्रजापति, कार्यकारी अध्यक्ष आनंद गुप्ता और विभा रानी के अलावा मंटू कुमार, वरुण कुमार, रामजीवन साहू, सतीश उरांव, नमिता देवी और चंपा देवी समेत सैकड़ों की संख्या में पंचायत स्वयं सेवक मौजूद थे.
ये थी पंचायत स्वयंसेवकों की 05 सूत्री मांग
रघुवर दास के कार्यकाल के समय बहाल हुए राज्य के 18 हजार पंचायत स्वयं सेवकों को सिर्फ ग्रामीण स्तर पर चलने वाली योजनाओं के लिए प्रोत्साहन राशि मिलती थी. 253 दिनों से जिन 05 मांगों को लेकर पंचायत स्वयं सेवक राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन कर रहे थे उसमें पंचायत स्वयंसेवकों की सेवा स्थायीकरण, मानदेय, समायोजन, पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक का नाम बदलकर "पंचायत सहायक'' किया जाना प्रमुख था.
ये भी पढ़ें-
झारखंड में सरकारी कर्मियों को होली गिफ्ट, डीए में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ का विधानसभा घेराव शुरू, मांगें पूरा होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय
आंदोलन के मूड में पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक, मांग पूरी नहीं होने पर विधानसभा घेराव की दी चेतावनी