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एनर्जी सेक्टर में 30 कंपनियों के साथ 6.57 लाख करोड़ का MoU, सीएम बोले- राजस्थान को नंबर 1 बनाना लक्ष्य - RISING RAJASTHAN SUMMIT 2024

सीएम भजनलाल, ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर, सीएस सुधांश पंत, एसीएस एनर्जी आलोक की मौजूदगी में हुआ एमओयू का आदान–प्रदान.

Rajasthan Energy Department Pre Summit
सीएम भजनलाल शर्मा (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 20, 2024, 5:28 PM IST

सीएम भजनलाल शर्मा (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर : राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट से पहले बुधवार को ऊर्जा विभाग की प्री समिट का आयोजन किया गया. इसमें एनर्जी सेक्टर की 30 कंपनियों के साथ 6.57 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के एमओयू साइन किए गए. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर, सीएस सुधांश पंत और ऊर्जा विभाग के एसीएस आलोक की मौजूदगी में ऊर्जा क्षेत्र की 30 कंपनियों के साथ 6 लाख 57 हजार 736 करोड़ रुपए के एमओयू पर दस्तखत किए गए. डिस्कॉम चेयरमैन आरती डोगरा, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के एमडी नथमल डिडेल, आरआरईसीएल के एमडी ओम कसेरा भी मौजूद रहे.

इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि किसी भी देश या प्रदेश के विकास में ऊर्जा क्षेत्र का अहम योगदान होता है. जमीन और पानी के साथ ही ऊर्जा की हर क्षेत्र में जरूरत होती है. हमने अपनी सरकार के 11 महीने के कार्यकाल में राजस्थान में निवेश की संभावनाओं को तलाशा है. अब इस दिशा में काम को आगे बढ़ा रहे हैं. हमारा लक्ष्य राजस्थान को देश में नंबर वन बनाना है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में मिनरल सबसे ज्यादा हैं. यहां पर्यटन, शिक्षा और चिकित्सा की स्थिति भी अच्छी है. बिजली और पानी की कमी दूर होगी तो उद्योग लगेंगे. इससे युवाओं को रोजगार मिलेंगे.

इसे भी पढ़ें - अगले पांच वर्षों में राजस्थान बनेगा 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य- सीएम भजनलाल

पानी की कमी दूर करने के किए उपाय : सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में पानी की कमी थी. इसे दूर करने के लिए हमने ईआरसीपी (अब पीकेसी) प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश के साथ समझौता किया. यमुना का पानी लाने के लिए हरियाणा से समझौता किया. देवास योजना का पानी अरब सागर में जा रहा था. उस पानी को राजस्थान में काम में लिया जा सके. इसके लिए हमने टनल बनाकर पानी को रोका है. बारिश का पानी व्यर्थ बहकर नहीं जाए. इसके लिए रिचार्ज ट्यूबवेल बनाकर बारिश के पानी को सहेजने का काम किया है.

Rajasthan Energy Department Pre Summit
एनर्जी सेक्टर में 30 कंपनियों के साथ 6.57 लाख करोड़ के एमओयू (ETV BHARAT JAIPUR)

सौर और पवन ऊर्जा के उत्पादन में राजस्थान अग्रणी : सीएम ने कहा कि सरकार बजट को धरातल पर उतारने के लिए काम कर रही है. राजस्थान पर सूर्यदेव की विशेष कृपा है. इसलिए सौर और पवन ऊर्जा के उत्पादन में राजस्थान अग्रणी राज्य है. अब सरकारी सरकारी भवनों पर 1000 मेगावाट के रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने अक्षय ऊर्जा के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर बड़े काम किए हैं. उन्होंने ऊर्जा को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं. उसमें राजस्थान सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. आदर्श सौर ग्राम का काम तेज गति से चल रहा है.

इसे भी पढ़ें - राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट में बीकानेर में होंगे 30520 करोड़ रुपए के एमओयू, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

एमओयू वही हो जो धरातल पर उतर सके : सीएम ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने केवल आंकड़ा बढ़ाने के लिए एमओयू किए थे. पिछली सरकार बिजली उत्पादन में एक यूनिट की भी बढ़ोतरी नहीं कर पाई थी. हमने अधिकारियों को साफ कहा है कि वही एमओयू हो जो धरातल पर उतर सके. इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. निवेशकों की समस्या का हम तत्काल समाधान करेंगे. काम समय पर पूरे हो. यही हमारी प्राथमिकता है. वे बोले- निवेश धरातल पर उतरेगा तो हमारे राजस्थान का विकास होगा. राजस्थान को नवीकरणीय ऊर्जा से रोशन करने के सरकार के प्रयासों में उन्होंने निवेशकों को सहयोग देने का आह्वान किया है.

पिछली सरकार ने बिजली कंपनियों को दिवालिया किया : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार में बिजली कंपनियां कुप्रबंधन का शिकार थीं. उस समय बिजली कंपनियां दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थीं. हमारी सरकार बनते ही हमने सुधार के प्रयास किए हैं. पहले बिजली उत्पादन बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. लेकिन हमने उत्पादन के लिए कई एमओयू किए हैं. हम चाहते हैं कि राजस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में सरप्लस बने. हम बिजली खरीदने वाले नहीं, बल्कि अन्य राज्यों को बिजली बेचने वाले बनें.

इसे भी पढ़ें - दीया कुमारी का दावा- राइजिंग राजस्थान समिट से प्रदेश की बदलेगी तस्वीर, उपचुनाव में सातों सीटें जीतेगी भाजपा

राइजिंग राजस्थान में होंगे 25 लाख करोड़ के एमओयू : ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि करीब 6 लाख 60 हजार करोड़ रुपए के एमओयू आज साइन हुए हैं. यह एमओयू आगे बढ़ेंगे और धरातल पर उतरेंगे. हमने अधिकारियों को साफ कहा है कि जो एमओयू धरातल पर उतर सके. उसी को शामिल किया जाए. ताकि आने वाले समय में सभी एमओयू की प्रॉपर मॉनिटरिंग की जा सके. राइजिंग राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रुपए के एमओयू होंगे. वो सब धरातल पर उतरे. इसके लिए सरकार ने एक पोर्टल बनाया है. लगातार मॉनिटरिंग होगी. अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी. ताकि किसी निवेशक को कोई समस्या आए तो उनकी मदद की जा सके.

सीएम भजनलाल शर्मा (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर : राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट से पहले बुधवार को ऊर्जा विभाग की प्री समिट का आयोजन किया गया. इसमें एनर्जी सेक्टर की 30 कंपनियों के साथ 6.57 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के एमओयू साइन किए गए. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर, सीएस सुधांश पंत और ऊर्जा विभाग के एसीएस आलोक की मौजूदगी में ऊर्जा क्षेत्र की 30 कंपनियों के साथ 6 लाख 57 हजार 736 करोड़ रुपए के एमओयू पर दस्तखत किए गए. डिस्कॉम चेयरमैन आरती डोगरा, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के एमडी नथमल डिडेल, आरआरईसीएल के एमडी ओम कसेरा भी मौजूद रहे.

इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि किसी भी देश या प्रदेश के विकास में ऊर्जा क्षेत्र का अहम योगदान होता है. जमीन और पानी के साथ ही ऊर्जा की हर क्षेत्र में जरूरत होती है. हमने अपनी सरकार के 11 महीने के कार्यकाल में राजस्थान में निवेश की संभावनाओं को तलाशा है. अब इस दिशा में काम को आगे बढ़ा रहे हैं. हमारा लक्ष्य राजस्थान को देश में नंबर वन बनाना है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में मिनरल सबसे ज्यादा हैं. यहां पर्यटन, शिक्षा और चिकित्सा की स्थिति भी अच्छी है. बिजली और पानी की कमी दूर होगी तो उद्योग लगेंगे. इससे युवाओं को रोजगार मिलेंगे.

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पानी की कमी दूर करने के किए उपाय : सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में पानी की कमी थी. इसे दूर करने के लिए हमने ईआरसीपी (अब पीकेसी) प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश के साथ समझौता किया. यमुना का पानी लाने के लिए हरियाणा से समझौता किया. देवास योजना का पानी अरब सागर में जा रहा था. उस पानी को राजस्थान में काम में लिया जा सके. इसके लिए हमने टनल बनाकर पानी को रोका है. बारिश का पानी व्यर्थ बहकर नहीं जाए. इसके लिए रिचार्ज ट्यूबवेल बनाकर बारिश के पानी को सहेजने का काम किया है.

Rajasthan Energy Department Pre Summit
एनर्जी सेक्टर में 30 कंपनियों के साथ 6.57 लाख करोड़ के एमओयू (ETV BHARAT JAIPUR)

सौर और पवन ऊर्जा के उत्पादन में राजस्थान अग्रणी : सीएम ने कहा कि सरकार बजट को धरातल पर उतारने के लिए काम कर रही है. राजस्थान पर सूर्यदेव की विशेष कृपा है. इसलिए सौर और पवन ऊर्जा के उत्पादन में राजस्थान अग्रणी राज्य है. अब सरकारी सरकारी भवनों पर 1000 मेगावाट के रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने अक्षय ऊर्जा के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर बड़े काम किए हैं. उन्होंने ऊर्जा को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं. उसमें राजस्थान सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. आदर्श सौर ग्राम का काम तेज गति से चल रहा है.

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एमओयू वही हो जो धरातल पर उतर सके : सीएम ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने केवल आंकड़ा बढ़ाने के लिए एमओयू किए थे. पिछली सरकार बिजली उत्पादन में एक यूनिट की भी बढ़ोतरी नहीं कर पाई थी. हमने अधिकारियों को साफ कहा है कि वही एमओयू हो जो धरातल पर उतर सके. इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. निवेशकों की समस्या का हम तत्काल समाधान करेंगे. काम समय पर पूरे हो. यही हमारी प्राथमिकता है. वे बोले- निवेश धरातल पर उतरेगा तो हमारे राजस्थान का विकास होगा. राजस्थान को नवीकरणीय ऊर्जा से रोशन करने के सरकार के प्रयासों में उन्होंने निवेशकों को सहयोग देने का आह्वान किया है.

पिछली सरकार ने बिजली कंपनियों को दिवालिया किया : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार में बिजली कंपनियां कुप्रबंधन का शिकार थीं. उस समय बिजली कंपनियां दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थीं. हमारी सरकार बनते ही हमने सुधार के प्रयास किए हैं. पहले बिजली उत्पादन बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. लेकिन हमने उत्पादन के लिए कई एमओयू किए हैं. हम चाहते हैं कि राजस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में सरप्लस बने. हम बिजली खरीदने वाले नहीं, बल्कि अन्य राज्यों को बिजली बेचने वाले बनें.

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राइजिंग राजस्थान में होंगे 25 लाख करोड़ के एमओयू : ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि करीब 6 लाख 60 हजार करोड़ रुपए के एमओयू आज साइन हुए हैं. यह एमओयू आगे बढ़ेंगे और धरातल पर उतरेंगे. हमने अधिकारियों को साफ कहा है कि जो एमओयू धरातल पर उतर सके. उसी को शामिल किया जाए. ताकि आने वाले समय में सभी एमओयू की प्रॉपर मॉनिटरिंग की जा सके. राइजिंग राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रुपए के एमओयू होंगे. वो सब धरातल पर उतरे. इसके लिए सरकार ने एक पोर्टल बनाया है. लगातार मॉनिटरिंग होगी. अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी. ताकि किसी निवेशक को कोई समस्या आए तो उनकी मदद की जा सके.

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