ETV Bharat / state

बिहार में अब सड़क हादसों पर लगेगा ब्रेक, बिहार पुलिस और IRTE के बीच MoU हुआ साइन

Road Accident In Bihar: बिहार पुलिस और आईआरटीई के बीच एक एमओयू साइन किया गया है. जिसके अनुसार अब बिहार में होने वाले सड़क हादसों का ऑडिट किया जाएगा. साथ ही कारणों का पता किया जाएगा.

Road Accident In Bihar
Road Accident In Bihar
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 6, 2024, 7:25 PM IST

पटना: बिहार में सड़क हादसों पर रोकथाम लगाने के लिए बिहार पुलिस और आईआरटीई के बीच एक एमओयू साइन हुआ है. जिसके अनुसार, देश में पहली बार बिहार के 5 बड़े शहरों का साइंटिफिक तीरीके से ऑडिट किया जाएगा. वहीं, बढ़ती सड़क दुर्घटना के कारणों का भी पता लगाया जाएगा.

साइंटिफिक तरीके से होगा ऑडिट: मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में सड़क हादसों का साइंटिफिक तरीके से ऑडिट होने जा रहा है, जिसको लेकर यातायात पुलिस और आईआरटीई (इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन) के बीच मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में एक एमओयू साइन किया गया है. जहां आईआरटीई द्वारा स्थापित कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मेंजमेंट के डायरेक्टर रोहित बलूजा और यायतायत पुलिस के डीजी सुधांशु कुमार ने एमओयू साइन किया है.

इन जिलों को किया गया शामिल: बता दें कि रोहित बलुजा को वैज्ञानिक और प्रमाणिक रूप से सड़कों के बारे में काफी अच्छी जानकारी है. वह यूएन में भी भारत की मेजबानी कर चुके हैं. इस समरी ऑडिट के लिए बिहार के अंदर सबसे अधिक दुर्घटना होने वाले जिलों को शामिल किया गया है, जिसमे मुजफ्फरपुर, गया, पटना, बिहारशरीफ और भागलपुर शामिल है. वहीं, इस समरी अंकेक्षण में पांचों जिलों के नेशल हाइवे और स्टेट हाइवे को शामिल किया गया है.

"बिहार पहला स्टेट है, जो साइंटिफिक तरीके से ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. सरकार के इस कार्य में हम उनका साथ देंगे. हमारे वीडियो, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के जरिए इन हादसों की मुख्य समस्याओं को निकाला जाएगा. साथ ही ऑडिट के दौरान सामाधान पर हमारा काफी जोर रहेगा. ट्रेनिंग संस्थानों द्वारा सर्वे भी किया जाएगा. इस सर्वे में 6 से 7 इंजीनियर्स, कैमरा मैन, रोड सेफ्टी स्पेशलिस्ट, फॉरेंसिक एक्सपर्ट मौजूद रहेंगे." - रोहित बलुजा, डायरेक्टर, कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मेंजमेंट

सड़क हादसों में बिहार दूसरे नंबर पर: बता दें कि सड़क दुर्घटना में मिजोरम के बाद बिहार पूरे देश में दूसरे नंबर पर है. जबकि दुर्घटना से होने वाले मृत्यु दर में भी सिक्किम के बाद बिहार का ही स्थान है. ऐसे में इन घटनाओं में कमी लाने के लिए एमओयू बेहतर साबित हो सकता है. यह ऑडिट प्रक्रिया लगभग दो महीने में पूरी हो जायेगी. बिहार में हो रहे सड़क दुर्घटनाओं पर कहीं ना कहीं कमी आएगी.

"आईआरटीई और बिहार पुलिस के बीच ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह एमओयू साइन किया गया है. ये लोग वैज्ञानिक तरीके से एविडेंस के आधार पर समरी ऑडिट करेंगे. प्राप्त प्राइमरी और सेकेंडरी डेटा के विश्लेषण के बाद मुख्य सचिव के साथ वर्कशॉप आयोजित करने की योजना बनाई गई है." - सुधांशु कुमार, डीजी, यातायात पुलिस

इसे भी पढ़े- पूर्णिया में अलग-अलग सड़क हादसे में दो की मौत, शराब के नशे में मिला जख्मी बाइक सवार

पटना: बिहार में सड़क हादसों पर रोकथाम लगाने के लिए बिहार पुलिस और आईआरटीई के बीच एक एमओयू साइन हुआ है. जिसके अनुसार, देश में पहली बार बिहार के 5 बड़े शहरों का साइंटिफिक तीरीके से ऑडिट किया जाएगा. वहीं, बढ़ती सड़क दुर्घटना के कारणों का भी पता लगाया जाएगा.

साइंटिफिक तरीके से होगा ऑडिट: मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में सड़क हादसों का साइंटिफिक तरीके से ऑडिट होने जा रहा है, जिसको लेकर यातायात पुलिस और आईआरटीई (इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन) के बीच मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में एक एमओयू साइन किया गया है. जहां आईआरटीई द्वारा स्थापित कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मेंजमेंट के डायरेक्टर रोहित बलूजा और यायतायत पुलिस के डीजी सुधांशु कुमार ने एमओयू साइन किया है.

इन जिलों को किया गया शामिल: बता दें कि रोहित बलुजा को वैज्ञानिक और प्रमाणिक रूप से सड़कों के बारे में काफी अच्छी जानकारी है. वह यूएन में भी भारत की मेजबानी कर चुके हैं. इस समरी ऑडिट के लिए बिहार के अंदर सबसे अधिक दुर्घटना होने वाले जिलों को शामिल किया गया है, जिसमे मुजफ्फरपुर, गया, पटना, बिहारशरीफ और भागलपुर शामिल है. वहीं, इस समरी अंकेक्षण में पांचों जिलों के नेशल हाइवे और स्टेट हाइवे को शामिल किया गया है.

"बिहार पहला स्टेट है, जो साइंटिफिक तरीके से ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. सरकार के इस कार्य में हम उनका साथ देंगे. हमारे वीडियो, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के जरिए इन हादसों की मुख्य समस्याओं को निकाला जाएगा. साथ ही ऑडिट के दौरान सामाधान पर हमारा काफी जोर रहेगा. ट्रेनिंग संस्थानों द्वारा सर्वे भी किया जाएगा. इस सर्वे में 6 से 7 इंजीनियर्स, कैमरा मैन, रोड सेफ्टी स्पेशलिस्ट, फॉरेंसिक एक्सपर्ट मौजूद रहेंगे." - रोहित बलुजा, डायरेक्टर, कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मेंजमेंट

सड़क हादसों में बिहार दूसरे नंबर पर: बता दें कि सड़क दुर्घटना में मिजोरम के बाद बिहार पूरे देश में दूसरे नंबर पर है. जबकि दुर्घटना से होने वाले मृत्यु दर में भी सिक्किम के बाद बिहार का ही स्थान है. ऐसे में इन घटनाओं में कमी लाने के लिए एमओयू बेहतर साबित हो सकता है. यह ऑडिट प्रक्रिया लगभग दो महीने में पूरी हो जायेगी. बिहार में हो रहे सड़क दुर्घटनाओं पर कहीं ना कहीं कमी आएगी.

"आईआरटीई और बिहार पुलिस के बीच ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह एमओयू साइन किया गया है. ये लोग वैज्ञानिक तरीके से एविडेंस के आधार पर समरी ऑडिट करेंगे. प्राप्त प्राइमरी और सेकेंडरी डेटा के विश्लेषण के बाद मुख्य सचिव के साथ वर्कशॉप आयोजित करने की योजना बनाई गई है." - सुधांशु कुमार, डीजी, यातायात पुलिस

इसे भी पढ़े- पूर्णिया में अलग-अलग सड़क हादसे में दो की मौत, शराब के नशे में मिला जख्मी बाइक सवार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.