उदयपुर. जीवन को वर्तमान में जिओ, जो जा चुका है. उस पर पछतावा कभी नहीं करना चाहिए. जीवन के हर क्षण का आनंद लेते हुए अपने जीवन का पूरा सदुपयोग करना ही एक सफल जीवन का मूल है. यह कहना है विश्वविख्यात मोटिवेशनल स्पीकर मोहनजी का.
दरअसल पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय की ओर से 'समानता और सेवाः जीवन में सद्भाव के लिए आवश्यक तत्व' विषय पर अपने व्याख्यान में मोहनजी ने कहा कि आपने जीवन में क्या पाया? यह एक प्रश्न है जिस पर सब कहेंगे कि मैंने पैसा कमाया, पर यह हमेशा एक जैसा नहीं होगा. इसलिए आपने क्या कमाया, वो हैं हमारे अनुभव और आपके जीवन की क्या बचत है? तो आप पायेंगे कि स्मृतियां, यादें ही आपकी वास्तविक बचत है. आप इस संसार के लिए क्या हैं? वो हमेशा चिरस्थायी रहेगा और लोग आपको उसके लिए ही याद रखेंगे न कि आप क्या हो या क्या थे, उससे जाने जाओगे.
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पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए मोहनजी बोले कि राष्ट्रपति रहते हुए भी अब्दुल कलाम एक सरल इंसान रहते हुए सभी से मिलते और सज्जनता की प्रतिमूर्ति के रुप में सदैव नजर आए. उनको उनके पद, अधिकार और संबंधों ने कभी उनको उनके मूल जीवन तत्व से अलग करके नहीं रखा. पछतावा और अपराध बोध बेकार की भावनाएं हैं. उन पर रोने की कोई जरुरत नहीं है. समय अपनी गति के अनुसार आपको आगे ले जाएगा, इसलिए जो आप करना चाहते है, उसे अभी करें, क्योकि कल चला गया, आने वाला कल अनिश्चित है. अतः आप सदैव वर्तमान में जीओ, वर्तमान में रहो.