ETV Bharat / state

मां बनने के बाद लाडले के विकास को लेकर प्रसूताएं गंभीर नहीं, कैंसर का हो सकती शिकार - Pregnant Women

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर व वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.सीमा द्विवेदी ने बताया, सैकड़ों प्रसूताओं द्वारा डिलीवरी के बाद बच्चे के स्तनपान कराने के संबंध में जब सर्वे किया गया, तो डॉक्टरों की टीम को मालूम हुआ कि 90 प्रतिशत प्रसूताएं ऐसी हैं, जो अपने लाडले के विकास को लेकर गंभीर नहीं हैं.

प्रेग्नेंट महिला
प्रेग्नेंट महिला (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 11:05 PM IST

कानपुर: कहा जाता है, एक औरत के लिए मां बनने से बड़ा सपना कोई और नहीं होता. मां बनने के बाद अगर प्रसूता का ध्यान होता है, तो केवल अपने लाडले या लाडली पर, मगर कानपुर के एलएलआर अस्पताल के जच्चा-बच्चा विभाग से जो जानकारी सामने आई, उसने सभी को चौंका दिया. यहां, सैकड़ों प्रसूताओं द्वारा डिलीवरी के बाद बच्चे के स्तनपान कराने के संबंध में जब सर्वे किया गया, तो डॉक्टरों की टीम को मालूम हुआ कि 90 प्रतिशत प्रसूताएं ऐसी हैं, जो अपने लाडले के विकास को लेकर गंभीर नहीं हैं. डॉक्टर्स ने उनसे बात किया, उन्हें बताया कि मां-बच्चे के बीच सबसे बेहतर बांडिंग तक स्तनपान से हो जाती है. यही नहीं, इसके मां और बेटे दोनों के लिए बहुत अधिक लाभ हैं.

डॉक्टर सीमा द्विवेदी, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ (Video credit: ETV Bharat)
प्रसूताएं गर्भाशय से लेकर स्तन कैंसर का हो सकतीं शिकार

इस मामले को लेकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर व वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.सीमा द्विवेदी ने बताया कि विभाग में 500 से अधिक उन महिलाओं व प्रसूताओं पर स्तनपान के संदर्भ में सर्वे कराया गया. जिनकी हाल-फिलहाल ही डिलीवरी हुई थी. उन्होंने कहा कि वह खुद आश्चर्यचकित रह गईं, जब उन्हें पता लगा कि प्रसूताएं बच्चों को स्तनपान के बजाए घुट्टी देना, गाय का दूध और शहद का सेवन करा रही हैं. बोलीं, जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान जानकारी दे दी गई थी, उनका मामला तो सही था, मगर कई प्रसूताओं को अब जागरूक किया गया है.

उन्होंने बताया कि पहली बार प्रसूताओं से उनके नंबर पर भी संवाद कर स्तनपान को लेकर जागरूक किया जा रहा. फिर कहा,कि जो प्रसूताएं ऐसा नहीं कर रही हैं, उनमें गर्भाशय, अंडाशय व स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है.


जानिए एक बच्चे के लिए कैसे जरूरी है स्तनपान

  • इससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
  • बच्चे को एलर्जी से दूर रहने में मदद मिलती है
  • बच्चे के मस्तिष्क समेत अन्य अंगों के विकास में सहायक
  • बच्चे के भविष्य में हाईपरटेंस होने, डायबिटिक होने का खतरा कम
  • बच्चे के मसूड़ों का उचित विकास होता है

मां के लिए स्तनपान कराना क्यों जरूरी

  • मां-बेटे के बीच बांडिंग बेहतर हो जाती है
  • मां का मोटापा घट जाता है
  • डिलीवरी होने के बाद जो ब्लीडिंग होती है उसमें सुधार होता है
  • गर्भाशय, अंडाशय व स्तन कैंसर से पूरा बचाव
  • मां के शरीर की फिटनेस बरकरार रहती है

यह भी पढ़ें: बस्ती में इंजेक्शन के बाद 100 प्रसूताओं की तबीयत बिगड़ी; महिला अस्पताल में अफरा-तफरी, डाॅक्टर गायब

यह भी पढ़ें: Risk of Viral Fever : गर्भावस्था में वायरल फीवर से बढ़ जाता है मिसकैरेज का खतरा, ये सावधानी बरतनीं जरूरी



कानपुर: कहा जाता है, एक औरत के लिए मां बनने से बड़ा सपना कोई और नहीं होता. मां बनने के बाद अगर प्रसूता का ध्यान होता है, तो केवल अपने लाडले या लाडली पर, मगर कानपुर के एलएलआर अस्पताल के जच्चा-बच्चा विभाग से जो जानकारी सामने आई, उसने सभी को चौंका दिया. यहां, सैकड़ों प्रसूताओं द्वारा डिलीवरी के बाद बच्चे के स्तनपान कराने के संबंध में जब सर्वे किया गया, तो डॉक्टरों की टीम को मालूम हुआ कि 90 प्रतिशत प्रसूताएं ऐसी हैं, जो अपने लाडले के विकास को लेकर गंभीर नहीं हैं. डॉक्टर्स ने उनसे बात किया, उन्हें बताया कि मां-बच्चे के बीच सबसे बेहतर बांडिंग तक स्तनपान से हो जाती है. यही नहीं, इसके मां और बेटे दोनों के लिए बहुत अधिक लाभ हैं.

डॉक्टर सीमा द्विवेदी, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ (Video credit: ETV Bharat)
प्रसूताएं गर्भाशय से लेकर स्तन कैंसर का हो सकतीं शिकार

इस मामले को लेकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर व वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.सीमा द्विवेदी ने बताया कि विभाग में 500 से अधिक उन महिलाओं व प्रसूताओं पर स्तनपान के संदर्भ में सर्वे कराया गया. जिनकी हाल-फिलहाल ही डिलीवरी हुई थी. उन्होंने कहा कि वह खुद आश्चर्यचकित रह गईं, जब उन्हें पता लगा कि प्रसूताएं बच्चों को स्तनपान के बजाए घुट्टी देना, गाय का दूध और शहद का सेवन करा रही हैं. बोलीं, जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान जानकारी दे दी गई थी, उनका मामला तो सही था, मगर कई प्रसूताओं को अब जागरूक किया गया है.

उन्होंने बताया कि पहली बार प्रसूताओं से उनके नंबर पर भी संवाद कर स्तनपान को लेकर जागरूक किया जा रहा. फिर कहा,कि जो प्रसूताएं ऐसा नहीं कर रही हैं, उनमें गर्भाशय, अंडाशय व स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है.


जानिए एक बच्चे के लिए कैसे जरूरी है स्तनपान

  • इससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
  • बच्चे को एलर्जी से दूर रहने में मदद मिलती है
  • बच्चे के मस्तिष्क समेत अन्य अंगों के विकास में सहायक
  • बच्चे के भविष्य में हाईपरटेंस होने, डायबिटिक होने का खतरा कम
  • बच्चे के मसूड़ों का उचित विकास होता है

मां के लिए स्तनपान कराना क्यों जरूरी

  • मां-बेटे के बीच बांडिंग बेहतर हो जाती है
  • मां का मोटापा घट जाता है
  • डिलीवरी होने के बाद जो ब्लीडिंग होती है उसमें सुधार होता है
  • गर्भाशय, अंडाशय व स्तन कैंसर से पूरा बचाव
  • मां के शरीर की फिटनेस बरकरार रहती है

यह भी पढ़ें: बस्ती में इंजेक्शन के बाद 100 प्रसूताओं की तबीयत बिगड़ी; महिला अस्पताल में अफरा-तफरी, डाॅक्टर गायब

यह भी पढ़ें: Risk of Viral Fever : गर्भावस्था में वायरल फीवर से बढ़ जाता है मिसकैरेज का खतरा, ये सावधानी बरतनीं जरूरी



ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.