दौसा. जिला अस्पताल में स्थित मातृ एवं शिशु अस्पताल में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही के कारण बुधवार को एक नवजात और प्रसूता सहित उसके परिजनों की जान आफत में आ गई. दरअसल, मामला दौसा जिला अस्पताल परिसर में स्थित मातृ एवं शिशु अस्पताल के महिला शिशु वार्ड का है.
बता दें कि, अलवर जिला निवासी प्रसूता उर्मिला और उसके नवजात बच्चे को वार्ड में शिफ्ट किया जाना था. जिसके चलते प्रसूता नवजात शिशु को लेकर अपने परिजनों के साथ लिफ्ट के जरिए नीचे आ रही थी. इस दौरान अचानक लाइट चली गई. अचानक लाइट जाने के कारण लिफ्ट बीच में ही रुक गई. ऐसे में लिफ्ट में मौजूद प्रसूता और उसके परिजन घबरा गए. इस दौरान करीब 5 मिनट बाद वापस लाइट आने पर लिफ्ट में फंसे जच्चा-बच्चा और उसके परिजनों को बाहर निकाला गया. लेकिन लाइट जाने के बाद अस्पताल में लाइट की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण 5 मिनट तक लिफ्ट में मौजूद सभी लोगों की सांसे अटक गई. वहीं भीषण गर्मी के कारण लिफ्ट में फंसे होने के कारण बुरी तरह से घबरा गए.
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पहले भी सामने आए ऐसे मामले: गौरतलब है कि, दौसा जिला अस्पताल में पहले भी इस तरह की कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं. जिसके कारण लाइट जाने से अस्पताल में मरीज और परिजन लिफ्ट में फंस चुके हैं. लेकिन बार-बार होने वाली इन घटनाओं के बाद भी जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के कोई ठोस प्रबंध नहीं किए गए हैं. ऐसे में किसी दिन बड़ी जनहानि होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
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मामले की उच्चाधिकारियों को जानकारी तक नहीं: वहीं इस मामले की जानकारी के लिए पीएमओ डॉक्टर सुभाष बिलोनिया से बात की गई. इस दौरान उन्होंने कहा कि मामला मेरी जानकारी में नहीं आया है. लेकिन अगर ऐसा है तो मामले की जांच कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.