मुरैना। मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर जारी है. मुरैना में नौतपा के चौथे दिन सूर्य देव अब आग बरसाने में लगे हैं. सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक लोगों का सड़कों पर निकलना मुश्किल होता जा रहा है. मंगलवार की दोपहर शहर की मुख्य सड़क एमएस रोड पर कर्फ्यू जैसी स्थिति नजर आई. सड़क पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था. सूर्य देव की तीखी किरण अब लोगों को परेशान कर रही है और ऐसे में लोग बहुत जरूरी काम से ही बाजार में निकल रहे हैं.
सड़कों पर पसरा सन्नाटा
मंगलवार की दोपहर शहर में चारों ओर सन्नाटा सा छा गया, क्योंकि तापमान साढ़े 47 डिग्री हो गया है और गर्मी लोग सहन नहीं कर पा रहे थे. सुबह 10 बजे से ही आग बरसने लगी, जिस कारण लोग सड़कों पर कम ही निकलते नजर आए. बता दें कि शहर में लगातार तापमान बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही रात का तापमान भी 30 डिग्री के पर चल रहा है और बुधवार को और अधिक तापमान बढ़ सकता है. गर्मी से बचने के लिए आम जनमानस ठंडे पेय पदार्थ का सहारा ले रहे हैं.
सालों बाद मुरैना में भीषण गर्मी
गर्मी का आलम यह है कि दिन और रात लोग चैन से सो नहीं पा रहे. इधर बिजली की लुका छुपी ने आम जन मानस की परेशानियां और बड़ा दी है. मौसम वैज्ञानिक डॉ हरविंदर सिंह ने बताया कि मंगलवार का तापमान साढ़े 47 और न्यूनतम 30 डिग्री नोट किया गया है. मुरैना जिले में इतनी गर्मी काफ़ी सालों बाद पड़ी है और पिछले दो सालों की अपेक्षा इस नौतपा में अधिक गर्मी है. उन्होंने लोगों से अपील की है की जरुरी काम पर ही घर के बाहर निकले और चेहरे को ढक्कर चले, पानी पीते रहें.
हीटवेव के कारण पशु-पक्षियों की जान आई आफत में
लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण इंसान तो इंसान पशु पक्षी भी बेहाल हैं. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भीषण तपिश के कारण पशु पक्षियों की जान पर बन आई है. तमाम पशु पक्षी हीट वेव के कारण अकाल मौत मर रहे हैं. तमाम समाजसेवी लोग पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था का दावा कर रहे हैं, लेकिन इसका लाभ पक्षियों को नहीं मिल पा रहा. शहर एवं ग्रामीण इलाकों में तमाम आवारा पशु भीषण गर्मी और प्यास के कारण बेहाल हैं और कई आवारा पशु दम तोड़ चुके हैं. गर्मियों को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की गई है.
शीतल जल सेवा प्याऊ का अभाव, राहगीर परेशान
कुछ वर्ष पूर्व तक शहर में तमाम समाजसेवी लोग भीषण गर्मियों के चलते एमएस रोड और हाईवे आदि पर नि:शुल्क शीतल जल प्याऊ संचालित करते थे. लेकिन देखने में आ रहा है कि कुछ वर्षों से ऐसी जल सेवा बंद हो गई है. जिस कारण ग्रामीण क्षेत्र एवं बाहर से आने वाले राहगीरों को पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा और गरीब लोगों को रुपए खर्च कर प्यास बुझानी पड़ रही है.