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मुरैना SP ऑफिस के बाबू की करतूत, पुलिस कर्मियों का एरियर और हाफ-पे के 60 लाख हड़पे - MORENA SP OFFICE BABU EMBEZZLED

मुरैना के एसपी कार्यालय के बाबू पर 60 लाख की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं. मामला उजागर होने पर एसपी ने उसे निलंबित कर दिया.

MORENA SP OFFICE BABU EMBEZZLED
एसपी ऑफिस के बाबू पर धोखाधड़ी के आरोप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

मुरैना: पुलिस अधीक्षक कार्यालय के एक बाबू पर आरोप है कि, वह 15 साल से अपने ही पुलिसकर्मी साथियों का एरियर और हाफ-पे का रुपया अपने खाते में ट्रांसफर करता रहा और अधिकारियों को पता भी नहीं चला. हालांकि इसकी जानकारी काफी समय से मिल रही थी, लेकिन कार्रवाई न होने से बाबू के हौसले बुलंद होते रहे. 15 वर्ष के भीतर बाबू ने लगभग 60 लाख रुपए ऐंठ लिये.

बाबू ने हड़पे 60 लाख से अधिक रुपये
मामला कुछ इस प्रकार है कि, मुरैना एसपी ऑफिस के एक बाबू देवेंद्र सिंह भदौरिया पर आरोप है कि, उसने 30 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के एरियर और हाफ-पे के 60 लाख से अधिक रुपये अपने खाते में डाल लिए. यह फर्जीवाड़ा 2006 से 2016 तक चला. क्योंकि तब यह रिकार्ड ऑनलाइन नहीं था. हाल ही में तीन पुलिसकर्मियों द्वारा की गई शिकायत के बाद यह मामला उजागर हुआ है. जिसके बाद एसपी समीर सौरभ ने देवेंद्र सिंह भदौरिया को निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी है.

3 पुलिसकर्मियों ने की शिकायत, तब हुआ खुलासा
मुरैना से तबादले के बाद बाहर गए तीन पुलिसकर्मियों ने जुलाई में तत्कालीन एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान से शिकायत की थी, कि उनके हाफ-पे (पुलिसकर्मियों को मिलने वाला एक माह का अतिरिक्त वेतन) और एरियर की राशि मुरैना में किसी ने फर्जी तरीके से निकाल ली है. जांच की गई तो पता चला कि तीनों के लगभग 45 हजार रुपये एसपी ऑफिस की वेतन शाखा के बाबू देवेंद्र सिंह भदौरिया ने अपने खाते में जमा कर लिए हैं.

पुलिसकर्मियों को बनाता था निशाना
मामला सामने आने के बाद तत्कालीन एडिशनल एसपी अरविंद ठाकुर ने और तथ्य खंगाले तो पता चला कि वेतन शाखा का बाबू यह वित्तीय घोटाला 2006 से 2016 तक करता रहा. 30 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के 60 लाख से ज्यादा रुपये अपने खाते में जमा करा चुका है. बताया जाता है कि एसपी ऑफिस का यह शातिर बाबू तबादला होने वाले पुलिसकर्मी को निशाना बनाता था, जिनका अन्य जिलों में स्थानांतरण हो जाता था.

बताया जाता है कि, 2006 से 2016 तक पुलिस का रिकार्ड ऑनलाइन नहीं था. तब एसपी ऑफिस के रजिस्टर व कंप्यूटर में पूरी जानकारी दर्ज रहती थी. इसका फायदा उठाकर वह हर साल दो से तीन पुलिसकर्मियों के एरियर व हाफ-पे फंड की राशि को एसपी ऑफिस के रिकार्ड में शून्य कर देता था और खुद के बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लेता था.

एसपी बोले-वित्तीय गड़बड़ी का मामला
इस मामले में एसपी समीर सौरभ ने बताया कि, ''हमारे पास तीन पुलिसकर्मियों की शिकायत थी, जिनका पैसा वेतन शाखा के बाबू देवेंद्र सिंह भदौरिया ने अपने खाते में जमा किया है. उसे सस्पेंड कर दिया गया है. मामला विभाग के अंदर का है, इसलिए इससे ज्यादा नहीं बता सकते. चूंकि यह मामला वित्तीय गड़बड़ी का है, पुलिस इसमें विशेषज्ञ नहीं होती. इसलिए पूरे प्रकरण की जांच संयुक्त संचालक लेखा द्वारा भी करवाई जा रही है. जांच के बाद हो सकता है बाबू पर FIR हो.''

मुरैना: पुलिस अधीक्षक कार्यालय के एक बाबू पर आरोप है कि, वह 15 साल से अपने ही पुलिसकर्मी साथियों का एरियर और हाफ-पे का रुपया अपने खाते में ट्रांसफर करता रहा और अधिकारियों को पता भी नहीं चला. हालांकि इसकी जानकारी काफी समय से मिल रही थी, लेकिन कार्रवाई न होने से बाबू के हौसले बुलंद होते रहे. 15 वर्ष के भीतर बाबू ने लगभग 60 लाख रुपए ऐंठ लिये.

बाबू ने हड़पे 60 लाख से अधिक रुपये
मामला कुछ इस प्रकार है कि, मुरैना एसपी ऑफिस के एक बाबू देवेंद्र सिंह भदौरिया पर आरोप है कि, उसने 30 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के एरियर और हाफ-पे के 60 लाख से अधिक रुपये अपने खाते में डाल लिए. यह फर्जीवाड़ा 2006 से 2016 तक चला. क्योंकि तब यह रिकार्ड ऑनलाइन नहीं था. हाल ही में तीन पुलिसकर्मियों द्वारा की गई शिकायत के बाद यह मामला उजागर हुआ है. जिसके बाद एसपी समीर सौरभ ने देवेंद्र सिंह भदौरिया को निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी है.

3 पुलिसकर्मियों ने की शिकायत, तब हुआ खुलासा
मुरैना से तबादले के बाद बाहर गए तीन पुलिसकर्मियों ने जुलाई में तत्कालीन एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान से शिकायत की थी, कि उनके हाफ-पे (पुलिसकर्मियों को मिलने वाला एक माह का अतिरिक्त वेतन) और एरियर की राशि मुरैना में किसी ने फर्जी तरीके से निकाल ली है. जांच की गई तो पता चला कि तीनों के लगभग 45 हजार रुपये एसपी ऑफिस की वेतन शाखा के बाबू देवेंद्र सिंह भदौरिया ने अपने खाते में जमा कर लिए हैं.

पुलिसकर्मियों को बनाता था निशाना
मामला सामने आने के बाद तत्कालीन एडिशनल एसपी अरविंद ठाकुर ने और तथ्य खंगाले तो पता चला कि वेतन शाखा का बाबू यह वित्तीय घोटाला 2006 से 2016 तक करता रहा. 30 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के 60 लाख से ज्यादा रुपये अपने खाते में जमा करा चुका है. बताया जाता है कि एसपी ऑफिस का यह शातिर बाबू तबादला होने वाले पुलिसकर्मी को निशाना बनाता था, जिनका अन्य जिलों में स्थानांतरण हो जाता था.

बताया जाता है कि, 2006 से 2016 तक पुलिस का रिकार्ड ऑनलाइन नहीं था. तब एसपी ऑफिस के रजिस्टर व कंप्यूटर में पूरी जानकारी दर्ज रहती थी. इसका फायदा उठाकर वह हर साल दो से तीन पुलिसकर्मियों के एरियर व हाफ-पे फंड की राशि को एसपी ऑफिस के रिकार्ड में शून्य कर देता था और खुद के बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लेता था.

एसपी बोले-वित्तीय गड़बड़ी का मामला
इस मामले में एसपी समीर सौरभ ने बताया कि, ''हमारे पास तीन पुलिसकर्मियों की शिकायत थी, जिनका पैसा वेतन शाखा के बाबू देवेंद्र सिंह भदौरिया ने अपने खाते में जमा किया है. उसे सस्पेंड कर दिया गया है. मामला विभाग के अंदर का है, इसलिए इससे ज्यादा नहीं बता सकते. चूंकि यह मामला वित्तीय गड़बड़ी का है, पुलिस इसमें विशेषज्ञ नहीं होती. इसलिए पूरे प्रकरण की जांच संयुक्त संचालक लेखा द्वारा भी करवाई जा रही है. जांच के बाद हो सकता है बाबू पर FIR हो.''

Last Updated : 2 hours ago
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