मुरैना। लम्बे समय तक चली जद्दोजहद के बाद कांग्रेस ने अंतत: मुरैना-श्योपुर संसदीय क्षेत्र से अपना प्रत्याशी घोषित किया है. सत्यपाल सिंह सिकरवार उर्फ नीटू के नाम पर कांग्रेस के आलाकमान ने अपनी मोहर लगा दी है. टिकट फाइनल होते ही कांग्रेसियों ने उनके पुरानी हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित निज निवास पर आतिशबाजी कर मिठाई बांटी और राहुल गांधी सहित वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद कहा. अब इस सीट में सीधा मुकाबला भाजपा बनाम कांग्रेस के बीच होगा. दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्र के बाहुबली बताए जा रहे हैं.
बीजेपी के शिवमंगल सिंह तोमर से होगी भिड़ंत
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सबकी नजरें बीजेपी और कांग्रेस पर टिकी थी. लोग दोनों पार्टियों की ओर टकटकी लगाकर देख रहे थे कि कौन जनता की भावनाओं की कद्र करते हुए उनकी पसंद के कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतरेगा. बीजेपी ने पहली ही खेप में दिमनी के पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर के नाम की घोषणा कर चुनावी बिगुल फूंक दिया था. बीजेपी कैंडिडेट की घोषणा होते ही सबकी नजरें कांग्रेस पर आकर टिक गई थी. आखिरकार लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने बीजेपी से पूर्व विधायक रहे युवा चेहरे नीटू उर्फ सत्यपाल सिंह सिकरवार को प्रत्याशी घोषित कर दिया है.
रोचक होगा लोकसभा का चुनाव
वैसे कहने को तो कांग्रेस में कई गुट खड़े हुए हैं लेकिन नीटू के नाम पर पूरी कांग्रेस एकजुट दिखाई दे रही है. लोगों का मानना है कि नीटू के आने से मुकाबला बड़ा रोचक होने वाला है. नीटू उर्फ सत्यपाल के छोटे भाई पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह सिकरवार ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व को धन्यवाद किया. मानवेन्द्र सिंह ने कहा ''पिछले 10 सालों से जो सांसद रहे, उन्होंने मुरैना में कोई अपना कार्यालय तक नहीं बनाया, हमारा तो यहां मकान है. यहां 24 घण्टे कोई न कोई परिवार का सदस्य मिलता है. अबकी बार सभी के आर्शीवाद और सहयोग से 4 जून को जो परिणाम घोषित होंगे उसमे 31 वर्ष बाद मुरैना श्योपुर लोकसभा सीट कांग्रेस की झोली में होगी''.
जानिए, कांग्रेस प्रत्याशी सत्यपाल सिंह का राजनैतिक बैकग्राउंड
दोनों ही प्रत्याशी जनता के बीच काफी लोकप्रिय चेहरे हैं. यहां कांग्रेस प्रत्याशी के राजनीतिक बैकग्राउंड पर नजर डालें तो उनका राजनीति से पुराना नाता रहा है. उनके पिताजी गजराज सिंह सिकरवार सुमावली विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके हैं. यही नहीं बड़े भाई सतीश सिंह सिकरवार ग्वालियर पूर्व विधानसभा से कांग्रेस के विधायक हैं और भाभी शोभा सिकरवार ग्वालियर नगर निगम की महापौर हैं. पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार के अस्वस्थ होने के कारण कांग्रेस ने उनके पुत्र सत्यपाल सिंह को मैदान में उतारा है. गजराज सिंह पिछले पांच सालों से पोरसा से लेकर श्योपुर तक गांव-गांव जाकर जनसंपर्क करने में लगे हुए थे. वे पहले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके थे, लेकिन अभी कुछ माह पहले ही अचानक उनका स्वास्थ्य खराब हो गया, जिसके चलते वे सक्रिय राजनीति से दूर हो गए. इसके बाद उनके छोटे पुत्र सत्यपाल सिंह ने कमान संभाली और वे मुरैना जिले की राजनीति में सक्रिय होकर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुट गए थे.
अब बसपा पर टिकी हैं सबकी निगाहें
अब सबकी नज़रें बसपा उम्मीदवार पर टिकी हैं, क्योंकि बसपा पहले ही तय कर चुकी है कि जब कांग्रेस-भाजपा उम्मीदवार घोषित करेंगी उसके बाद ही वह अपने पत्ते खोलेगी. वैसे बसपा से टिकट लेने की दौड़ में व्यवसायी रमेश गर्ग का नाम भी सामने आ गया है. इसके साथ ही पूर्व विधायक बलवीर डण्डौतिया सहित कई अन्य दावेदार भी बसपा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. अब देखना यह है कि लोकसभा चुनाव में मतदाताओं का रुख किसकी ओर होता है?
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भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर के आसार
फिलहाल, यह पूरा चुनाव काफी दिलचस्प होता हुआ दिखाई पड़ रहा है. विधानसभा चुनाव के परिणामों को सामने रखें तो कांग्रेस 05 विधानसभा सीटों पर काबिज है, तो वहीं भाजपा के पास 03 सीटें हैं. मुरैना जिले में अम्बाह, जौरा व मुरैना विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में हैं. सुमावली और दिमनी पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. श्योपुर जिले की दोनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इस लिहाज़ से देखें तो कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला काफी कड़ा होने वाला है.