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पीडीएस के सरकारी चावलों से भरे ट्रक को पहले पकड़ा फिर पुलिस ने छोड़ा, मुरैना एसपी ने की कड़ी कार्रवाई - POLICE RELEASED PDS RICE TRUCK

बीते दिनों मुरैना जिले की सरायछोला थाना पुलिस ने सरकारी चावलों से भरा हुआ एक ट्रक पकड़ा और कुछ ही मिनटों के बाद वह ट्रक छोड़ भी दिया गया था. एसपी के आदेश पर की गई जांच के बाद पता चला कि तीन आरक्षकों ने ट्रक चालक से रुपए लेकर ट्रक को छोड़ा था. एसपी ने तीनों आरक्षकों को दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया है.

morena three police constables suspended
मुरैना में पुलिस ने महज कुछ मिनटों में छोड़ा था पीडीएस के सरकारी चावलों से भरा ट्रक
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 3, 2024, 11:15 AM IST

मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. जहां तीन पुलिसकर्मियों ने पीडीएस के सरकारी चावल से भरे एक ट्रक और चालक को पैसे लेकर छोड़ दिया. जांच के बाद तीनों पुलिसकर्मियों पर एसपी के द्वारा कार्रवाई की गई. ये मामला मुरैना जिले के सरायछोला का है. जहां पिछले दिनों सरायछोला थाना पुलिस ने पीडीएस के सरकारी चावलों से भरा हुआ एक ट्रक पकड़ा था और पुलिस ने कुछ ही मिनटों के बाद थाने से इस ट्रक को छोड़ भी दिया था. पुलिस की यह कार्रवाई शुरू से ही संदेह के घेरे में थी. जब इस मामले की जानकारी एसपी शैलेन्द सिंह को हुई तो उन्होने इस मामले की जांच कराई. तीन दिन की लंबी जांच के बाद एसपी ने इस मामले में 3 आरक्षकों को दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया है.

कुछ ही मिनटों में छोड़ दिया ट्रक

जानकारी के अनुसार, विगत 3 दिन पहले सरायछोला थाना प्रभारी भूमिका दुबे ने मुखबिर की सूचना पर नेशनल हाईवे-44 से पीडीएस के सरकारी चावलों से भरा एक ट्रक पकड़ा था. इससे पहले कि इसकी भनक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के कानों तक पहुंचती, थाने से कुछ ही मिनटों में इस ट्रक को छोड़ दिया गया था. इसके बाद सरायछोला थाना प्रभारी ने मुरैना गांव में रेड कर दो अलग-अलग स्थानों से पीडीएस का सरकारी चावल जप्त कर इस अपनी करतूतों पर पर्दा डालने का असफल प्रयास किया था.

तीन आरक्षकों पर गिरी गाज

मीडिया के माध्यम से जब यह बात सीएसपी और पुलिस अधीक्षक के कानों तक पहुंची तो मामले की जांच की गई. तीन दिन की लंबी जांच के उपरांत पता चला कि थाने में पदस्थ आरक्षक अनिल राजपूत, वीरेंद्र सिंह और असगर खान ने पैसों का लेनदेन कर चावलों से भरे ट्रक को छोड़ा है. जांच रिपोर्ट आते ही एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने उक्त तीनों आरक्षकों को तत्काल सस्पेंड करने के निर्देश दिए है.

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थाना प्रभारी पर कार्रवाई क्यों नहीं?

सूत्रों की माने तो पीएडीएस के सरकारी चावलों से भरे ट्रक को सरायछोला थाना प्रभारी ने स्वयं पकड़ा था और उनकी देखरेख में ही थाने लाया गया था. यही नहीं ट्रक चालक की मुखबिरी पर ही सरायछोला थाना प्रभारी ने सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मुरैना गांव में रेड कर एक दुकान व गोदाम से सरकारी चावल जप्त किया था. फिर यह कैसे संभव है कि थाना प्रभारी की आंखों से बचाकर तीन आरक्षकों ने ट्रक को थाने से निकाल दिया. यह बात किसी के गले से नहीं उतर रही है. यहां हद तो तब हो गई जब वरिष्ठ अधिकारी की जांच में सिर्फ तीनों आरक्षकों ही दोषी पाए गए. पुलिस की यह कार्रवाई किसी नाटकीय घटना क्रम की तरह दिखाई दे रही है. इससे ऐसा लगता है कि थाना प्रभारी को बचाने के लिए तीन आरक्षकों को बली का बकरा बनाया गया है.

मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. जहां तीन पुलिसकर्मियों ने पीडीएस के सरकारी चावल से भरे एक ट्रक और चालक को पैसे लेकर छोड़ दिया. जांच के बाद तीनों पुलिसकर्मियों पर एसपी के द्वारा कार्रवाई की गई. ये मामला मुरैना जिले के सरायछोला का है. जहां पिछले दिनों सरायछोला थाना पुलिस ने पीडीएस के सरकारी चावलों से भरा हुआ एक ट्रक पकड़ा था और पुलिस ने कुछ ही मिनटों के बाद थाने से इस ट्रक को छोड़ भी दिया था. पुलिस की यह कार्रवाई शुरू से ही संदेह के घेरे में थी. जब इस मामले की जानकारी एसपी शैलेन्द सिंह को हुई तो उन्होने इस मामले की जांच कराई. तीन दिन की लंबी जांच के बाद एसपी ने इस मामले में 3 आरक्षकों को दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया है.

कुछ ही मिनटों में छोड़ दिया ट्रक

जानकारी के अनुसार, विगत 3 दिन पहले सरायछोला थाना प्रभारी भूमिका दुबे ने मुखबिर की सूचना पर नेशनल हाईवे-44 से पीडीएस के सरकारी चावलों से भरा एक ट्रक पकड़ा था. इससे पहले कि इसकी भनक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के कानों तक पहुंचती, थाने से कुछ ही मिनटों में इस ट्रक को छोड़ दिया गया था. इसके बाद सरायछोला थाना प्रभारी ने मुरैना गांव में रेड कर दो अलग-अलग स्थानों से पीडीएस का सरकारी चावल जप्त कर इस अपनी करतूतों पर पर्दा डालने का असफल प्रयास किया था.

तीन आरक्षकों पर गिरी गाज

मीडिया के माध्यम से जब यह बात सीएसपी और पुलिस अधीक्षक के कानों तक पहुंची तो मामले की जांच की गई. तीन दिन की लंबी जांच के उपरांत पता चला कि थाने में पदस्थ आरक्षक अनिल राजपूत, वीरेंद्र सिंह और असगर खान ने पैसों का लेनदेन कर चावलों से भरे ट्रक को छोड़ा है. जांच रिपोर्ट आते ही एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने उक्त तीनों आरक्षकों को तत्काल सस्पेंड करने के निर्देश दिए है.

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सूत्रों की माने तो पीएडीएस के सरकारी चावलों से भरे ट्रक को सरायछोला थाना प्रभारी ने स्वयं पकड़ा था और उनकी देखरेख में ही थाने लाया गया था. यही नहीं ट्रक चालक की मुखबिरी पर ही सरायछोला थाना प्रभारी ने सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मुरैना गांव में रेड कर एक दुकान व गोदाम से सरकारी चावल जप्त किया था. फिर यह कैसे संभव है कि थाना प्रभारी की आंखों से बचाकर तीन आरक्षकों ने ट्रक को थाने से निकाल दिया. यह बात किसी के गले से नहीं उतर रही है. यहां हद तो तब हो गई जब वरिष्ठ अधिकारी की जांच में सिर्फ तीनों आरक्षकों ही दोषी पाए गए. पुलिस की यह कार्रवाई किसी नाटकीय घटना क्रम की तरह दिखाई दे रही है. इससे ऐसा लगता है कि थाना प्रभारी को बचाने के लिए तीन आरक्षकों को बली का बकरा बनाया गया है.

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