मुरैना : पुलिस अधिकारियों द्वारा आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सारे इंतजाम किए गए, लेकिन फर्जी अभ्यर्थियों ने पुलिस की फुल प्रूफ योजना को भी ठेंगा दिखा दिया. हालांकि अंतत: ये 'मुन्ना भाई' पकड़े गए. बता दें कि मुरैना स्थित 5वीं बटालियन के मैदान पर पुलिस आरक्षक भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट परीक्षा 16 अक्टूबर से 20 नवंबर बुधवार तक चली. लिखित परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों के दौड़, लंबी कूद व गोला फेंक करवाई गई. बुधवार को फिजिकल टेस्ट का अंतिम दिन था. इसमें देवगढ़ निवासी लवकुश गुर्जर सबसे पहले पकड़ा गया, जो बृजेश पुत्र विजय सिंह की जगह फिजिकल देने आया था. पुलिस को आशंका है कि कोई बड़ा रैकेट इससे जुड़ा है.
भर्ती के दौरान बायोमैट्रिक जांच में खुली पोल
इसके अलावा माता बसैया थाना क्षेत्र निवासी कल्याण पुत्र अतर सिंह गुर्जर और अंबाह के लुखरियाई गांव निवासी करतार पुत्र रामनाथ सिंह जाटव को पकड़ा गया. कल्याण और करतार ने लिखित परीक्षा में अपनी जगह किसी दूसरे साल्वर को बैठाया था, लेकिन फिजिकल टेस्ट में पकड़े गए. ये तीनों बायोमैट्रिक जांच में पकड़े गए. इससे पहले मंगलवार को उत्तरप्रदेश के मथुरा के मलखान उर्फ रिंकू पुत्र राजेंद्र सिंह जाट को पकड़ा था, जो मुरैना के डबोखरी-बर्रेड गांव निवासी दुर्गेश पुत्र रामहेत जाटव की जगह फर्जी तरीके से फिजिकल टेस्ट दे रहा था.
ऐसे रची फिजिकल टेस्ट में फर्जीवाड़ा करने की साजिश
इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल धाकड़ का कहना है "मंगलवार को भी एक फर्जी अभ्यर्थी पकड़ा था. बुधवार को 3 फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए हैं. उनसे पूछताछ चल रही है. फर्जी अभ्यर्थी मलखान उर्फ रिंकू जाट ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि सबलगढ़ में उसके भाई नरेश जाट ने कियोस्क सेंटर संचालक सोनू उर्फ मनीष शर्मा निवासी सबलगढ़ से मिलवाया था."
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दो लाख रुपये में हुआ था सौदा
फर्जी अभ्यर्थी मलखान ने बताया "उसे ₹40 हजार मिल चुके थे ओर डेढ़ लाख रुपए फिजिकल टेस्ट देने के बाद दिए जाने का वायदा किया गया था. इसके लिए सोनू ने 19 नवंबर की दुर्गेश जाटव के दस्तावेजों की एक फाइल दी थी, जिसके आधार पर उसे फिजिकल टेस्ट क्लियर करके देना था, तभी वह डबोखरी गांव का नाम नहीं बता पाने के चलते संदेह में पकड़ा गया." मलखान जाट को पुलिस ने 24 नवंबर तक रिमांड पर लिया है.