मुरैना: मध्य प्रदेश सशस्त्र बल की 5वीं बटालियन वाहिनी परिसर में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा का फिजिकल टेस्ट चल रहा है. इस दौरान मंगलवार को उत्तर प्रदेश से आए एक फर्जी अभ्यर्थी को एसटीएफ एसपी की टीम ने गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया युवक जौरा तहसील के डबोखरी गांव के वास्तविक अभ्यर्थी के स्थान पर फिजिकल टेस्ट देने पहुंचा था, लेकिन एडमिट कार्ड से चेहरा न मिलने के चलते टीम ने आरोपी से पूछताछ की, जिसमें आरोपी फंस गया. काेतवाली थाना पुलिस ने मूल अभ्यर्थी समेत पूरे षडयंत्र में शामिल 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
ए़डमिट कार्ड से फोटो ना मिलने पर हुआ खुलासा
दरअसल, 16 अक्टूबर से 20 नवंबर तक पुलिस आरक्षक भर्ती का फिजिकल मुरैना एसएएफ की पांचवीं बटालियन वाहिनी के मैदान में चल रहा है. इस दौरान पीएचक्यू द्वारा एक डीआईजी, एसटीएफ के एक पुलिस अधीक्षक और 2 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित भारी पुलिस बल लगाया गया. मंगलवार को अभ्यर्थियों का फिजिकल चल रहा था. इस दौरान एक अभ्यर्थी फिजिकल टेस्ट देने आया था, जिसका फेस एडमिट कार्ड में लगी फोटो से बिल्कुल नहीं मिल रहा था, चेकिंग टीम ने उसका नाम पता पूछा तो वह सकपका गया. जिसके बाद एसपी समीर सौरभ की मौजूदगी में टीम उसके पकड़कर थाने लाई.
फिजिकल टेस्ट देने के लिए 3.50 लाख लिए
गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह मुरैना जिले की जौरा तहसील के चिन्नौनी थाना क्षेत्र के डबोखरी गांव निवासी दुर्गेश जाटव की जगह फिजिकल टेस्ट देने आया था. उसने इसके लिए 3 लाख 50 हजार रुपए लिए थे. आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला निवासी रिंकू जाट के रूप में हुई है. कोतवाली थाना प्रभारी आलोक सिंह परिहार सहित अन्य पुलिस बल बटालियन पहुंचा और फर्जी परीक्षार्थी को पकड़कर काेतवाली थाने लाई. जहां पुलिस ने रिंकू जाट और मूल अभ्यर्थी समेत पूरे षडयंत्र में शामिल 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
फर्जीवाड़े में शामिल लोगों पर होगी कार्रवाई
इस मामले में पुलिस अधीक्षक समीर सौरव का कहना है, " पीएचक्यू के निर्देशन पर पुलिस भर्ती चल रही है. पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा का सिस्टम फूलप्रूफ है. मंगलवार को एक फर्जी अभ्यर्थी को पकड़ा है, जिसके खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. इस फर्जीवाड़े में जो लोग संलिप्त होंगें, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.''
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आधार कार्ड में बदलवाए फिंगर प्रिंट
फर्जी अभ्यर्थी रिंकू जाट उर्फ मलखान प्रारंभिक जांच के दौरान आधार कार्ड के आधार पर बायोमैट्रिक जांच में फिंगर मैच होने पर क्लियर हो गया था. बता दें कि आधार कार्ड अपडेट करने वालों की मदद से दुर्गेश ने अपने आधार कार्ड में रिकू जाट के फिंगर अपडेट करा दिए थे. फिंगर मैच होने पर रिंकू को भर्ती में शामिल होने अनुमति तो मिल गई, लेकिन एडमिट कार्ड की फोटो मैच न होने पर उसकी पोल खुल गई.