मुरैना: जिले से शासन और प्रशासन के विकास के दावों की पोल खोलती हुई तस्वीर सामने आई है. यहां पर मुक्तिधाम में जाने के लिए रास्ता तक नहीं है. किसी की मौत हो जाने पर परिजन को दोहरी परेशानी झेलनी पड़ती है. मुक्तिधाम पहुंचने से पहले 200 मीटर का रास्ता किसी नर्क से कम नहीं है. कीचड़ भरे रास्ते से अर्थी ले जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जो शासन-प्रशासन की पोल खोलने के लिए काफी है.
मरने के बाद भी मुसीबत
मामला मुरैना नगर निगम के बड़ोखर स्थित मुक्तिधाम का है. यहां पर मुक्तिधाम में शव ले जाने के लिए रास्ता तक नहीं है. मुक्तिधाम पहुंचने से 200 मीटर पहले का रास्ता कच्चा है जो कई सालों से ऐसे ही है. बारिश के सीजन में रास्ते पर कीचड़ हो जाता है जिससे आस पास के गांव वालों को शव ले जाते समय काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मुक्तिधाम के आसपास घनी आबादी है जिससे जल निकासी की समस्या है. बरसात का पानी रास्ते पर ही जमा हो जाता है जिससे पूरा रास्ता कीचड़ से भर जाता है.
नगर निगम नहीं दे रहा है ध्यान
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ग्रामीण इसी कीचड़ भरे रास्ते से मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए शव ले जा रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि, 'रास्ते में कीचड़ होने की वजह से कई बार अर्थी ले जा रहे लोगों के पैर स्लीप हो जाते हैं. कई बार तो अर्थी गिरते गिरते बची है.' सोचने की बड़ी बात तो यह है कि यह हिस्सा नगर निगम के अंदर आता है. नगर निगम के अधिकारियों ने अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. इस मामले पर नगर निगम के कमिश्नर देवेन्द्र चौहान ने मीडिया को बताया कि, "अभी तक मामले के बारे में किसी ने शिकायत नहीं की है. आपके द्वारा यह बात संज्ञान में आई है. जल्द ही इस रास्ते को पक्का बनाया जाएगा."