ETV Bharat / state

मुरैना के इस गांव में बीमार होने से पहले 100 बार सोचते हैं लोग, जानिए ऐसी क्या है कहानी - Morena No Road Facilities

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 3:36 PM IST

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के हंसराज के पुरा गांव में सड़क भी नहीं है. ग्रामीणों दलदल और कच्चे रास्तों से अपना आना-जाना करते हैं. वहीं गांव में किसी बीमार या गर्भवती महिला को खाट पर लेकर ग्रामीण 4-5 किलोमीटर जाते हैं, फिर कोई साधन नसीब होता है. हालांकि जिला प्रशासन ने जल्द सड़क बनवाने की बात कही है.

MORENA NO ROAD FACILITIES
मुरैना के इस गांव में बीमार होने से पहले 100 बार सोचते हैं लोग (ETV Bharat)

मुरैना: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में आज भी कई गांव विकास की राह से कोसों दूर है. हालात ऐसे हैं कि, एक दर्जन से अधिक गांव में रास्ता तक नहीं है. जिस वजह से मरीज के लिए एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है. जिसके चलते परिजन चारपाई पर 4-5 किलोमीटर दूर तक लेकर आते हैं. उसके बाद तब जाकर एंबुलेंस या फिर अन्य साधन की मदद से मरीज को अस्पताल पहुंचते हैं. इसी तरह का एक वीडियो सामने आया है. जिसे देखकर जिला प्रशासन खेद व्यक्त करने की बात कर रहा है.

मुरैना के गांव में सड़क की सुविधा नहीं (ETV Bharat)

गांव में नहीं सड़क

जिला मुख्यालय मुरैना से महज 20 किलोमीटर दूर हंसराज के पुरा में करीबन 200 परिवार निवास करते हैं. ऐसा नहीं है कि यह हाल ही में यहां स्थापित हुए हों, बल्कि 150 साल से यहां पर यह लोग रह रहे हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि इन ग्रामीणों को अभी तक आने-जाने के लिए पक्का रास्ता तक नसीब नहीं हो पाया है. जिसके चलते यह हर रोज 5 किलोमीटर दूर तक पैदल और खेतों से होकर आते-जाते हैं. खास बात तो यह है कि बारिश के मौसम में उनके लिए घर से निकलना किसी चुनौती से कम नहीं होता, क्योंकि जिस रास्ते से वे निकलते हैं, उस रास्ते में घुटने तक दलदल हो जाता है. इसके बाद ग्रामीण बेहद ही जरूरी काम के लिए गांव से बाहर आते हैं. नहीं तो गांव में ही एक तरह से कैद होकर रहते हैं.

Morena No Road Facilities
खाट पर मरीज को ले जाते ग्रामीण (ETV Bharat)

खाट पर मरीज और दलदल से गुजरते ग्रामीण

अब अगर बारिश के मौसम में किसी की तबीयत खराब हो जाए या फिर किसी गर्भवती महिला की डिलीवरी होनी हो तो इन ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है. पहले तो बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित होते हैं, उसके बाद एक चारपाई पर मरीज को लाकर उसे इस दलदल से होकर जाते हैं, 5 किलोमीटर के इस दलदल वाले रास्ते में ऐसा नहीं है कि सिर्फ चार लोग ही इस चारपाई को लेकर निकल आए, बल्कि रास्ते में चार से पांच जगह कंधा चेंज करके यह इस रास्ते को पार करते हैं.

यहां पढ़ें...

सर्पदंश से महिला की मौत, चादर और डंडे के सहारे ले गए अस्पताल, सड़क होती तो बच जाती जान

गांव में नहीं पहुंचती एंबुलेंस, खाट पर ढोए जाते हैं मरीज, आजादी के बाद से आउट ऑफ कवरेज है यह गांव

जिला प्रशासन ने व्यक्त किया खेद

इस रास्ते की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई बार जिला प्रशासन से लेकर के जनप्रतिनिधियों से आवेदन और निवेदन किया, लेकिन उन्हें इस समस्या से आज तक कोई निजात नहीं मिल पाया है. वहीं इस मामले में एडीएम सीबी प्रसाद का कहना है कि 'मैंने वीडियो देखा है, सड़क की हालत बहुत ही खराब है और ग्रामीण मरीज को खाट पर लेकर जा रहे हैं. ये सही नहीं कहा जा सकता. जिला प्रशासन खेद व्यक्त करता है और देखना होगा की सड़क क्यों नहीं बन पाई है. मैं जिला पंचायत सीईओ से बात करूंगा और कहूंगा की जल्द से जल्द सड़क बनवाई जाए.'

मुरैना: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में आज भी कई गांव विकास की राह से कोसों दूर है. हालात ऐसे हैं कि, एक दर्जन से अधिक गांव में रास्ता तक नहीं है. जिस वजह से मरीज के लिए एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है. जिसके चलते परिजन चारपाई पर 4-5 किलोमीटर दूर तक लेकर आते हैं. उसके बाद तब जाकर एंबुलेंस या फिर अन्य साधन की मदद से मरीज को अस्पताल पहुंचते हैं. इसी तरह का एक वीडियो सामने आया है. जिसे देखकर जिला प्रशासन खेद व्यक्त करने की बात कर रहा है.

मुरैना के गांव में सड़क की सुविधा नहीं (ETV Bharat)

गांव में नहीं सड़क

जिला मुख्यालय मुरैना से महज 20 किलोमीटर दूर हंसराज के पुरा में करीबन 200 परिवार निवास करते हैं. ऐसा नहीं है कि यह हाल ही में यहां स्थापित हुए हों, बल्कि 150 साल से यहां पर यह लोग रह रहे हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि इन ग्रामीणों को अभी तक आने-जाने के लिए पक्का रास्ता तक नसीब नहीं हो पाया है. जिसके चलते यह हर रोज 5 किलोमीटर दूर तक पैदल और खेतों से होकर आते-जाते हैं. खास बात तो यह है कि बारिश के मौसम में उनके लिए घर से निकलना किसी चुनौती से कम नहीं होता, क्योंकि जिस रास्ते से वे निकलते हैं, उस रास्ते में घुटने तक दलदल हो जाता है. इसके बाद ग्रामीण बेहद ही जरूरी काम के लिए गांव से बाहर आते हैं. नहीं तो गांव में ही एक तरह से कैद होकर रहते हैं.

Morena No Road Facilities
खाट पर मरीज को ले जाते ग्रामीण (ETV Bharat)

खाट पर मरीज और दलदल से गुजरते ग्रामीण

अब अगर बारिश के मौसम में किसी की तबीयत खराब हो जाए या फिर किसी गर्भवती महिला की डिलीवरी होनी हो तो इन ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है. पहले तो बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित होते हैं, उसके बाद एक चारपाई पर मरीज को लाकर उसे इस दलदल से होकर जाते हैं, 5 किलोमीटर के इस दलदल वाले रास्ते में ऐसा नहीं है कि सिर्फ चार लोग ही इस चारपाई को लेकर निकल आए, बल्कि रास्ते में चार से पांच जगह कंधा चेंज करके यह इस रास्ते को पार करते हैं.

यहां पढ़ें...

सर्पदंश से महिला की मौत, चादर और डंडे के सहारे ले गए अस्पताल, सड़क होती तो बच जाती जान

गांव में नहीं पहुंचती एंबुलेंस, खाट पर ढोए जाते हैं मरीज, आजादी के बाद से आउट ऑफ कवरेज है यह गांव

जिला प्रशासन ने व्यक्त किया खेद

इस रास्ते की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई बार जिला प्रशासन से लेकर के जनप्रतिनिधियों से आवेदन और निवेदन किया, लेकिन उन्हें इस समस्या से आज तक कोई निजात नहीं मिल पाया है. वहीं इस मामले में एडीएम सीबी प्रसाद का कहना है कि 'मैंने वीडियो देखा है, सड़क की हालत बहुत ही खराब है और ग्रामीण मरीज को खाट पर लेकर जा रहे हैं. ये सही नहीं कहा जा सकता. जिला प्रशासन खेद व्यक्त करता है और देखना होगा की सड़क क्यों नहीं बन पाई है. मैं जिला पंचायत सीईओ से बात करूंगा और कहूंगा की जल्द से जल्द सड़क बनवाई जाए.'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.