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रेत माफियाओं पर कार्रवाई के लिए क्षत्रिय महासभा ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव, दिया 7 दिन का अल्टीमेटम - protest against sand mafia Morena

बीते दिनों ट्रैक्टर से हुई एक सरकारी शिक्षक की मौत से गुस्साए क्षत्रिय महासभा के लोगों ने न्यू कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया. यहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा है. क्षत्रिय महासभा ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 7 दिनों का टाइम दिया है. साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

protest against sand mafia Morena
रेत माफियाओं पर कार्रवाई के लिए क्षत्रिय महासभा ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 22, 2024, 11:22 AM IST

मुरैना। बीते दिनों रेत माफिया के ट्रैक्टर से हुई एक सरकारी शिक्षक की मौत से गुस्साए क्षत्रिय महासभा के लोग रेस्ट हॉउस पर एकजुट हुए. फिर यहां से रैली निकालते हुए न्यू कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया. यहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई के लिए प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है. कार्रवाई नहीं होने पर सड़कों पर उतरकर बड़े आंदोलन की धमकी दी है.

protest against sand mafia Morena
रेत माफियाओं पर कार्रवाई के लिए क्षत्रिय महासभा ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव (Etv Bharat)

ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर से शिक्षक की मौत

दरअसल, मुरैना में पिछले दिनों सिकरौदा नहर के पास रेत से भरे ट्रैक्टर ने एक बाइक सवार को टक्कर मार दी थी. इस दुर्घटना में बाइक सवार सरकारी शिक्षक घनश्याम सिंकरवार की मौत हो गई थी और उनके पिता गंभीर रूप से घायल हैं. इस घटना के विरोध में क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष महेंद्र सिंह सिकरवार ने समाज के सैकड़ों लोगों को रेस्ट हॉउस पर एकत्रित किया. फिर वहां से रैली के रूप में न्यू कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. उन्होंने कलेक्ट्रेट का घेरावकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा व मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा राशि देने की मांग की.

क्षत्रिय महासभा ने लगाए गंभीर आरोप

क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष महेंद्र सिंह सिंकरवार का कहना है कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है. सरकार के मंत्री ही रेत माफियाओं को सरंक्षण देकर खुलेआम अवैध उत्खनन की बात कर रहे हैं. यही नहीं वन मंडलाधिकारी की सांठगांठ से रेत माफिया बाजार में खुलेआम मंडी लगा रहे हैं. इसलिए प्रशासन रेत माफियाओं के ट्रैक्टर के साथ उस हाइड्रा को भी जब्त करे, जिससे वह ट्रैक्टर को निकालकर ले गए थे. प्रशासन 7 दिन के अंदर रेत माफिया के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करेगा, तो मजबूरन सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें:

"कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना ने दी रेत माफिया को खुली छूट, मंत्री पद से न हटाया तो आंदोलन"

मुरैना में भीषण आग में जिंदा जली बच्ची, बचाने गया कांस्टेबल बुरी तरह झुलसा

चम्बल नदी जो श्योपुर से भिण्ड तक लगभग 350 किमी चम्बल संभाग के किनारे बहती है. घड़ियाल सेन्चुरी होने के कारण यहां पर पूरी तरह से रेत का उत्खनन प्रतिबंधित है. माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा कई बार दिशा निर्देश भी इस बारे में जारी किए गए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. पूर्व में भी एक नौजवान ट्रेनि आईएएस. अफसर की मौत अवैध पत्थर खनन माफियों के द्वारा की गई थी, लेकिन शासन के द्वारा कोई कड़े नहीं उठाए गए. क्षत्रिय महासभा ने मुरैना वन मंडल अधिकारी पर रेत माफियाओं से रुपए लेने के आरोप लगाए.

मुरैना। बीते दिनों रेत माफिया के ट्रैक्टर से हुई एक सरकारी शिक्षक की मौत से गुस्साए क्षत्रिय महासभा के लोग रेस्ट हॉउस पर एकजुट हुए. फिर यहां से रैली निकालते हुए न्यू कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया. यहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई के लिए प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है. कार्रवाई नहीं होने पर सड़कों पर उतरकर बड़े आंदोलन की धमकी दी है.

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रेत माफियाओं पर कार्रवाई के लिए क्षत्रिय महासभा ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव (Etv Bharat)

ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर से शिक्षक की मौत

दरअसल, मुरैना में पिछले दिनों सिकरौदा नहर के पास रेत से भरे ट्रैक्टर ने एक बाइक सवार को टक्कर मार दी थी. इस दुर्घटना में बाइक सवार सरकारी शिक्षक घनश्याम सिंकरवार की मौत हो गई थी और उनके पिता गंभीर रूप से घायल हैं. इस घटना के विरोध में क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष महेंद्र सिंह सिकरवार ने समाज के सैकड़ों लोगों को रेस्ट हॉउस पर एकत्रित किया. फिर वहां से रैली के रूप में न्यू कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. उन्होंने कलेक्ट्रेट का घेरावकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा व मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा राशि देने की मांग की.

क्षत्रिय महासभा ने लगाए गंभीर आरोप

क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष महेंद्र सिंह सिंकरवार का कहना है कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है. सरकार के मंत्री ही रेत माफियाओं को सरंक्षण देकर खुलेआम अवैध उत्खनन की बात कर रहे हैं. यही नहीं वन मंडलाधिकारी की सांठगांठ से रेत माफिया बाजार में खुलेआम मंडी लगा रहे हैं. इसलिए प्रशासन रेत माफियाओं के ट्रैक्टर के साथ उस हाइड्रा को भी जब्त करे, जिससे वह ट्रैक्टर को निकालकर ले गए थे. प्रशासन 7 दिन के अंदर रेत माफिया के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करेगा, तो मजबूरन सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा.

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मुरैना में भीषण आग में जिंदा जली बच्ची, बचाने गया कांस्टेबल बुरी तरह झुलसा

चम्बल नदी जो श्योपुर से भिण्ड तक लगभग 350 किमी चम्बल संभाग के किनारे बहती है. घड़ियाल सेन्चुरी होने के कारण यहां पर पूरी तरह से रेत का उत्खनन प्रतिबंधित है. माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा कई बार दिशा निर्देश भी इस बारे में जारी किए गए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. पूर्व में भी एक नौजवान ट्रेनि आईएएस. अफसर की मौत अवैध पत्थर खनन माफियों के द्वारा की गई थी, लेकिन शासन के द्वारा कोई कड़े नहीं उठाए गए. क्षत्रिय महासभा ने मुरैना वन मंडल अधिकारी पर रेत माफियाओं से रुपए लेने के आरोप लगाए.

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