मुरैना: जिले के कैलारस शक्कर कारखाने को चलवाने, परिसंपत्तियों को बेचने से रोकने, किसान व कर्मचारियों का बकाया भुगतान करने की मांगों को लेकर पांच दिनों से आंदोलन चलाया जा रहा. जो कैलारस तहसील पर मंगलवार को सत्याग्रह आंदोलन में परिवर्तित हो गया. जिसमें 10 हजार से ज्यादा किसान अपने ट्रैक्टरों को लेकर शामिल हुए. सुबह नीलामी प्रक्रिया आरंभ तो हुई लेकिन कांग्रेस नेताओं एवं किसानों के आंदोलन के पश्चात नीलामी रद्द कर दी गई.
जेल भरो आंदोलन के तहत गिरफ्तारियां
इसके बाद सैकड़ों लोगों ने जेल भरो आंदोलन के तहत गिरफ्तारियां भी दीं. उल्लेखनीय है कि पिछले 5 दिनों से कैलारस में शक्कर कारखाना बचाने के लिए आंदोलन चल रहा है. मंगलवार को यह विशाल आंदोलन सत्याग्रह में तब्दील हो गया, जिससे जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए.
शक्कर मिल की नीलामी का विरोध
मध्य प्रदेश सरकार ने मुरैना जिले के कैलारस शक्कर कारखाने की जमीन बेचकर कर्मचारियों को उनका पैसा देने का वायदा किया था. इसकी घोषणा कुछ माह पहले मुख्यमंत्री ने मुरैना में एक कार्यक्रम के दौरान की थी. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद शुगर मिल की जमीन को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की गई. जिला कलेक्टर के आदेश से 21 जनवरी मंगलवार की तारीख तय की गई थी. इस नीलामी के विरोध में 'शक्कर कारखाना बचाओ संघर्ष समिति' ने पिछले 4 दिन पहले मोर्चा खोल दिया. इसका नेतृत्व जौरा विधायक पंकज उपाध्याय कर रहे थे.
नीलामी करने आए अधिकारियों को घेरा
विधायक के नेतृत्व में संघर्ष समिति के अलावा सैकड़ों की संख्या में किसान एकत्रित होकर पिछले 4 दिन से धरने पर बैठे हुए थे. मंगलवार को नीलामी के दिन संघर्ष समिति के सदस्यों ने सत्याग्रह के साथ जेल भरो आंदोलन की घोषणा की थी. निर्धारित समय पर जमीन की नीलामी करवाने अधिकारी शक्कर कारखाने पहुंचे, तभी आंदोलनकारियों की भीड़ ने उनको घेर लिया. उन्होंने नीलामी का विरोध करते हुए 'वापस जाओ' के नारे लगाने शुरू कर दिए.
गिरफ्तार कर जेल ले गई पुलिस
आंदोलनकारियों के कड़े तेवर देख अधिकारी नीलामी की प्रक्रिया रद्द कर पिछले दरवाजे से निकल गए. उधर आंदोलनकारियों को कंट्रोल करने पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया. पुलिस ने जौरा विधायक के साथ-साथ उनके सैकड़ों समर्थकों को अरेस्ट कर पुलिस वाहन में बैठा लिया. विधायक की गिरफ्तारी देख आंदोलन में मौजूद सैकड़ों की संख्या में लोगों ने एक-एक कर गिरफ्तारियां देना शुरू कर दिया. पुलिस सभी लोगों को गिरफ्तार कर अस्थाई जेल ले गई. यहां पर कागजी कार्रवाई पूर्ण कर उनको छोड़ दिया गया.
कलेक्टर बोले-नहीं हो रही कारखाने की नीलामी
इस पूरे मामले को लेकर जिला कलेक्टर अंकित अष्ठाना का कहना है कि, ''इस भ्रामक स्थिति को स्पष्ट करना चाहता हूं कि कैलारस शुगर मिल की नीलामी नहीं की जा रही है. यह जमीन कारखाने से करीब 3 किलोमीटर दूर है. इसका क्षेत्रफल करीब 26 हैक्टेयर है. यह पूरी जमीन कारखाने के स्वामित्व वाली ही. इसमें से सिर्फ 4 बीघा जमीन की नीलामी के आदेश दिए गए हैं. यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश से की गई है. नीलामी की पूरी प्रक्रिया भी कोर्ट की देख-रेख में होगी. जमीन बेचकर जो पैसा इकट्ठा होगा, उससे कर्मचारियों का बकाया वापस किया जाएगा.''
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मुख्य मार्ग पर कई घंटे लग रहा जाम
कैलारस शक्कर कारखाना बचाने के लिए किया जा रहे आंदोलन के दौरान कैलारस जौरा मार्ग पर कई घंटे के लिए जाम लग गया. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान प्रशासन एवं पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
गणतंत्र दिवस पर होगी ट्रैक्टर परेड
कैलारस शक्कर कारखाना आंदोलन अभी शांत नहीं होने वाला. इसका नेतृत्व कर रहे लोगों द्वारा कहा गया है कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर विशाल ट्रैक्टर परेड का आयोजन कृषि उपज मंडी से शक्कर कारखाने तक किया जाएगा. जिसमें बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली से आएंगे.