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कड़कड़ाती ठंड में आधी रात से लग रही खाद के लिए लाइन, एसडीएम बोले DAP की शॉर्टेज नहीं

डीएपी खाद ना मिलने से किसानों में नाराजगी. रबी की फसल की बुवाई लेट हुई.

MORENA FERTILIZER SHORTAGE
खाद के इंतजार में भूखे प्यासे आधी रात से खड़े किसान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

मुरैना: जिले में रबी की बुवाई के पीक सीजन में किसानों को डीएपी खाद के लिए लगातार परेशान होना पड़ रहा है. खाद की कमी के कारण रबी की फसल की बुवाई लेट होती जा रही है. खाद लेने के लिए किसान सुबह 4 बजे से कृषि उपजमंडी के वितरण केंद्र पर सर्दी के मौसम में लाइनों में लग जाते हैं. इसके बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है.

आधी रात से लाइन में लग रहे किसान

आपको बता दें कि खाद को लेकर यह संकट किसी एक गांव में नहीं बल्कि पूरे जिले भर में बना हुआ है. रबी फसल की बुवाई का सीजन पीक पर चल रहा है, लेकिन किसानों को खाद ना मिलने के कारण बुवाई लेट हो रही है. प्रदेश में कोहरा और सर्दी की शुरुआत हो चुकी है. वहीं किसान इस सर्दी के मौसम में खाद के लिए आधी रात से खाद वितरण केंद्र पर लाइनों में लगने को मजबूर है. इसके बावजूद खाद नहीं मिल पा रही है. यह हाल तब है जब अक्टूबर से बुवाई शुरू हो गई थी और अब नवंबर खत्म होने पर आ गया है, लेकिन खाद की किल्लत बरकार है.

किसानों को खाद की जगह मिली पर्ची (ETV Bharat)

मजबूरी में किसान बाजार से खरीद रहे खाद

इस समय गेहूं, सरसों की बुवाई का सीजन पीक पर चल रहा है. ज्यादातर किसानों को डीएपी और यूरिया खाद की जरूरत है, लेकिन खाद वितरण केंद्र पर खाद उपलब्ध नहीं है. नाराज किसानों का कहना है कि " हर बार खाद की उपलब्धता के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं. अफसरों को पता है कि रबी की बुवाई अक्टूबर में शुरू हो जाती है. फिर भी हर साल ऐसे ही संकट का सामना करना पड़ता है. वहीं बाजार में 400-500 रुपये ज्यादा रेट देकर खाद खूब मिल रही है. किसान मजबूरी में मंहगे दामों खाद खरीद रहे हैं.

खाद की कोई कमी नहीं है: एसडीएम

इस मामले में एसडीएम भूपेन्द्र कुशवाहा का कहना है, "रविवार की छुट्टी होने के कारण सोमवार को खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की संख्या अधिक है. इसलिए किसानों को पहले पर्ची दी जा रही है. उसके बाद खाद दी जाएगी. खाद की कोई कमी नहीं है."

मुरैना: जिले में रबी की बुवाई के पीक सीजन में किसानों को डीएपी खाद के लिए लगातार परेशान होना पड़ रहा है. खाद की कमी के कारण रबी की फसल की बुवाई लेट होती जा रही है. खाद लेने के लिए किसान सुबह 4 बजे से कृषि उपजमंडी के वितरण केंद्र पर सर्दी के मौसम में लाइनों में लग जाते हैं. इसके बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है.

आधी रात से लाइन में लग रहे किसान

आपको बता दें कि खाद को लेकर यह संकट किसी एक गांव में नहीं बल्कि पूरे जिले भर में बना हुआ है. रबी फसल की बुवाई का सीजन पीक पर चल रहा है, लेकिन किसानों को खाद ना मिलने के कारण बुवाई लेट हो रही है. प्रदेश में कोहरा और सर्दी की शुरुआत हो चुकी है. वहीं किसान इस सर्दी के मौसम में खाद के लिए आधी रात से खाद वितरण केंद्र पर लाइनों में लगने को मजबूर है. इसके बावजूद खाद नहीं मिल पा रही है. यह हाल तब है जब अक्टूबर से बुवाई शुरू हो गई थी और अब नवंबर खत्म होने पर आ गया है, लेकिन खाद की किल्लत बरकार है.

किसानों को खाद की जगह मिली पर्ची (ETV Bharat)

मजबूरी में किसान बाजार से खरीद रहे खाद

इस समय गेहूं, सरसों की बुवाई का सीजन पीक पर चल रहा है. ज्यादातर किसानों को डीएपी और यूरिया खाद की जरूरत है, लेकिन खाद वितरण केंद्र पर खाद उपलब्ध नहीं है. नाराज किसानों का कहना है कि " हर बार खाद की उपलब्धता के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं. अफसरों को पता है कि रबी की बुवाई अक्टूबर में शुरू हो जाती है. फिर भी हर साल ऐसे ही संकट का सामना करना पड़ता है. वहीं बाजार में 400-500 रुपये ज्यादा रेट देकर खाद खूब मिल रही है. किसान मजबूरी में मंहगे दामों खाद खरीद रहे हैं.

खाद की कोई कमी नहीं है: एसडीएम

इस मामले में एसडीएम भूपेन्द्र कुशवाहा का कहना है, "रविवार की छुट्टी होने के कारण सोमवार को खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की संख्या अधिक है. इसलिए किसानों को पहले पर्ची दी जा रही है. उसके बाद खाद दी जाएगी. खाद की कोई कमी नहीं है."

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