मुरैना : इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक इंद्र सिंह गुर्जर ने की. इंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि फरियादी जितेन्द्र सिंह गुर्जर 4 अक्टूबर 2017 को अपने भाई बंटी के साथ अपनी गायों को लेने खिरकाई की ओर जा रहा था. रास्ते में खिरकाई जाते समय ललितपुरा के जंगल में जितेन्द्र और बंटी को डकैत गुड्डा गुर्जर उर्फ जंडेल सिंह ने घेर लिया था. इस दौरान बंटी मौका पाकर भाग निकला था लेकिन जितेन्द्र को गुड्डा गुर्जर ने गोलियों से भून दिया था.
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
गोली लगने के बाद घायल अवस्था में जितेन्द्र को नूराबाद स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया था, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी. इस केस में जिला न्यायालय ने गुड्डा गुर्जर के सह आरोपियों को लेकर 21 अप्रैल 2022 को फैसला सुना दिया था. वहीं गुरुवार 12 सितंबर को जिला न्यायालय ने डकैत गुड्डा गुर्जर को हत्या के मामले में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 500 रु के अर्थदंड से दंडित किया है.
महिला की हत्या के आरोप में 2 अन्य को आजीवन कारावास
वहीं महिला को जिंदा जलाकर हत्या किए जाने के एक मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अंबाह ने दो आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक रामसेवक मिश्रा ने की. अभियोजन से मिली जानकारी के अनुसार महिला सोनकली को आग से झुलसी हुई अवस्था में 27 अगस्त 2013 को जयारोग्य चिकित्सालय ग्वालियर में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान सोनकली ने मरणासन्न अवस्था में आरोपी केशव और रामौतार पर जिंदा जलाने के आरोप लगाए गए थे. इलाज के दौरान महिला सोनकली की मौत हो गई थी. इस मामले न्यायालय ने तमाम तथ्यों और सबूतों के आधार पर आरोपी केशव और रामौतार को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 5 हजार रु के अर्थदंड की सजा सुनाई है.