मुरैना। जिले की पोरसा तहसील के अंतर्गत आने वाली बड़ी कौंथर पंचायत का बगियापुरा गांव का मुक्तिधाम 5 किलोमीटर दूर है. दबंगों ने गांव से मुक्तिधाम तक जाने वाले सरकारी रास्ते को खेतों के साथ जोत लिया है. बारिश के मौसम में इस रास्ते पर कीचड़ और दलदल के बीच से होकर लोगों को शवयात्रा लेकर मुक्तिधाम पहुंचना पड़ता है. इस समस्या को लेकर शुक्रवाार को बगियापुरा से आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीण महिलाएं-पुरुष कलेक्ट्रेट पहुंचे और एडीएम को ज्ञापन सौंपा.
कीचड़भरी सड़क से गुजरने को मजबूर ग्रामीण
पोरसा ब्लॉक के कौथर कला पंचायत के बगीयापुरा गांव में सड़क नहीं है. ग्रामीण कीचड़ भरी सड़क से निकलने को मजबूर हैं. हालात ये हैं कि अगर गांव में किसी व्यक्ति की तबीयत बिगड़ जाए तो उसे 2 किलोमीटर तक पहले खटिया पर लिटाकर इस दलदलभरी सड़क से गुजरना पड़ता है. तब जाकर किसी वाहन के पहुंचने लायक सड़क नसीब होती है. ऐसे में गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज हो तो उसकी तबीयत तो और भी बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि कई बार तो मरीज को लेकर ग्रामीण इस सड़क पर फिसल कर गिरकर घायल हो चुके हैं.
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एडीएम ने दिया ग्रामीणों को भरोसा
अब बरसात का मौसम है. इन दिनों तो और भी सड़क की स्थति खराब हो जाती है. इस मामले मे ADM सीबी प्रसाद का कहना है "पोरसा से कुछ महिला पुरुष आये थे. सड़क की समस्या को लेकर मैंने संबधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. जल्द ही इसका निराकरण कराया जायेगा." वहीं, ग्रामीण किरन बाई व इस्लाम खान का कहना है कि उनकी सुनवाई कोई नहीं कर रहा. हाल ही में 27 जून को गांव में रहने वाले 70 वर्षीय वृद्ध खुमान सिंह की मृत्यु हो गई थी. अंतिम संस्कार करने के लिए गांव से बाहर ले जाने के लिए परिजन और ग्रामीण उसकी अर्थी को लेकर निकले, लेकिन रास्ता ही नहीं था. कड़ी मशक्कत करते हुए ग्रामीण कीचड़ से बचते हुए गांव से बाहर पहचे, तब जाकर अंतिम संस्कार किया गया.