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मुरैना में भारी बारिश से किसानों की फसल चौपट, भूखों मरने के हालात, कब मिलेगा मुआवजा - Morena Crop Destroyed Due To Rain

मुरैना क्षेत्र में बीते दिनों हुई अतिवृष्टि से नदी नाले उफान पर चल रहे हैं. जिसकी वजह से कई किसानों के खेतों में जल जमाव की स्थिति बन गई है. खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह से बार्बद हो गई है. वहीं किसानों का आरोप है कि पटवारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं, जिससे मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.

MORENA CROP DESTROYED DUE TO RAIN
अतिवृष्टि से किसानों को हुआ भारी नुकसान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 5:35 PM IST

Updated : Sep 17, 2024, 5:42 PM IST

मुरैना: जिले में बीते दिनों हुई अत्यधिक बारिश के चलते आसन नदी, सांक नदी और क्वारी नदी उफान पर चल रही है. ग्राम पंचायत रामपुर कलां स्थित नदी से सटी हुई सैकड़ों बीघा जमीन पर खड़ी फसल पानी के कारण बर्बाद हो गई है. खेती पर आश्रित किसानों को बहुत नुकसान हो गया है. किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि "राजस्व अधिकारी और पटवारी बारिश से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे नहीं कर रहे हैं. सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने के लिए कहने पर वो कहते हैं कि सरकार की तरफ से लिखित आदेश नहीं मिला है. वहीं, सरकार के नुमाइंदे मुआवजा देने की बात कह रहे हैं"

किसानों के खेतों में पानी भरने फसल चौपट (ETV Bharat)

अति बारिश से फसल हुई चौपट

मुरैना विधानसभा सहित जिले की ग्राम पंचायत रामपुर कलां में क्वारी नदी से सटी हुई जमीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. ग्राम पंचायत सालई में करीब 25 किसानों की खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है. वहीं रामपुर कलां और उसके आसपास के क्षेत्रों में 50 किसानों का भारी नुकसान हुआ है. खरीफ की फसल में 2 बार नदी के उफान पर आने की वजह से किसान परेशान हैं, पूरी फसलें बर्बाद हो चुकी है. वहीं किसानों को आरोप है कि किसी भी प्रकार की छूट व राहत प्रशासन की तरफ से नहीं दी गई है.

राजस्व अधिकारी व पटवारी नहीं कर रहे सुनवाई

रामपुर कलां निवासी पीड़ित किसान भूप सिंह जादौन ने कहा कि "मेरी 20 बीघा तिल और बाजरा की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है. प्रशासन के अधिकारी, राजस्व विभाग के अधिकारी कोई सुनवाई नहीं करते. मैं अपनी व्यथा भोपाल या दिल्ली जाकर सुनाऊं, क्या करूं, मेरे पास किराए के लिए भी रुपए नहीं है."

वहीं, दूसरे किसान कैलाशचंद शर्मा ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि "उसका हल्का नंबर 65 रकवा 1656 से 61 तक नदी किनारे जमीन है. जिस पर वह खेती कर अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं. हर वर्ष यह आपदा आती है और उन्हें बर्बाद कर देती है. राजस्व विभाग में पटवारी को कहते हैं, तो कोई सुनवाई नहीं होती है. हर वर्ष नुकसान होने से भूखों मरने की नौबत आ चुकी है."

यहां पढ़ें...

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सर्वे कराकर मुआवजा दिलाया जाएगा: कलेक्टर

इस मामले में मुरैना विधायक दिनेश गुर्जर का कहना है कि "कलेक्टर से बात हुई है. उन्होंने विश्वास दिलाया है की जो भी पशु हानि हुई है, मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और फसलों में जो नुकसान हुआ है. उनका सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाएगा. मैं स्वयं मुरैना विधानसभा के कई गांव में गया हूं और किसान की पीड़ा देखी है. कई गांव में किसानों का घर गृहस्थी का सामान पूरी तरह नष्ट हो गया है. मैंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री और कलेक्टर से कहा है कि ईमानदारी से सबका सर्वे कराकर अधिक से अधिक मुआवजा दिया जाए. आगामी 19 तारीख तक अपनी विधानसभा क्षेत्र के गांव में भ्रमण करूंगा."

मुरैना: जिले में बीते दिनों हुई अत्यधिक बारिश के चलते आसन नदी, सांक नदी और क्वारी नदी उफान पर चल रही है. ग्राम पंचायत रामपुर कलां स्थित नदी से सटी हुई सैकड़ों बीघा जमीन पर खड़ी फसल पानी के कारण बर्बाद हो गई है. खेती पर आश्रित किसानों को बहुत नुकसान हो गया है. किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि "राजस्व अधिकारी और पटवारी बारिश से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे नहीं कर रहे हैं. सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने के लिए कहने पर वो कहते हैं कि सरकार की तरफ से लिखित आदेश नहीं मिला है. वहीं, सरकार के नुमाइंदे मुआवजा देने की बात कह रहे हैं"

किसानों के खेतों में पानी भरने फसल चौपट (ETV Bharat)

अति बारिश से फसल हुई चौपट

मुरैना विधानसभा सहित जिले की ग्राम पंचायत रामपुर कलां में क्वारी नदी से सटी हुई जमीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. ग्राम पंचायत सालई में करीब 25 किसानों की खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है. वहीं रामपुर कलां और उसके आसपास के क्षेत्रों में 50 किसानों का भारी नुकसान हुआ है. खरीफ की फसल में 2 बार नदी के उफान पर आने की वजह से किसान परेशान हैं, पूरी फसलें बर्बाद हो चुकी है. वहीं किसानों को आरोप है कि किसी भी प्रकार की छूट व राहत प्रशासन की तरफ से नहीं दी गई है.

राजस्व अधिकारी व पटवारी नहीं कर रहे सुनवाई

रामपुर कलां निवासी पीड़ित किसान भूप सिंह जादौन ने कहा कि "मेरी 20 बीघा तिल और बाजरा की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है. प्रशासन के अधिकारी, राजस्व विभाग के अधिकारी कोई सुनवाई नहीं करते. मैं अपनी व्यथा भोपाल या दिल्ली जाकर सुनाऊं, क्या करूं, मेरे पास किराए के लिए भी रुपए नहीं है."

वहीं, दूसरे किसान कैलाशचंद शर्मा ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि "उसका हल्का नंबर 65 रकवा 1656 से 61 तक नदी किनारे जमीन है. जिस पर वह खेती कर अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं. हर वर्ष यह आपदा आती है और उन्हें बर्बाद कर देती है. राजस्व विभाग में पटवारी को कहते हैं, तो कोई सुनवाई नहीं होती है. हर वर्ष नुकसान होने से भूखों मरने की नौबत आ चुकी है."

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सर्वे कराकर मुआवजा दिलाया जाएगा: कलेक्टर

इस मामले में मुरैना विधायक दिनेश गुर्जर का कहना है कि "कलेक्टर से बात हुई है. उन्होंने विश्वास दिलाया है की जो भी पशु हानि हुई है, मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और फसलों में जो नुकसान हुआ है. उनका सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाएगा. मैं स्वयं मुरैना विधानसभा के कई गांव में गया हूं और किसान की पीड़ा देखी है. कई गांव में किसानों का घर गृहस्थी का सामान पूरी तरह नष्ट हो गया है. मैंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री और कलेक्टर से कहा है कि ईमानदारी से सबका सर्वे कराकर अधिक से अधिक मुआवजा दिया जाए. आगामी 19 तारीख तक अपनी विधानसभा क्षेत्र के गांव में भ्रमण करूंगा."

Last Updated : Sep 17, 2024, 5:42 PM IST
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