रायपुर: इस बार के बजट में कई लोक लुभावने वादे प्रदेश की भाजपा सरकार के करने का संभावना है. प्रदेश सरकार को घेरने के लिए विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी पीछे नहीं रहने वाली है. विपक्ष ने भी पहले से कई बड़े मुद्दों पर सवाल तैयार रखे हैं. पक्ष-विपक्ष के मिलाकर लगभग 2000 से अधिक सवाल इस बार विधानसभा सत्र में लगाए गए. सवालों की बौछार कर विपक्ष में बैठी कांग्रेस सत्ता पक्ष भाजपा सरकार को घेरने में कोई कोर कसर छोड़ने वाली नहीं है. हालांकि विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए सरकार भी तैयार नजर आ रहा है.
2000 से अधिक लगाए गए सवाल:विधानसभा के बजट सत्र के लिए 8 जनवरी से लेकर 31 जनवरी तक कुल 2171 सवाल लगाए गए हैं. इन सवालों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से लगाए गए सवाल शामिल हैं. ऑनलाइन तारांकित सवालों की संख्या 1033 है, जबकि अतारांकित संख्या 1034 है. वहीं ऑफलाइन कुल तारांकित सवालों की संख्या 54 है. अतारांकित सवालों की संख्या 50 है. इस तरह इस बार विधानसभा के बजट सत्र के लिए कुल 2171 सवाल लगाए गए हैं. सबसे ज्यादा सवाल 29 जनवरी को ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं. इसमें तारांकित सवालों की संख्या 177 और अतारांकित सवालों की संख्या 188 है. इस तरह एक दिन में कुल 365 सवाल लगाए गए.
कुछ इस तरह कांग्रेस को घेर सकती है भाजपा: विधानसभा में लगाए गए सवालों की संख्या बताती है कि इस बार विपक्ष में बैठी कांग्रेस भाजपा सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है. वहीं, भाजपा की ओर से भी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की प्रमुख गोधन न्याय योजना पर कई सवाल पूछे जाएंगे. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के खिलाफ नगरीय प्रशासन से लेकर कृषि, ग्रामीण विकास, लोक निर्माण, जल संसाधन, खनिज विभाग, उद्योग, शिक्षा सहित अन्य विभागों में ढेरों सवाल लगाए हैं. हालांकि वर्तमान की भाजपा सरकार को बने महज डेढ़ माह ही हुए हैं. बावजूद इसके विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी उस पर हमला बोलने में पीछे रहने वाला नहीं है. यही वजह है कि इस बार विधानसभा सत्र के लिए सवालों की संख्या 2000 से अधिक हो गई है.
फरवरी के दूसरे सप्ताह में पेश हो सकता है बजट: संभावना है कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में प्रदेश का बजट पेश हो जाए. यह बजट वित्त मंत्री ओपी चौधरी पेश करेंगे. बीते साल 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए के बजट का आकार इस बार बढ़ सकता है.लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बजट में कई लोक लुभावने वादे भी किए जा सकते हैं. साथ ही मोदी की गारंटी को पूरा करने को भी इस बजट में प्रावधान किया जा सकता है. महतारी वंदन योजना और रसोई गैस सब्सिडी जैसी अन्य गारंटी से राज्य सरकार पर वित्तीय भार पड़ सकता है. सरकार इन योजनाओं को पूरा करने के लिए कर्ज भी ले सकती है.