कासगंज : जिले में प्रशासन की लापरवाही से गौशालाओं में लगातार गौवंशों की मौत हो रही है. फिर से एक गौशाला में रविवार को 6 से अधिर गौवंश मरे मिले. इस गौशाला में पिछले दो महीने में 24 गौवंशों की मौत हो चुकी है. खुले में पड़े गौवंशों के शवों को कौए नोंचते दिखाई देते हैं.
मामला जिले के सहावर ब्लॉक के ग्राम रायों का है. यहां गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए योगी सरकार द्वारा गौशाला का निर्माण किया गया है. विगत वर्ष 9 दिसंबर 2023 को एटा लोकसभा के बीजेपी सांसद राजवीर सिंह राजू भैया ने इस गौशाला का उद्घाटन किया था. वर्तमान में गौशाला में 540 गौवंश बताए जा रहे हैं. इस गौशाला में रविवार को 6 से अधिक गौवंश मरे मिले. पूरी गौशाला में कीचड़ फैला हुआ है. गौशाला में तैनात कर्मचारी मूलचंद, रामकिशोर,संतोष कुमार, कल्लू और करमजीत सिंह ने बताया कि गौवंश को वाहन से उतारने के लिए कोई स्लैब नहीं बनाई गई है. वर्तमान में कुछ गौवंश आए थे, वे वाहन से उतरते वक्त घायल हो गए थे. गौशाला में मौजूद मूलचंद ने बताया कि जब से गौशाला बनी है तब से अब तक लगभग 30 से 35 गौवंशों की मौत हो चुकी है.
एसडीएम बोले- बीमारी से मौत होने की आशंका : उप जिलाधिकारी प्रेम नारायण का कहना है कि बारिश होने के चलते गौवंश बीमार पड़ गए, उससे उनकी मौत होने की आशंका है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी विजय वीर ने बताया कि कई गौवंश बीमार चल रहे थे. उनका इलाज भी चल रहा था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही गौवंशों की मौत के सही कारण का पता लग सकेगा. उन्होंने बताया कि जिले में मात्र 6 डॉक्टर हैं. गौशालाएं बहुत हैं. इससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं गंजडुंडवारा पशु चिकित्सा केंद्र पर तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विपिन के पास रायों गौशाला का अतिरिक्त प्रभार है. उनका कहना है कि गौवंशों को सही डाइट नहीं मिल पा रही थी. इससे उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था. वे एक बार बैठ जाते थे फिर उनको उठाना बड़ा मुश्किल होता था. वह गौशाला में सप्ताह में दो बार जाते हैं.
गौशाला के नाम से नहीं खुल पाया खाता : जिलाधिकारी कासगंज सुधा वर्मा ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. यह कैसे हुआ, इसका पता लगाया जाएगा. जो भी दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. ग्राम रायो के ग्राम प्रधान राधा कृष्ण ने बताया कि अभी तक गौशाला के नाम से बैंक में खाता ही नहीं खुला है. इससे गौशाला को अभी तक कोई सरकारी अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है. जो भी व्यवस्थाएं हैं, वह ठेकेदार और पंचायत स्तर से उपलब्ध कराई जा रहीं हैं. इसके अलावा अभी हाल ही में इस गौशाला में कुछ ज्यादा गोवंश भी आ गए हैं.
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