नई दिल्ली: दिल्ली में दिवाली की रात लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े, ऐसे में कई लोग हादसों का भी शिकार हो गए. आग से झुलसने वाले सैकड़ों मरीजों को तुरंत अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया. दिल्ली में पटाखे से जलकर घायल होने वाले लोगों का आंकड़ा इस बार 200 से ज्यादा रहा है.
बात करें दिल्ली के एम्स अस्पताल की तो यहां दिवाली के दौरान आग से झुलसने के मामलों में वृद्धि देखी गई. 2024 की दिवाली पर, एम्स अस्पताल में 48 मरीजों को आपातकालीन सेवा में भर्ती कराया गया. इनमें से 19 मरीजों को आईसीयू में स्थानांतरित किया गया, जिनमें से 11 की हालत बेहद गंभीर है.
10 वर्ष से कम उम्र के | 3 बच्चे घायल |
60 वर्ष से अधिक | 2 बुजुर्ग घायल |
10 से 25 वर्ष के बीच | 22 मरीज |
दिवाली में पटाखों से संबंधित आग से झुलसने के मामलों की संख्या 32 है, जिसमें से 6 बच्चे और 4 वयस्क 25 से 60 वर्ष की आयु के हैं. इसके अलावा, अन्य आग से संबंधित मामलों में 6 मरीज शामिल हैं. पोटाश से होने वाले जलने के मामलों की संख्या 10 है, जिनमें से 6 मरीज 10 से 25 वर्ष के हैं. दिल्ली के भीतर से 35 मरीज, एनसीआर से 8 (जिनमें से 5 गुड़गांव से) और 5 मरीज अन्य राज्यों से आए हैं, आंखों में जलन के मामलों की संख्या 11 है, जबकि हाथों में जलने की घटनाओं की संख्या 19 है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सुरक्षा को ध्यान में रखने की अपील की है.
सफदरजंग अस्पताल
अकेले सफदरजंग अस्पताल में 135 मरीज पहुंचे. ये मरीज 30 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक पटाखे से जलने के कारण अस्पताल पहुंचे. इनमें 18 मरीज 30 को और 117 मरीज 31 अक्टूबर को अस्पताल में पहुंचे. अस्पताल की प्रवक्ता पूनम ढांडा ने बताया कि इनमें से 24 मरीजों को ज्यादा जलने के कारण अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती करना पड़ा. जलने वाले मरीजों में 86 मरीज पटाखों से और 31 मरीज दीयों से जलने के कारण अस्पताल पहुंचे.
अस्पताल का नाम | मरीजों की संख्या |
सफदरजंग अस्पताल | 135 |
एम्स | 48 |
आरएमएल | 44 |
महिलाएं और बच्चे भी जलने से हुए घायल, 5 मरीजों की सर्जरी की गई
इनमें 12 साल से कम उम्र के 20 बच्चे भी शामिल रहे. जबकि 25 महिलाएं थीं. सफदरजंग में पहुंचने वाले मरीजों में 86 मरीज दिल्ली के और 25 मरीज दिल्ली से बाहर के शामिल रहे. अस्पताल की प्रवक्ता ने बताया कि गंभीर घायल होने के कारण पांच मरीजों की सर्जरी भी की गई. वहीं, दिल्ली एम्स में 31 अक्टूबर की रात को पटाखे से जलने कारण 48 मरीज पहुंचे. इनमें से 19 मरीजों को आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ी. इनमें 11 मरीज अति गंभीर श्रेणी के थे. 48 मरीजों में से 11 की आंख में इंजुरी हुई तो वहीं 19 के हाथों में इंजुरी हुई.
RML अस्पताल में पहुंचे 44 मरीज
इसके अलावा आरएमएल अस्पताल में 44 मरीज पटाखे से जलने के कारण पहुंचे. आरएमएल अस्पताल द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार अस्पताल में दिवाली की रात पटाखा चलाने के दौरान जलने से घायल होकर 44 मरीज पहुंचे. अस्पताल में बर्न्स, प्लास्टिक और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शमिक भट्टाचार्य ने बताया कि 44 मरीजों में से एक मरीज की आंख में चोट थी. इनमें 38 पुरुष और 6 महिलाएं थीं. इनमें से नौ मरीजों को भर्ती करना पड़ा. इनमें तीन वयस्क रोगी, चार बच्चे और 2 किशोर शामिल रहे. वहीं, इनमें से गंभीर मरीजों की बात करें तो इनमें 45% जले हुए मरीज, 35% मरीज चेहरा और हाथ जलने वाले और 25 % मरीज अन्य जगहों पर जलने के कारण पहुंचे.
घर में आग लगने से बड़े पैमाने पर जनहानि
दिल्ली के बिंदापुर में पटाखे से घर में आग लग गई जिस कारण एक ही परिवार के छह लोग झुलस गए. परिवार के एक सदस्य ने पटाखे बनाने के लिए विस्फोटक सामग्री जमा कर रखी थी, जिसमें आग लगने से घर में आग लग गई.
वहीं दिल्ली में दो लोग पटाखे बनाने की कोशिश में जल गए. विस्फोटकों से भरे पाइप के कारण चोट लगने के भी मामले सामने आए. पिछले साल के विपरीत इस साल हाथ में ब्लास्ट से चोट लगने की कोई घटना नहीं हुई. एक मरीज की एक उंगली में फ्रैक्चर था और दूसरे को टेंडन में चोट थी, दोनों को सर्जरी से ठीक किया गया.
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