उत्तरकाशी: उत्तराखंड के चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिरों के कपाट बंद होने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे. गंगोत्री-यमुनोत्री धाम की बात की जाए तो यहां हर साल आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रहा है. शनिवार 12 अक्टूबर को भी यमुनोत्री-गंगोत्री धाम में करीब 4804 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. वहीं इस सीजन में अभीतक यमुनोत्री-गंगोत्री धाम में 14 लाख 23 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके है.
यमुनोत्री धाम में शनिवार 12 अक्टूबर को 2109 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जिसके बाद यहां पहुंचने वाले कुल तीर्थ यात्रियों की संख्या 6 लाख 54 हजार के पार पहुंच गई है. इसी तरह गंगोत्री धाम की बात की जाए तो यहां 12 अक्टूबर को 2695 तीर्थयात्री पहुंचे. इस यात्रा सीजन में अभीतक सात लाख 48 हजार तीर्थयात्रियों ने दर्शन गंगोत्री धाम के दर्शन किए.
10 मई को खुले थे यमुनोत्री-गंगोत्री के कपाट: यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पर्व पर दस मई को खुले थे. यानी यात्रा को शुरु हुए करीब 156 दिन पूरे हो चुके हैं. आंकड़ों के आधार पर इस साल इन दोनों धामों में प्रतिदिन औसतन 8989.49 तीर्थयात्रियों को आगमन हुआ है. गत वर्ष इन दोनों धामों पर 1640418 यात्री आए थे, जो इससे पहले के सालों की तुलना में सर्वाधिक संख्या थी.
प्रतिदिन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी: गत वर्ष यमुनोत्री मे 208 दिन और गंगोत्री में 207 दिन का यात्राकाल रहा और इन दोनों धामों में पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या का दैनिक औसत 7905.63 था. यात्रा के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल इन दोनों धामों पर प्रतिदिन पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों का औसत आंकड़ा सर्वकालिक उच्च माना जा रहा है.
12 अक्टूबर तक 156 दिन की यात्रा हुई: इस साल के अभी तक के 156 दिनों के यात्राकाल के आंकड़ों की तुलना पिछले साल की समान अवधि से करने पर भी यात्रियों की संख्या में हुई उल्लेखनीय वृद्धि की तस्वीर साफ नजर आती है. गत वर्ष 22 अप्रैल 2023 को यात्रा प्रारंभ होने के बाद 156 दिनों के दौरान गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 1381809 श्रद्धालुओं पहुंचे थे और 10 मई से 12 अक्टूबर 2023 के दौरान 1283155 यात्री आए थे. इस प्रकार पिछले साल की तुलना में इस साल यात्रियों की संख्या में यात्राकाल के शुरूआती 156 दिनों में 20551 और 10 मई से 12 अक्टूबर की अवधि के भीतर 119205 की वृद्धि दर्ज की गई है.
प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए कर रखे है खास इंतजाम: शासन-प्रशासन के द्वारा इस यात्राकाल में तीर्थयात्रियों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ ही यात्रा को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और सुचारू संचालन पर विशेष ध्यान दिया गया. बरसात के दौरान यात्रा मार्गों को यातायात हेतु सुचारू बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर मशीनों और अन्य संसाधनों की तैनाती करने के साथ ही सड़कों को निरंतर खुला रखने के दिन-रात प्रयास किए गए.
अनेक स्थानों पर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में अवरूद्ध सड़कों को तत्परता से खोले जाने के फलस्वरूप इस बार कभी भी पूरे दिन के लिए कोई भी सड़क अवरूद्ध नहीं रही, जिससे श्रद्धालुजनों की राह आसान बनी रही और उन्होंने धामों तक सुगमतापूर्वक व सुविधाजनक ढंग से तीर्थाटन का पुण्य अर्जित किया.
दो और तीन नवंबर को बंद होगे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट: परंपरानुसार शीतकाल के आगमन पर गंगोत्री मंदिर के कपाट आगामी 2 नवंबर को अन्नकूट पर्व पर बंद हो जाएंगे और यमुनोत्री मंदिर के कपाट भाईदूज के पर्व आगामी 3 नवंबर को बंद होंगे. इस प्रकार अब गंगोत्री धाम की यात्रा के लिए 21 दिन और यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए 22 दिन का यात्राकाल शेष रह गया है. श्राद्धपक्ष एवं नवरात्रि संपन्न होने के बाद इन दोनों धामों इस यात्राकाल के अंतिम दौर में भी बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने की संभावना है.
उत्तरकाशी जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यात्रा व्यवस्था से जुड़े विभागों व संगठनों को यात्राकाल के अंतिम दौर में यात्रा व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद बनाए रखने के लिए तत्परता से जुटे रहने और यात्रा को सुगम, सुरक्षित व सुव्यस्थित ढंग से संचालित करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं.
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