रामनगर: वनाग्नि में झुलस रहे उत्तराखंड के जंगलों को बचाने के लिए वन विभाग के सारे प्रयास फेल ही नजर आ रहे हैं. वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन की तरफ से वनाग्नि को रोकने के प्रयास धरातल पर दिखाई दे रहे हैं. वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और कालागढ़ टाइगर रिज़र्व में 130 से ज्यादा क्रू स्टेशन बनाए गए हैं, जिममें 4 से 5 कर्मचारियों को तैनात किया गया है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की टीम ने बिजरानी और सर्पदुली क्षेत्र में लगी आग पर काबू पा लिया है.
एक तरफ जहां उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के जिलों में लगातार वनाग्नि की घटनाएं सामने आ रही हैं तो वहीं 1,288 वर्ग किलोमीटर में फैले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वनाग्नि की घटनाएं न के बराबर हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी और सर्पदुली मिलान क्षेत्र में वानाग्नि की एक घटना घटी थी, जिस पर तुरंत ही काबू पा लिया गया था.
वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉक्टर धीरज पांडे ने बताया कि पूर्व में एक वानाग्नि की घटना घटी थी, जिसे तुरंत ही बुझा दिया गया था. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाने के लिए उनकी टीम पूरी तरह से तैयार है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व व कालागढ़ टाइगर रिजर्व में कुल 130 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं, जहां फायर सीजन को देखते हुए अतिरिक्त स्टाफ भी रखा गया है.
इसके अलावा वनकर्मी लगातार ड्रोन और पैदल मार्ग से गश्त करते हैं, ताकि वनाग्नि की घटनाओं पर नजर रखी जा सके और उससे फैलने से पहले ही रोका जा सके. जंगलों में यदि कोई आग लगता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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