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मानसून के अलर्ट से डरे पर्यटक, 50 फीसदी घटी रोहतांग जाने वाले सैलानियों की संख्या - Monsoon alert effect tourism

Monsoon alert effect tourism: बीते साल जुलाई माह के पहले सप्ताह में आई बारिश ने जो तबाही मचाई थी. उसे हिमाचल के लोग और यहां आने वाले सैलानी भूले नहीं है. यही वजह है कि मौसम विभाग के बारिश के अलर्ट के बाद अब कुल्लू-मनाली में सैलानियों की संख्या कम होने लगी है.

Manali
मनाली का मॉल रोड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 3:44 PM IST

कुल्लू: देश के कई राज्यों में मानसून ने अब अपनी दस्तक दे दी है. निचले राज्यों में बारिश का दौर जारी हो गया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में भी मौसम विभाग के द्वारा भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

मौसम विभाग के जारी किए गए अलर्ट से हिमाचल का पर्यटन कारोबार भी कम हुआ है. जून माह में जहां जिला कुल्लू का पर्यटन कारोबार चरम पर था. वहीं, अब जुलाई माह की शुरुआत में कारोबार 50 फीसदी रह गया है.

लाहौल-स्पीति में बारिश ना के बराबर हो रही है. ऐसे में पर्यटक अब लाहौल-स्पीति जा रहे हैं. मनाली में पर्यटकों की भीड़ घटने लगी है. रोहतांग दर्रे की बात करें तो 20 जून से लेकर 29 जून तक यहां जाने के लिए सारे परमिट बुक रहे लेकिन 30 जून और 1 जुलाई को काफी परमिट बुक नहीं हो पाए.

Manali
मनाली में कम हुई पर्यटकों की संख्या (ETV Bharat)

30 जून रविवार की बात करें तो रोहतांग के लिए 1200 में से 343 परमिट बुक नहीं हो पाए. डीजल इंजन वाहनों के सभी 400 परमिट बुक हुए लेकिन पेट्रोल इंजन वाहनों के 800 में से 457 परमिट ही बुक हुए.

सोमवार 1 जून को रोहतांग दर्रे के लिए 400 में 322 वाहन ही बुक हुए और पेट्रोल वाहनों मे से 800 में से 373 वाहन ही रोहतांग दर्रे पर पहुंचे. ऐसे में मानसून का असर जिला कुल्लू के पर्यटन कारोबार पर भी नजर आ रहा है.

दूसरी ओर लाहौल-स्पीति जिला की चंद्रताल, सरचू व जिस्पा में पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है. पर्यटक लाहौल-स्पीति से लेह का रुख कर रहे हैं. इसके लिए शिंकुला होते हुए जंस्कार व बारालाचा होते हुए लेह रूट पर्यटकों की पसंद बनने लगा है.

रविवार को रोहतांग दर्रे की ओर परमिट प्राप्त 857 पर्यटक वाहन पहुंचे जबकि कोकसर से काजा की ओर 200, दारचा से शिंकुला की ओर 500 व दारचा से बारालाचा व सरचू की तरफ 300 से अधिक पर्यटक वाहन गए.

जून माह के अंतिम वीकेंड में पर्यटकों की संख्या अपेक्षा के अनुरूप नहीं रही. मनाली में 3500 से 3800 पर्यटक वाहन पंजीकृत हो रहे थे. अब ग्रीन टैक्स बैरियर में पंजीकृत होने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों का आंकड़ा 50 प्रतिशत तक गिर गया है.

26 जून को 2330, 27 जून को 2100 और 28 जून को मनाली में 2190 वाहन बाहरी राज्यों से पहुंचे. 29 जून को यह आंकड़ा महज 1851 रहा. इससे पहले यह संख्या 3500 के पार पहुंच रही थी. रोहतांग के लिए रोजाना 1200 वाहन परमिट लेकर जा रहे हैं.

एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा ने बताया कि रविवार को 1200 में से 857 परमिट ही रोहतांग के लिए बुक हुए हैं. उन्होंने बताया कि 15 मई से लेकर 29 जून तक अधिकतर दिन सभी परमिट बुक हुए हैं. अब मानसून के कारण मनाली में पर्यटन कारोबार प्रभावित हो रहा है.

होटलियर एसोसिएशन मनाली के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने बताया कि मानसून की दस्तक के साथ ही पर्यटन कारोबार घट गया है. मौसम विभाग आए दिन अलर्ट जारी कर रहा है कभी ऑरेंज तो कभी येलो अलर्ट के चलते पर्यटक मनाली का रुख नहीं कर रहे हैं. वहीं, मौसम के अलर्ट के अनुसार बारिश नहीं हो रही है. रोहतांग दर्रा समेत मनाली के तमाम पर्यटन स्थलों में चहल-पहल कम हो गई है.

हिमाचल पर्यटन विकास निगम के उप महाप्रबंधक बीएस ओक्टा ने बताया कि अब पर्यटन कारोबार घट गया है. निगम के होटलों की ऑक्यूपेंसी घटकर 50 फीसदी ही रह गई है. बीते सप्ताह ऑक्यूपेंसी लगभग 70 प्रतिशत चल रही थी.

ये भी पढ़ें: टमाटर की कीमतों में उछाल जारी, ₹1061 तक बिका प्रति क्रेट 'लाल सोना'

कुल्लू: देश के कई राज्यों में मानसून ने अब अपनी दस्तक दे दी है. निचले राज्यों में बारिश का दौर जारी हो गया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में भी मौसम विभाग के द्वारा भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

मौसम विभाग के जारी किए गए अलर्ट से हिमाचल का पर्यटन कारोबार भी कम हुआ है. जून माह में जहां जिला कुल्लू का पर्यटन कारोबार चरम पर था. वहीं, अब जुलाई माह की शुरुआत में कारोबार 50 फीसदी रह गया है.

लाहौल-स्पीति में बारिश ना के बराबर हो रही है. ऐसे में पर्यटक अब लाहौल-स्पीति जा रहे हैं. मनाली में पर्यटकों की भीड़ घटने लगी है. रोहतांग दर्रे की बात करें तो 20 जून से लेकर 29 जून तक यहां जाने के लिए सारे परमिट बुक रहे लेकिन 30 जून और 1 जुलाई को काफी परमिट बुक नहीं हो पाए.

Manali
मनाली में कम हुई पर्यटकों की संख्या (ETV Bharat)

30 जून रविवार की बात करें तो रोहतांग के लिए 1200 में से 343 परमिट बुक नहीं हो पाए. डीजल इंजन वाहनों के सभी 400 परमिट बुक हुए लेकिन पेट्रोल इंजन वाहनों के 800 में से 457 परमिट ही बुक हुए.

सोमवार 1 जून को रोहतांग दर्रे के लिए 400 में 322 वाहन ही बुक हुए और पेट्रोल वाहनों मे से 800 में से 373 वाहन ही रोहतांग दर्रे पर पहुंचे. ऐसे में मानसून का असर जिला कुल्लू के पर्यटन कारोबार पर भी नजर आ रहा है.

दूसरी ओर लाहौल-स्पीति जिला की चंद्रताल, सरचू व जिस्पा में पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है. पर्यटक लाहौल-स्पीति से लेह का रुख कर रहे हैं. इसके लिए शिंकुला होते हुए जंस्कार व बारालाचा होते हुए लेह रूट पर्यटकों की पसंद बनने लगा है.

रविवार को रोहतांग दर्रे की ओर परमिट प्राप्त 857 पर्यटक वाहन पहुंचे जबकि कोकसर से काजा की ओर 200, दारचा से शिंकुला की ओर 500 व दारचा से बारालाचा व सरचू की तरफ 300 से अधिक पर्यटक वाहन गए.

जून माह के अंतिम वीकेंड में पर्यटकों की संख्या अपेक्षा के अनुरूप नहीं रही. मनाली में 3500 से 3800 पर्यटक वाहन पंजीकृत हो रहे थे. अब ग्रीन टैक्स बैरियर में पंजीकृत होने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों का आंकड़ा 50 प्रतिशत तक गिर गया है.

26 जून को 2330, 27 जून को 2100 और 28 जून को मनाली में 2190 वाहन बाहरी राज्यों से पहुंचे. 29 जून को यह आंकड़ा महज 1851 रहा. इससे पहले यह संख्या 3500 के पार पहुंच रही थी. रोहतांग के लिए रोजाना 1200 वाहन परमिट लेकर जा रहे हैं.

एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा ने बताया कि रविवार को 1200 में से 857 परमिट ही रोहतांग के लिए बुक हुए हैं. उन्होंने बताया कि 15 मई से लेकर 29 जून तक अधिकतर दिन सभी परमिट बुक हुए हैं. अब मानसून के कारण मनाली में पर्यटन कारोबार प्रभावित हो रहा है.

होटलियर एसोसिएशन मनाली के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने बताया कि मानसून की दस्तक के साथ ही पर्यटन कारोबार घट गया है. मौसम विभाग आए दिन अलर्ट जारी कर रहा है कभी ऑरेंज तो कभी येलो अलर्ट के चलते पर्यटक मनाली का रुख नहीं कर रहे हैं. वहीं, मौसम के अलर्ट के अनुसार बारिश नहीं हो रही है. रोहतांग दर्रा समेत मनाली के तमाम पर्यटन स्थलों में चहल-पहल कम हो गई है.

हिमाचल पर्यटन विकास निगम के उप महाप्रबंधक बीएस ओक्टा ने बताया कि अब पर्यटन कारोबार घट गया है. निगम के होटलों की ऑक्यूपेंसी घटकर 50 फीसदी ही रह गई है. बीते सप्ताह ऑक्यूपेंसी लगभग 70 प्रतिशत चल रही थी.

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