पटना: मिट्टी की पोषकता बचाने के लिए सेव सॉइल की मुहिम को लेकर उत्तर प्रदेश के ललितपुर के रहने वाले मोहित निरंजन साइकिल से भारत भ्रमण की यात्रा पर निकले हुए हैं. 16 नवंबर 2022 से उन्होंने यात्रा शुरू की है और बीते कल तक लगभग 15000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है. वो सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन की मुहिम सेव सॉइल के माध्यम से लोगों के बीच घूम-घूमकर मिट्टी की पोशाकता बचाने की अपील कर रहे हैं.
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16 राज्यों का किया भ्रमण: मोहित ने बताया कि 600 दिनों की यात्रा में देश के 16 राज्यों का भ्रमण कर चुके हैं. यूपी के ललितपुर के अपने आवास से यात्रा शुरू की और मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से बिहार में किशनगंज के रास्ते प्रवेश किया और अब पटना में हैं.
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सॉइल पॉल्यूशन पर नहीं हो रही बात: मोहित निरंजन ने बताया कि आज के इस दौड़ में पॉल्यूशन पर हम बहुत बात कर रहे हैं लेकिन सॉइल पॉल्यूशन पर बात नहीं हो रही. उत्पादकता बढ़ाने के लिए मिट्टी में इतने केमिकल डाले गए हैं और जिस प्रकार से प्लास्टिक और अन्य केमिकल कचरों को मिट्टी में डाला जा रहा है, इससे मिट्टी की पोषकता खत्म हो रही है. मिट्टी की पोशाक्त खत्म होने से मिट्टी में जो फासले, पेड़-पौधेऔर उनके फल आ रहे हैं, उनकी न्यूट्रीशन वैल्यू, विटामिन और मिनरल्स कम होते जा रहे हैं. यह बहुत ही चिंता का विषय है जिस पर किसी का ध्यान नहीं है.
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विशेष पॉलिसी की जरूरत: मोहित ने बताया कि वह अपनी यात्रा के दौरान जहां भी जा रहे हैं, लोगों से अपील कर रहे हैं कि मिट्टी की पोशाक्त को बचाएं. इसके लिए एक विशेष पॉलिसी की जरूरत है, जिसे सरकार की ओर से लानी होगी. किसान आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं ऐसे में उन्हें सरकार की ओर से सपोर्ट देना होगा ताकि वह अपने खेतों में मिट्टी की उर्वरता को बरकरार रख सके.
एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह से की मुलाकात: सरकार को किसानों के लिए जैविक खाद का प्रचुर मात्रा में प्रबंध करना होगा और केमिकल फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल खेतों में ना हो इसके लिए नियम बनाने होंगे. इसके साथ ही इसको लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलानी होगी जो सबसे महत्वपूर्ण है. यात्रा के क्रम में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी वो मिले हैं और विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी से भी मुलाकात हुई है.
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"अपनी यात्रा के दौरान कई चीजों को देखकर काफी दुखी होता हूं. कई बार तेज रफ्तार से कर में जा रहे लोग पानी का बोतल खत्म होने के बाद खिड़की से बाहर फेंक देते हैं. कई बार लोगों की बोतल फेंकने से बोतल उनके चेहरे पर आकर लगी है और चोटें भी आई है. लोगों को यह समझना होगा कि यह देश उनका है और इसकी साफ सफाई उनकी जिम्मेदारी है. उन्हें अपने खाली बोतल को कर कहीं रुकने पर डस्टबिन में जाकर उसे सही तरीके से डीकंपोज करना चाहिए जो नहीं करते हैं और यह प्लास्टिक बोतल मिट्टी में दबाकर मिट्टी की पोशाकता खराब करते हैं."-मोहित निरंजन
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तमिलनाडु में होगा यात्रा का समापन: मोहित ने बताया कि वह अपने साइकिल पर ही सारा सामान लेकर चलते हैं. एक बैग में उनका टेंट रहता है, दूसरे बैग में उनका कपड़ा और कुछ खाने का सामान जो साइकिल के कैरियर के दोनों तरफ लटका हुआ रहता है. इसके अलावा एक योगा मैट रहता है जिस पर वह ध्यान करते हैं. रास्ते में जब वह विभिन्न शहरों और गांव से गुजरते हैं तो ईशा फाउंडेशन से जुड़े उनके भाई बंधु उनसे मिलते हैं. उनकी मुहिम को सपोर्ट करते हैं. वह पटना से बक्सर के रास्ते होते हुए वाराणसी जाएंगे और फिर महाराष्ट्र गुजरात पंजाब हरियाणा होते हुए विभिन्न राज्यों का भ्रमण करेंगे. यात्रा का समापन वह तमिलनाडु के कोयंबटूर में आदियोगी के मूर्ति के पास करेंगे.