भोपाल: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार एक ही महीने में दूसरी बार कर्ज लेने जा रही है. राज्य सरकार ने अब ढाई हजार करोड़ का कर्ज लेने की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य सरकार रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के माध्यम से 27 अगस्त को यह कर्ज लेगी. इस कर्ज को सरकार 14 साल में चुकाएगी. इस कर्ज के लिए राज्य सरकार साल में दो बार 28 फरवरी और 28 अगस्त को ब्याज चुकाएगी. प्रदेश सरकार द्वारा इसके पहले 7 अगस्त को दो किश्तों में 5 हजार करोड़ का लोन लिया था.
लगातार बढ़ रहा कर्ज का बोझ
प्रदेश सरकार पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है. प्रदेश सरकार को इस साल 88 हजार 450 करोड़ रुपए का कर्ज लेना है, जो पिछले साल के मुकाबले 38 फीसदी ज्यादा है. राज्य सरकार पर पहले से ही 4 लाख 18 हजार 056 करोड़ का कर्ज पहुंच चुका है. इसकी जानकारी पिछले दिनों संसद में किए गए एक सवाल के जवाब में केन्द्र सरकार द्वारा दी गई थी. सवाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पूछा था. साल 2023-24 में प्रदेश सरकार ने 55 हजार 708 करोड़ का कर्ज लिया था. हालांकि लगातार लिए जा रहे कर्ज को लेकर सरकार चिंतित नहीं हैं. प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कर्ज को लेकर हाल ही में कहा था कि कर्ज नियम के हिसाब से ही लिया जा रहा है. यह कर्ज विकास कार्यों के लिए लिया जाता है और इसका सरकार समय-समय पर भुगतान भी करती है.
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नई सरकार के बाद यह पांचवी बार कर्ज
प्रदेश में डॉ मोहन सरकार के गठन के बाद 5वीं बार सरकार कर्ज लेने जा रही है. सरकार ने 23 जनवरी को 2500 करोड़ का कर्ज लिया था. इसके बाद सरकार ने 7 फरवरी को 3 हजार करोड़ का कर्ज लिया. 22 मार्च को सरकार ने 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया था. 7 अगस्त को सरकार ने फिर 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया था और अब सरकार ढाई हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है. उधर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्त भूपेन्द्र गुप्ता कहते हैं कि 'सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन की वजह से प्रदेश कर्ज के दलदल में समाता जा रहा है. सरकार सिर्फ कर्ज लेकर प्रदेश चला रही है, आर्थिक स्थितियां कैसे बेहतर हों. इस पर सरकार का ध्यान नहीं है.