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मोहन यादव के त्योहारी तोहफे से कर्मचारी गदगद, पक्की नौकरी के साथ मिलेंगे ढेरों बेनिफिट - Mohan Yadav Regularize Employees

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 9, 2024, 7:20 PM IST

Updated : Sep 10, 2024, 1:42 PM IST

मध्य प्रदेश के अस्थाई कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. मोहन यादव सरकार ने आउटसोर्स, संविदा कर्मचारियों को मार्च 2026 तक नियमित करने का फैसला लिया है. सरकार इन कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए एक परीक्षा भी आयोजित करेगी.

MOHAN YADAV GOVT ORDER
मोहन यादव सरकार ने लिया बड़ा फैसला (ETV Bharat)

भोपाल: मध्य प्रदेश के अस्थायी कर्मचारियों के मामले में प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में काम कर रहे अस्थाई कर्मचारियों की सेवाएं अगले करीब डेढ़ साल तक जारी रहेगी. राज्य सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को 31 मार्च 2026 तक पदों पर बनाए रखने के लिए कहा है. सरकार के इस फैसले से संविदा, अतिथि शिक्षक, आउटसोर्स और विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों की सेवाएं लगातार जारी रहेंगी. उधर कर्मचारियों को नियमित करने की दिशा में भी सरकार परीक्षा कराए जाने पर विचार कर रही है.

Mohan Yadav Govt Order
एमपी सरकार का आदेश (ETV Bharat)

वित्त विभाग ने सभी विभागों को दिए निर्देश

वित्त विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में पूर्व में जारी किए गए आदेशों का हवाला दिया गया है. साथ ही कहा गया है कि अस्थायी पदों पर सेवाएं जारी रखने के संबंध में समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि पिछले दिनों जारी किए गए आदेश को निरस्त करते हुए अगले एक साल के लिए अस्थाई पदों पर कर्मचारियों की सेवाएं लगातार जारी रखी जाएगी.

प्रदेश में लाखों कर्मचारी कर रहे अस्थाई पदों पर काम

मध्य प्रदेश में विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में कर्मचारी अस्थाई पदों पर काम कर रहे हैं. इसमें आउटसोर्स, संविदा कर्मचारी, अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान और बिजली कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं. उधर राज्य सरकार संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की दिशा में भी विचार कर रही है. बताया जा रहा है कि राज्य सरकार नियमितीकरण के लिए एक परीक्षा आयोजित कराकर कर्मचारियों को नियमित कर सकती है.

यहां पढ़ें...

मोहन यादव सरकार से जागी कर्मचारियों की उम्मीद, बिना प्रमोशन नहीं होगा कोई रिटायर्ड

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इस परीक्षा में अस्थाई कर्मचारियों को 300 अंकों के प्रश्न पूछे जाएंगे. जिसमें उन्होंने कम से कम 150 अंक लाना अनिवार्य होगा. इस परीक्षा में एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत की छूट भी दी गई है. उन्हें पास होने के लिए 50 प्रतिशत नहीं बल्कि 40 फीसदी मार्क्स की जरूरत होगी. सीधी भर्ती में संविदा कर्मचारियों के लिए 20 प्रतिशत पर आरक्षित रहेंगे. प्रदेश सरकार इसके पूर्व गुरूजी के मामले में इस तरह का कदम उठा चुकी है. इसकी तर्ज पर निर्धारित अंकों की एक परीक्षा आयोजित कराई जाएगी, जिसमें उत्तीर्ण होने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जा सकता है.

भोपाल: मध्य प्रदेश के अस्थायी कर्मचारियों के मामले में प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में काम कर रहे अस्थाई कर्मचारियों की सेवाएं अगले करीब डेढ़ साल तक जारी रहेगी. राज्य सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को 31 मार्च 2026 तक पदों पर बनाए रखने के लिए कहा है. सरकार के इस फैसले से संविदा, अतिथि शिक्षक, आउटसोर्स और विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों की सेवाएं लगातार जारी रहेंगी. उधर कर्मचारियों को नियमित करने की दिशा में भी सरकार परीक्षा कराए जाने पर विचार कर रही है.

Mohan Yadav Govt Order
एमपी सरकार का आदेश (ETV Bharat)

वित्त विभाग ने सभी विभागों को दिए निर्देश

वित्त विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में पूर्व में जारी किए गए आदेशों का हवाला दिया गया है. साथ ही कहा गया है कि अस्थायी पदों पर सेवाएं जारी रखने के संबंध में समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि पिछले दिनों जारी किए गए आदेश को निरस्त करते हुए अगले एक साल के लिए अस्थाई पदों पर कर्मचारियों की सेवाएं लगातार जारी रखी जाएगी.

प्रदेश में लाखों कर्मचारी कर रहे अस्थाई पदों पर काम

मध्य प्रदेश में विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में कर्मचारी अस्थाई पदों पर काम कर रहे हैं. इसमें आउटसोर्स, संविदा कर्मचारी, अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान और बिजली कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं. उधर राज्य सरकार संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की दिशा में भी विचार कर रही है. बताया जा रहा है कि राज्य सरकार नियमितीकरण के लिए एक परीक्षा आयोजित कराकर कर्मचारियों को नियमित कर सकती है.

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इस परीक्षा में अस्थाई कर्मचारियों को 300 अंकों के प्रश्न पूछे जाएंगे. जिसमें उन्होंने कम से कम 150 अंक लाना अनिवार्य होगा. इस परीक्षा में एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत की छूट भी दी गई है. उन्हें पास होने के लिए 50 प्रतिशत नहीं बल्कि 40 फीसदी मार्क्स की जरूरत होगी. सीधी भर्ती में संविदा कर्मचारियों के लिए 20 प्रतिशत पर आरक्षित रहेंगे. प्रदेश सरकार इसके पूर्व गुरूजी के मामले में इस तरह का कदम उठा चुकी है. इसकी तर्ज पर निर्धारित अंकों की एक परीक्षा आयोजित कराई जाएगी, जिसमें उत्तीर्ण होने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जा सकता है.

Last Updated : Sep 10, 2024, 1:42 PM IST
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