भोपाल। राज्य सरकार ने अंगदान को बढ़ावा देने के लिए लेने के लिए खास पहल की है. प्रदेश सरकार ने ऐसे दानवीरों की अंत्येष्टि से पहले गार्ड ऑफ ऑनर देने का निर्णय लिया है, ताकि अंगदान कर दुनिया को रुखसत होने वाले के परिजन उनके फैसले पर गर्व महसूस कर सकें. स्वास्थ्य विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन की मंजूरी के लिए भेज दिया है. ये योजना बहुत जल्द लागू हो सकती है. इस बारे में राज्य सरकार जल्द ही फैसला लेने जा रही है.
अंगदान के मामले में काफी पीछे है मध्यप्रदेश
माना जा रहा है कि सितंबर माह से इसे लागू कर दिया जाएगा. बता दें कि मध्यप्रदेश में ऑर्गन डोनेशन को लेकर पिछले सालों के मुकाबले जागरूकता बढ़ी है, लेकिन बाकी राज्यों के मुकाबले अभी भी मध्यप्रदेश काफी पीछे है. नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक साल 2023 में देश में 16 हजार 542 अंगदान करने के इच्छुक लोगों ने अपना पंजीयन कराया था. इसमें 15 हजार 436 जीवित, जबकि 1099 मृत दाता थे. साल 2023 में देश में 18336 लोगों को ऑर्गन टांसप्लांट किए गए हैं. इसमें किडनी ट्रांसप्लांट के मामले में टॉप 5 राज्यों में मध्यप्रदेश का स्थान नहीं है. इनमें दिल्ली, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के नाम शामिल हैं. इन राज्यों में अंगदान करने वालों को गार्ड ऑफ ऑर्नर देने की व्यवस्था पहले से लागू है.
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अंगदान के प्रति मध्यप्रदेश में बढ़ रहा रुझान
मध्यप्रदेश में अंगदान के मामले में मध्यप्रदेश में रुझान बढ़ा है. खासतौर से आई डोनेट को लेकर लोगों ने काफी अच्छा रिस्पांस दिखाया है. यही वजह है कि पिछले दिनों केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा द्वारा मध्यप्रदेश को अंगदान को लेकर सम्मानित किया गया है. मध्यप्रदेश में ब्रेन डेथ रोगियों का अंगदान इंदौर से शुरू हुआ था. इसके बाद अब भोपाल और दूसरे शहरों में भी लिवर, किडनी, कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. भोपाल के एम्स में भी जल्द ही हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने की तैयारी की जा रही है. एम्स प्रबंधन के मुताबिक इसे अगले साल तक शुरू किए जाने की उम्मीद है.