भोपाल। एमपी में तबादलों का काउंटडाउन अब शुरु होने जा रहा है. माना जा रहा है कि डॉ मोहन यादव की सरकार 15 अगस्त के बाद तबादलों पर लगी रोक हटा सकती है. फिर थोकबंद तबादले की प्रक्रिया शुरु हो सकती है. हालांकि अभी मंत्रियों को प्रभार का जिला दिया जाना बाकी है, लेकिन जिस तरह से बीते दिनों अलग-अलग संभागों के विधायकों से चर्चा की थी और उसमें शिकायतें भी आई थी कि अधिकारी विधायकों की नहीं सुन रहे हैं. जाहिर है इस बार जब तबादलों पर से रोक हटेगी तो इन शिकायतों का असर भी दिखाई देगा.
तबादला नीति के मुताबिक ये माना जा रहा है कि इस बार भी एक महीने के दौरान ही ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन ये माना जा रहा है कि पहले की तरह ही प्रभारी मंत्रियों के हाथ जिले के भीतर तबादले का हर अधिकार होगा. कहा ये भी जा रहा है कि मंत्रिमण्डल को लेकर उठे असंतोष के बाद मोहन सरकार एक कैबिनेट विस्तार और कर सकती है. उसके बाद तबादलों का काउंटडाउन शुरु होगा.
इधर से उधर होंगे मास्साब टीआई पटवारी
जानकारी के मुताबिक जिस तरह से संभागीय बैठकों में विधायकों की शिकायतें सामने आई है. उसके बाद इस बार पटवारी, थाना प्रभारी और तहसीलदार समेत शिक्षा विभाग में ट्रांसफर बड़े स्तर पर दिखाई देगा. माना जा रहा है कि इस सरकार में भी पिछली सरकार का ही मापदंड रह सकता है. जिसके मुताबिक जिले के भीतर सारे तबादले प्रभारी मंत्री की मुहर पर होंगे. जबकि जिले के बाहर होने वाले ट्रांसफर पर सीएम की मुहर जरूरी होगी. हालांकि अभी तक प्रभारी मंत्रियों की सूची भी जारी नहीं हुई है और मापदंड भी सामने नहीं आए हैं, लेकिन ये तय माना जा रहा है कि इसके बाद बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हो सकती है.
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पहले की तरह चले तो ये एक ही जगह फिर पोस्टिंग अटकेगी
अगर पिछली तबादला नीति को ही नजीर माना गया तो उस समय प्रदेश के किसी भी जिले में तबादले के लिए प्रभारी मंत्री की मंजूरी जरूरी थी. दूसरा ये भी निश्चित था कि एक ही जिले में किसी को भी दोबारा पोस्टिंग नहीं दी जाएगी. माना जा रहा है कि बड़े थोकबंद तबादले में सीएम मोहन यादव की प्रशासनिक क्षमता भी दिखाई देगी. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं 'ये एमपी में पहले बड़े स्तर के तबादले होंगे. मोहन यादव की प्रशासनिक क्षमता भी बताएंगे. जाहिर है पांच साल की जमावट अधिकारियों की मोहन यादव अभी से करना शुरु करेंगे.'