भोपाल: मध्य प्रदेश में अभी जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए कई जिलों में लोगों को 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. तहसील और ब्लाक जाने के लिए भी लंबा सफर करना पड़ता है, लेकिन अब इस दूरी पर राज्य सरकार कैंची चलाने वाली है. यानि कि जिला मुख्यालय, तहसील और ब्लाक की दूरी कम की जाएगी. इसके लिए एमपी सरकार ने मसौदा भी तैयार कर लिया है. इस पर जल्द ही काम शुरु होने वाला है.
जिला, तहसील और ब्लाक की सीमाओं का होगा परिसीमन
बता दें कि प्रदेश सरकार ने एमपी में प्रशासनिक इकाईयों की सीमाओं को पुनर्गठन करने का फैसला लिया है. इसके तहत संभाग, जिले, तहसील और ब्लाक जैसे प्रशासनिक क्षेत्रों की सीमाओं को भौगोलिक आधार पर फिर से तय किया जाएगा. इसके लिए प्रशासनिक पुनर्गठन इकाई आयोग में नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. संभवतः अक्टूबर के अंत तक संभाग, जिला, तहसील और ब्लाक का एक बार फिर सीमांकन किया जाएगा.
सीमांकन के लिए विशेष आयोग का गठन
सरकार ने नए सिरे से प्रशासनिक क्षेत्रों का सीमांकन कराने के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया है. जिसमें राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों क्षेत्रों के अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी. आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीमाओं के पुनर्गठन का काम आगे बढ़ाया जाएगा. हालांकि, राजनीतिक क्षेत्र से किन लोगों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, यह अभी तय नहीं हुआ है. इस कदम से प्रदेश में प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन और सीमाओं का नया निर्धारण होगा. जिससे लोगों की समस्याएं कम होंगी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुचारू होंगी.
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अभी ये हो रही परेशानी
अभी बुदनी तहसील का जिला मुख्यालय सीहोर है. जबकि भौगोलिक आधार पर तहसील मुख्यालय नर्मदापुरम जिले से सटा है, लेकिन बुदनी क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय से जुड़े कामों के लिए सीहोर जाना पड़ता है. इसी मरह सांची का जिला मुख्यालय रायसेन है, जबकि भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो विदिशा नजदीक पड़ता है. सांची व आसपास के लोगों को जिला मुख्यालय से जुड़े कामों के लिए रायसेन जाना पड़ता है. अधिकारियों का कहना है कि इस बदलाव से लाखों लोगों को फायदा मिलेगा. इससे लोगों को सरकारी कामकाज करवाने के लिए कम परेशानी का सामना करना होगा. साथ ही काम पूर्ण होने में भी रफ्तार आएगी.'