भोपाल: एमपी के सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए स्कूल रिक्षा विभाग कई नवाचार कर रहा है. जिससे उन स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट न हो. इसी के तहत पिछले सत्र में प्राथमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए शासन ने राशि उपलब्ध कराई थी. अब माध्यमिक शालाओं में पदस्थ 75 हजार से अधिक शिक्षकों को भी टैबलेट खरीदने के लिए राशि दी जाएगी.
30 अगस्त से पहले टैबलेट खरीदने पर ही मिलेगा पैसा
राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि 'शासन की मंशा है कि दिसंबर 2024 से पहले शिक्षकों से टैबलेट खरीदने की प्रक्रिया पूरी करा ली जाए. इसलिए माध्यमिक शालाओं के शिक्षकों को कहा गया है, कि 30 नवंबर तक वो टैबलेट हर हाल में खरीदकर उसका बिल राज्य शिक्षा केंद्र को भेज दें. जिससे राशि का भुगतान 31 दिसंबर से पहले उनके खातों में कर दिया जाए. बता दें कि प्रदेश में मध्यमिक शालाओं में पदस्थ 15 हजार से अधिक शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए राशि दी जाएगी.
113 करोड़ रुपये की राशि होगी खर्च
सरकार टैबलेट खरीदने के लिए प्रति शिक्षक 15 हजार रुपये का भुगतान करने वाली है. ऐसे में 75,538 शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए करीब 113 करोड़, 30 लाख 70 हजार रुपए की राशि मंजूर की गई है. शिक्षा विभाग के अनुसार टैबलेट शिक्षक खुद खरीदेंगे. इसके बाद टैबलेट का बिल एवं स्पेशिफिकेशन एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सहयोग से तैयार माड्यूल में दर्ज किया जाएगा. जिसके बाद शिक्षकों के खातों में यह राशि भेजी जाएगी.
माध्यमिक शालाओं में टैबलेट से पढ़ाएंगे शिक्षक
राज्य शिक्षा केंद्र की अपर मिशन संचालक उमा महेश्वरी ने बताया कि 'माध्यमिक शालाओं में शिक्षक अब टैबलेट के माध्यम से कक्षा की स्मार्ट क्लास ले सकेंगे. वहीं डिजिटल पोर्टल से बच्चों को पढ़ाने और सिखाने लायक जानकारी जुटाई जा सकेगी. शिक्षक के ऑनलाइन मीटिंग और प्रशिक्षण का काम भी इससे आसानी से हो सकेगा. तय मापदंड के अनुसार 8.7 इंच डिस्प्ले साइज औटर टच स्क्रीन टैबलेट खरीदे जाने हैं. इसमें 64 जीबी इंटरनल स्टोरेज होना चाहिए. कैमरा 8 मेगा पिक्सल रियर विद आटोफोकस एंड फ्लैश लाइट वाला होना चाहिए. वहीं टैबलेट में कनेक्टिविटी 4जी, एलटीई, वाईफाई या अधिक क्षमता वाली होनी चाहिए.'
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4 साल से पहले हुए रिटायर तो चुकाने होंगे रुपये
स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है, कि 2 साल से पहले रिटायर होने वाले शिक्षकों को टैबलेट खरीदने की बाध्यता नहीं होगी. वह अपने इच्छानुसार चयन कर सकेंगे. यदि शिक्षक दो साल नौकरी करने के बाद रिटायर हो जाता है. तो उन्हें टैबलेट की राशि शासन के खाते में जमा करानी होगी. मान लें कि टैबलेट खरीदने के बाद शिक्षक तीन साल नौकरी कर रिटायर हो जाता है, तो उसे बचे हुए एक साल का 3750 रुपये शासन के खाते में जमा कराने होंगे. वहीं यदि दो साल पहले रिटायर हुए तो 7 हजार रुपये जमा करने होंगे.