भोपाल। कैबिनेट गठन के बाद से ही लोकसभा चुनाव में जुट गए सीएम डॉ मोहन यादव की सरकार में मंत्रियों को प्रभार के जिले दिए जाने का महत्वपूर्ण काम पिछड़ता चला गया, लेकिन अब जानकारी के मुताबिक इसी पखवाड़े में मोहन यादव अपनी कैबिनेट के मंत्रियों को उनके प्रभार का जिला सौंप सकते हैं. मुमकिन है कि अगले चार दिनों में ही मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों का एलान हो जाए. सीएम मोहन यादव पहले ही कह चुके हैं कि इस बार 15 अगस्त पर मंत्री अपने प्रभार के जिलों में झंडावंदन करेंगे. इस लिहाज से ये तय माना जा रहा है कि इसी पखवाड़े में मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले मिल सकते हैं.
55 जिले और मंत्री 32 कैसे होगा बंटवारा
बताया ये जा रहा है कि पूरे 55 जिलों में मंत्रियों को प्रभार का जिला सौंपे जाने की तैयारी है. ऐसे मुमकिन है कि कुछ मंत्रियों के हिस्से दो जिलों का प्रभार भी आ सकता है. खास तौर पर तजुर्बेदार मंत्रियों को दो जिलों का प्रभार दिए जाने की संभावना है. इनमें से कई मंत्रियों को उनके गृह जिले के प्रभार का प्रयोग भी हो सकता है. हालांकि पिछली सरकार में इसमें एहतियात बरती गई थी. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर के मुताबिक चूंकि 'विधानसभा चुनाव के ठीक बाद लोकसभा चुनाव थे. लिहाजा सीएम डॉ मोहन यादव मंत्रियों को प्रभार का जिला नहीं सौंप पाए, लेकिन मुझे लगता है देर आयद दुरुस्त आए का फैसला होगा. कैबिनेट में अभी जिस तरह से असंतोष फूटा, उसके बाद मोहन यादव और ज्यादा एहतियात से प्रभार के जिले सौपेंगे.'
कद्दावर मंत्रियों को बड़ा प्रभार
माना जा रहा है कि प्रभार के जिलों को लेकर भी क्राइटेरिया अघोषित रुप से तय है. जिसमें ये तय माना जा रहा है कि तजुर्बेदार मंत्रियों को दो जिलों का भी प्रभार दिया जा सकता है. प्रमुख जिलों को लेकर भी ये ही क्राइटेरिया रहेगा. जबकि पहली बार और नए मंत्री एक एक जिले का जिममा संभालेंगे.