भोपाल। मोहन यादव कैबिनेट की बैठक में तय किया गया कि शुरुआत में विधायक विश्राम गृह के खंड 1 और शॉपिंग कॉम्पलेक्स को तोड़कर उसके स्थान पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में 102 फ्लैट बनाए जाएंगे. कैबिनेट ने इसके लिए 159.13 करोड़ की स्वीकृति दे दी है.
विधायकों को अब 3 बीएचके फ्लैट मिलेंगे
विधायकों के लिए लंबे समय से चली आ रही अच्छे आवास की समस्या को डॉ. मोहन यादव सरकार ने दूर कर दिया है. करीब 68 साल बाद अब विधायकों के आवास के लिए नई इमारत बनाई जाएगी. प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री डॉ.राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि इसके लिए कैबिनेट ने 159.13 करोड़ की स्वीकृति दी दी है. विधायकों के आवास के लिए एक भी पेड़ काटे बिना नए आवास का निर्माण कराया जाएगा.
- विधायकों के यह नए आवास पुराने विधायक विश्राम गृह को तोड़कर बनाए जाएंगे. पहले चरण में खंड 1 और शॉपिंग कॉम्पलेक्स को तोड़ा जाएगा.
- पुराने विश्राम गृह के स्थान पर छह-छह मंजिला इमारत बनाई जाएगी. पहले चरण में 102 फ्लैट बनाए जाएंगे.
- विधायकों के लिए आवास बनाने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी गई है.
- विधायकों के आवास 3 बीएचके होंगे. यानी इसमें 3 बेडरूम होंगे. बड़ा हॉल होगा. इसमें सर्वेंट के लिए भी एक अलग से रूप की व्यवस्था की जाएगी. फ्लैट करीब 2600 वर्गफीट का होगा.
- विधायकों के नए आवास पुराने आवास के मुकाबले काफी बड़े होंगे. इसमें एक अलग से मीटिंग हॉल भी बनाया जाएगा. विधायक के लिए एक अलग से ऑफिस के लिए कमरा होगा.
- छह मंजिला इमारत के बेसमेंट में पार्किंग की व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा विधायकों के लिए जिम, स्वीमिंग पूल की भी इसमें व्यवस्था की जाएगी. कैंटीन भी बनाई जाएगी.
- नए विधायक आवास में पारिवारिक कार्यक्रम करने के लिए एक सभागार भी बनाया जाएगा.
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विधायकों के नए आवास का हो चुका है प्रजेंटेशन
उपमुख्यमंत्री डॉ. राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि नए आवास बनने के लिए विधायकों के लिए जगह की कमी की समस्या खत्म हो जाएगी. अभी जो आवास हैं, वह अपेक्षाकृत बहुत छोटे हैं. साथ ही इसकी संख्या भी कम है. नए भवन भविष्य के जरूरतों को देखते हुए बनाए जाएंगे. विधायकों के आवास को लेकर पूर्व में ही मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय के समक्ष प्रस्तुतीकरण हो चुका है. मध्यप्रदेश विधानसभा पहले 320 सदस्यीय हुआ करती थी. इसको देखते हुए विधायकों के लिए भोपाल में विधायक विश्राम गृह में 1956 में और फिर 1970 के दशक में आवास बनाए गए थे. हालांकि छत्तीसगढ़ के विभाजन के बाद मध्यप्रदेश में विधानसभा में सदस्यों की संख्या घटकर 230 रह गई. माना जा रहा है कि विधायकों के नए आवास 16 वीं विधानसभा की अवधि पूर्व होने के पहले ही तैयार हो जाएंगे.