भोपाल: मोहन यादव सरकार की कैबिनेट बैठक में सीनियर मंत्रियों के शामिल न होने को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में एक बार फिर वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय नहीं दिखाई दिए. यह लगातार चौथा मौका है जब वह कैबिनेट बैठक में नजर नहीं आए. कांग्रेस ने इसको लेकर प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने आरोप लगाया कि सरकार में उनकी उपेक्षा का यह परिणाम है, जो बताता है कि सरकार के अंदर सब ठीक नहीं है. उधर, इस मामले में बीजेपी ने सफाई दी है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने ली चुटकी
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने इसको लेकर चुटकी लेते हुए कहा कि, "सरकार में कैलाश विजयवर्गीय सबसे वरिष्ठ हैं और लगातार उनका बैठक में मौजूद न होना अपने आप में सवाल खड़े करता है. सरकार में उनकी उपेक्षा हो रही है. लगता है इसलिए उन्होंने कैबिनेट से ही दूरी बना ली है." कैबिनेट की बैठक में कैलाश विजयवर्गीय के अलावा, मंत्री प्रहलाद पटेल भी दो बैठकों से नदारद दिखाई दे रहे हैं.
बीजेपी ने किया पलटवार
कांग्रेस के आरोपों को लेकर बीजेपी ने पलटवार किया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सतेन्द्र जैन ने कहा कि, "कांग्रेस फिलहाल अपनी चिंता करे. महीनों के इंतजार के बाद कार्यकारिणी बनी और अब उनके नेता खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं. बीजेपी में समन्वय से काम चलता है. विजयवर्गीय पार्टी के सीनियर नेता है. उन्हें पार्टी ने महाराष्ट्र चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है. तमाम व्यस्तता के बावजूद भी वे डॉ. मोहन यादव के संपर्क में लगातार रहते हैं. उनके अलावा कई और मंत्रियों को भी चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है."
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महाराष्ट्र चुनाव में सक्रिय हैं बीजेपी के कई नेता
महाराष्ट्र में हो रहे चुनाव में मध्य प्रदेश बीजेपी के कई बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. कैलाश विजयवर्गीय के अलावा मंत्री प्रहलाद पटेल, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा लगातार महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय हैं. मुख्यमंत्री मोहन यादव भी लगातार प्रचारक के रूप में चुनावी सभाएं कर रहे हैं.