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'जिस पार्टी को साहेब ने सींचा आज उसी ने हमें इग्नोर किया', हेना शहाब का छलका दर्द - Hena Shahab On RJD

Hena Shahab On RJD: सिवान में हेना शहाब ने राजद पर निशाना साधा. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि पार्टी ने हमें इग्नोर करने का काम किया है. हेना शहाब सिवान लोकसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. पढ़ें पूरी खबर.

हेना शहाब
हेना शहाब
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 2, 2024, 4:40 PM IST

हेना शहाब

सिवानः राजद से टिकट नहीं मिलने पर दिवगंत नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब का दर्द छलका. उन्होंने राजद से नाराजगी जाहिर की और कहा कि उनके पति ने राजद को जमीन से आसमान तक पहुंचाने का काम किया. आज उनके जाने के बाद सभी लोग बदल गए. उनके परिवार को ही इग्नोर किया जा रहा है. हेना शहाब ने सिवान के लोगों से एक होने की अपील की है.

"साहेब ने जिस पार्टी को सींचकर जमीन से आसमान तक पहुंचाया. उनके जाने के बाद वे लोग इग्नोर करना शुरू कर दिया है. लेकिन कोई बात नहीं है. साहेब ने जो विकास की लकीर खींची है उसपर हमलोगों को गर्व है कि हम सिवान के हैं. हम चाहते हैं कि पूरा परिवार एक हो जाए. इसमें सबकी सहमति बनी रहे." -हेना शहाब, निर्दलीय उम्मीदवार, सिवान लोकसभा

राजद से नाराजगीः हेना शहाब मंगलवार को सिवान जिले के गुठनी क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए पहुंची. उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 'मैं चुनावी मैदान में निर्दलीय लड़ रही हूं. बता दें कि सीवान के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब का यह पहला मौका है जब उन्होंने राजद पर निशाना साधा है. शहाबुद्दीन की मौत के बाद लगातार शहाबुद्दीन परिवार और राजद में हमेशा दूरियां की खबरें आती रही.

हेना शहाब निर्दलीय लड़ेंगी चुनावः शहाबुद्दीन समर्थकों ने हेना शहाब को राज्यसभा भेजने की मांग की थी जिसको राजद ने इग्नोर करते हुए लालू यादव ने अपनी बेटी मीसा भारती को दोबारा राज्यसभा भेज दिया. शहाबुद्दीन समर्थक और राजद में दूरियां बढ़ गई. बीच में खबरें आई कि जल्द ही दूरियां खत्म हो जाएंगी. हेना शहाब को राजद लोकसभा का टिकट देगी लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ. अब हेना शहाब निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं.

दो बार राजद के टिकट मिलने के बाद हार गईः आपको बता दें कि दिवगंत नेता शहाबुद्दीन सबसे पहले 1990-95 सिवान के जीरादेई विधानसभा से निर्दलीय विधायक बने थे. इसके बाद 1996 से 2000 तक चार बार लोकसभा के लिए चुने गए. उन्होंने सिवान में वाम दल के मिथक को तोड़ा था. लेकिन उनके जेल जाने के बाद राजनीतिक जिम्मेदारी उनकी पत्नी हेना शहाब ने संभाली. राजद ने लोकसभा से दो बार टिकट दिया लेकिन उनकी हार हुई. अब पति की मौत के बाद पहली बार मैदान में उतरी हैं लेकिन राजद ने इसबार टिकट नहीं दिया. निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

यह भी पढ़ेंः सिवान की सियासत, वाम का किला हुआ था ध्वस्त, तीन बार हारने के बाद भी मैदान में साहेब की शहाब, मुकाबला होगा दिलचस्प - Loksabha Election 2024

हेना शहाब

सिवानः राजद से टिकट नहीं मिलने पर दिवगंत नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब का दर्द छलका. उन्होंने राजद से नाराजगी जाहिर की और कहा कि उनके पति ने राजद को जमीन से आसमान तक पहुंचाने का काम किया. आज उनके जाने के बाद सभी लोग बदल गए. उनके परिवार को ही इग्नोर किया जा रहा है. हेना शहाब ने सिवान के लोगों से एक होने की अपील की है.

"साहेब ने जिस पार्टी को सींचकर जमीन से आसमान तक पहुंचाया. उनके जाने के बाद वे लोग इग्नोर करना शुरू कर दिया है. लेकिन कोई बात नहीं है. साहेब ने जो विकास की लकीर खींची है उसपर हमलोगों को गर्व है कि हम सिवान के हैं. हम चाहते हैं कि पूरा परिवार एक हो जाए. इसमें सबकी सहमति बनी रहे." -हेना शहाब, निर्दलीय उम्मीदवार, सिवान लोकसभा

राजद से नाराजगीः हेना शहाब मंगलवार को सिवान जिले के गुठनी क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए पहुंची. उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 'मैं चुनावी मैदान में निर्दलीय लड़ रही हूं. बता दें कि सीवान के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब का यह पहला मौका है जब उन्होंने राजद पर निशाना साधा है. शहाबुद्दीन की मौत के बाद लगातार शहाबुद्दीन परिवार और राजद में हमेशा दूरियां की खबरें आती रही.

हेना शहाब निर्दलीय लड़ेंगी चुनावः शहाबुद्दीन समर्थकों ने हेना शहाब को राज्यसभा भेजने की मांग की थी जिसको राजद ने इग्नोर करते हुए लालू यादव ने अपनी बेटी मीसा भारती को दोबारा राज्यसभा भेज दिया. शहाबुद्दीन समर्थक और राजद में दूरियां बढ़ गई. बीच में खबरें आई कि जल्द ही दूरियां खत्म हो जाएंगी. हेना शहाब को राजद लोकसभा का टिकट देगी लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ. अब हेना शहाब निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं.

दो बार राजद के टिकट मिलने के बाद हार गईः आपको बता दें कि दिवगंत नेता शहाबुद्दीन सबसे पहले 1990-95 सिवान के जीरादेई विधानसभा से निर्दलीय विधायक बने थे. इसके बाद 1996 से 2000 तक चार बार लोकसभा के लिए चुने गए. उन्होंने सिवान में वाम दल के मिथक को तोड़ा था. लेकिन उनके जेल जाने के बाद राजनीतिक जिम्मेदारी उनकी पत्नी हेना शहाब ने संभाली. राजद ने लोकसभा से दो बार टिकट दिया लेकिन उनकी हार हुई. अब पति की मौत के बाद पहली बार मैदान में उतरी हैं लेकिन राजद ने इसबार टिकट नहीं दिया. निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

यह भी पढ़ेंः सिवान की सियासत, वाम का किला हुआ था ध्वस्त, तीन बार हारने के बाद भी मैदान में साहेब की शहाब, मुकाबला होगा दिलचस्प - Loksabha Election 2024

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