वाराणसी: भारत का चुनाव प्रचार साल 2013 से पहले सोशल मीडिया पर अधिक निर्भर रहने के बजाय फिजिकल कैंपेनिंग पर निर्भर था. गलियों-गलियों में पोस्टर, बैनर, झंडे टंगे होते और प्रत्याशी अपना मैनिफेस्टो मुंहजबानी रटकर चलते थे. साल 2013 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैंपेन करने से लेकर लोगों को तक पहुंच बनाने तक का रास्ता डिजिटल होकर तय किया. इसके बाद हर पार्टी ने इस तरह के कैंपेन को अपना लिया. लेकिन, इस बार पीएम मोदी दो कदम और आगे निकल गए हैं. उन्होंने अपने बैनर-पोस्टर पर क्यूआर कोड लगवाए हैं, जिन्हें स्कैन करने पर आपको पिछले 10 साल के काम का रिपोर्ड कार्ड देख सकेंगा.
विपक्षी नेता जता रहे हैं विरोध: पीएम मोदी की टीम नें विपक्ष से आगे निकलकर इस तरह से तरीका अपनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस तरीके से चुनाव प्रचार पर विपक्षी नेताओं ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. विपक्ष के नेताओं का कहना है कि आचार संहिता के दौरान अपने काम का प्रचार-प्रसार डिजिटल या किसी फॉर्मेट में सरकार नहीं कर सकती है. इसीलिए, शहरों में लगे बैनर पोस्टर उतरवाने का काम चुनाव आयोग द्वारा किया जाता है. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ही संसदीय क्षेत्र में इस तरीके का चुनाव प्रचार कर रहे हैं, जिसमें वे सरकार के काम को गिनाने का काम प्रचार माध्यम से कर रहे हैं.
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क्यूआर से नरेंद्र मोदी ऐप हो रहा डाउनलोड: काशी में लगे बैनरों में क्यूआर कोड को जब आप स्कैन करेंगे, तो आपको गूगल प्ले स्टोर पर रीडायरेक्ट कर दिया जा रहा है. यहां पर आपको नरेंद्र मोदी ऐप डाउनलोड करने का ऑप्शन मिल रहा है. जब ऐप डाउनलोड कर लेते हैं तो नोटिफिकेशन अलाउ, कॉल कंट्रोल अलाउ का ऑप्शन आता है. इससे आगे बढ़ने पर फोटो गैलरी, नमो टीवी, काशी विकास यात्रा, नमो मर्चेंडाइज, परीक्षा पर चर्चा, मन की बात, कनेक्ट विथ पीएम, एग्जाम वॉरियर्स और सेलिब्रेटिंग मदरहुड का ऑप्शन आता है. साथी भाजपा के स्लोगन 'अबकी बार 400 पार' के साथ ही साथ पीएम मोदी के भाषण और उनको लेकर लेख मिलते हैं.
'वाराणसी की जनता को बनाया जा रहा मूर्ख': यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भी भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है, कि हम इनको इस बार गुजरात भेजने का काम करेंगे. भाजपा की सरकार ने यहां के मौजूदा सांसद वाराणसी को एक्सपेरिमेंट का केंद्र बना दिया है. उन्होंने कहा, कि विकास के नाम पर सिर्फ हजारों करोड़ रुपये गिनाए गए हैं. लेकिन, धरातल पर कुछ नहीं हुआ है. बंदरगाह की बात हुई थी, लेकिन कहीं कुछ नहीं है. एक भी जहाज आकर नहीं रुकी. गलियां जाम हैं, नालियां जाम हैं. वाराणसी की जनता को मूर्ख बनाने का काम किया गया है. अजय राय ने रोपवे को लेकर कहा कि यह योजना लोगों की निजता का हनन करने वाली है. यह जल्द ही बंद भी हो जाएगी.
नरेंद्र मोदी ने डिजिटलाइजेशन का खूब किया प्रयोग: काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के लिए डिजिटलाइजेशन का खूब प्रयोग किया है. उन्होंने साल 2013 के कैंपेन से लेकर आज तक इस सुविधा का भरपूर इस्तेमाल किया है. वह लगातार सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहते हैं. इसके साथ ही प्रचार माध्यम के रूप में रेडियो का भी उन्होंने बेहतरीन इस्तेमाल किया. 'मन की बात' के माध्यम से पीएम मोदी ने लोगों से सीधा संपर्क साधने का व्यापक तरीका खोज निकाला. इसके साथ ही गलियों-मोहल्लों तक अपने भाषणों को पहुंचाने के लिए टीवी स्क्रीन का प्रयोग करना शुरू कर दिया. पीएम मोदी ने अन्य पार्टियों की अपेक्षा सबसे अधिक इस तरीके का प्रयोग किया है.
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