पटना: भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में अपने टिकट बंटवारे से राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है. कुछ बड़े नेता धराशायी हो गए है. दो बार लगातार सांसद रहने के बाद भी पार्टी ने उन्हें बेटिकट कर दिया. मिसाल के तौर पर मोदी कैबिनेट के मंत्री अश्विनी चौबे को तीसरी बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. पार्टी ने बक्सर लोकसभा सीट से युवा चेहरे मिथिलेश तिवारी को मौका दिया है.
चुनाव लड़ना चाहते थे चौबे: अश्विनी चौबे इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि बक्सर लोकसभा सीट से मैं ही चुनाव लड़ूंगा. ऐसे में टिकट नहीं मिलने पर अश्विनी चौबे पार्टी के फैसले से नाराज तो है लेकिन अब तक उनकी नाराजगी उभर कर नहीं आई है. फिलहाल उन्होंने अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ कर रखा है.
बेटे को मिला था ऑफर: बता दें कि अश्वनी चौबे को भाजपा के एक बड़े नेता ने टिकट की घोषणा होने से पहले ऑफर दिया था कि आप अपने पुत्र अर्जित शाश्वत को चुनाव लड़ने दीजिए, लेकिन अश्विनी चौबे ने मना कर दिया था. जिसके एक बड़ा खामियाजा उन्हें भूगतना पड़ रहा है.
सांसद रमा देवी भी नाखुश: वहीं, 75 की उम्र पार कर चुकी शिवहर सांसद रमा देवी का भी टिकट कट गया है. हालांकि रामादेवी इस बात से भी नाराज है कि 75 की उम्र पार कर चुके राधा मोहन सिंह को टिकट मिल गया, लेकिन उनका एकोमोडेशन नहीं किया गया.
रामादेवी पर लालू यादव की नजर: गौरतलब हो कि रामादेवी का जुड़ाव राष्ट्रीय जनता दल से भी रहा है. वह राजद से ही भाजपा में आई है. अति पिछड़ा समुदाय से आने के चलते रामादेवी पर लालू प्रसाद यादव की नजर है. शिवहर सीट को अब तक लालू यादव ने फाइनल नहीं किया है. बाहुबली नेता रामा सिंह भी वहां से टिकट चाहते हैं. रामादेवी से किसी तरह के संवाद स्थापित नहीं हो रही है. उन्होंने भी मोबाइल बंद रखा हुआ है.
छेदी पासवान भी लड़ना चाहते थे चुनाव: इधर, सासाराम से सांसद छेदी पासवान का टिकट कट गया है. छेदी पासवान 70 की उम्र पार कर चुके हैं और तीसरी बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है. हालांकि वह लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. छेदी पासवान जदयू की सियासत करते रहे हैं. बाद में वह भाजपा में शामिल हुए थे. इस बार भी छेदी पासवान चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें मैदान में उतारना मुनासिब नहीं समझा. शिवेश राम को सासाराम लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनाया गया है. छेदी पासवान ने भी अपना मोबाइल बंद कर रखा है.
राजभूषण निषाद को उम्मीदवार बनाया: मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद का भी टिकट कट गया है. अजय निषाद पिछले दो बार से सांसद हैं और कैप्टन जय नारायण निषाद के पुत्र होने का उन्हें फायदा मिला है. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने राजभूषण निषाद को उम्मीदवार बनाया है. अजय निषाद की भविष्य में रणनीति क्या होगी इसका अब तक खुलासा तो नहीं हुआ है लेकिन अजय निषाद ने भी मोबाइल बंद कर रखा है और मीडिया से बातचीत नहीं कर रहे है.
भविष्य की रणनीति बनाने में जुटे नेता: राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि जिन नेताओं के टिकट कटे हैं उनके अंदर नाराजगी है. नेता भविष्य की रणनीति बनाने में जुटे हैं. लालू प्रसाद यादव ने भी अब तक सीट घोषित नहीं किया है. रामदेवी और अजय निषाद पर राष्ट्रीय जनता दल की नजर होगी.
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