पाकुड़: जैसे ही लोकसभा या विधानसभा का चुनाव सामने आता है, वैसे ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ नजर आने लगता है और चुनाव खत्म होते ही घुसपैठियों पर नजर नहीं पड़ती. यह सब सिर्फ सेंटीमेंट भड़काने का काम करता है, इससे न तो कोई असर मतदाताओं पर पड़ेगा और न ही मतदान पर कोई असर होगा क्योंकि लोग समझ गए है कि यह सिर्फ भाजपा की एक चाल है. ये बातें झामुमो विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी ने कही.
झामुमो विधायक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एवं नरेंद्र मोदी की सरकार सिर्फ और सिर्फ गठबंधन को कमजोर करने के लिए हर तरह का हथकंडा अपना रही है. विधायक ने कहा कि चुनाव के वक्त ईडी की कार्रवाई से यह साफ झलक रहा है. यह कार्रवाई चुनाव के बाद भी हो सकती थी, लेकिन जानबूझ कर नेताओं को फंसाने एवं जेल भेजने का काम किया ताकि गठबंधन की सरकार कमजोर पड़े और इसका फायदा ये चुनाव में उठा सके.
उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से झारखंड में हम कमजोर नहीं बल्कि और मजबूत हुए है. इसका जवाब 4 जून को मिल जाएगा. विधायक ने कहा कि हमारे नेता हेमंत सोरेन को जेल भेजने से यहां के जनता में आक्रोश बढ़ गया है और हेमंत सोरेन के रहते जितनी चुनावी सभा में भीड़ नहीं देखी गयी थी उससे कही ज्यादा कल्पना सोरेन की सभाओं में देखने को मिल रही है. विधायक ने कहा कि हाल के दिनों में सुनने मिला कि मंत्री हफीजुल एवं बादल पत्रलेख को भी समन मिला है, इससे यह साबित हो रहा है कि प्रभावपूर्ण कार्य से परेशान ये लोग चुनाव प्रचार को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं.
बता दे कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उपराजधानी दुमका में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए झामुमो और कांग्रेस पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था.
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